किसान साथियों नमस्कार, धान (चावल) की अच्छी पैदावार के लिए यूरिया एक महत्वपूर्ण नाइट्रोजनयुक्त खाद है। यूरिया का सही समय और सही मात्रा में उपयोग करने से पौधों की वृद्धि अच्छी होती है और उपज बढ़ती है। तो आइए जानते हैं कि धान की फसल में पहला यूरिया कब डालना चाहिए?
धान में यूरिया डालने का सही समय
धान में यूरिया को 3 बार विभाजित करके डाला जाता है। पहली बार यूरिया डालने का सबसे उचित समय रोपाई के 10-15 दिन बाद का होता है। इस समय पौधे की जड़ें मजबूत हो रही होती हैं और नई पत्तियाँ निकल रही होती हैं। यूरिया देने से पौधों की वानस्पतिक वृद्धि तेज होती है। अगर धान की सीधी बुवाई (बिना रोपाई) की गई है, तो बुवाई के 20-25 दिन बाद पहली यूरिया डालें।
धान में यूरिया की कितनी मात्रा डालें
धान की फसल में यूरिया की मात्रा मिट्टी की उर्वरता और किस्म पर निर्भर करती है, लेकिन सामान्यतः निम्नलिखित मात्रा का उपयोग किया जाता है:-
फसल अवस्था | यूरिया की मात्रा (प्रति एकड़) |
---|---|
पहली टॉप ड्रेसिंग (रोपाई के 10-15 दिन बाद) | 25-30 किलोग्राम |
दूसरी टॉप ड्रेसिंग (कल्ले फूटते समय, 25-30 दिन बाद) | 25-30 किलोग्राम |
तीसरी टॉप ड्रेसिंग (बाली निकलने से पहले, 35-40 दिन बाद) | 10-15 किलोग्राम |
कुल यूरिया: लगभग 50-75 किलोग्राम प्रति एकड़ (मिट्टी परीक्षण के अनुसार प्रयोग करें)।
धान की फसल में पहला यूरिया के साथ क्या डालें
धान की फसल में पहले यूरिया के साथ आप रीजेंट 0.6% की 4kg मात्रा प्रति एकड़ डालें। रीजेंट आपकी फसल को दीमक और जमीन से लगने वाले अन्य कीटों से सुरक्षा करेगा। इसके साथ आप इस समय ग्रोथ प्रमोटर जैसे- सागरिका (इफको), माइकोराइजा।
यूरिया के साथ अन्य सावधानियाँ
- मिट्टी परीक्षण जरूर करवाएँ ताकि पता चल सके कि कितनी यूरिया की आवश्यकता है।
- जैविक खाद (गोबर खाद/कम्पोस्ट) के साथ यूरिया का उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
- यूरिया का अधिक प्रयोग न करें, नहीं तो पौधे लंबे होकर गिर सकते हैं और रोग लगने का खतरा बढ़ सकता है।
धान की फसल में पहली यूरिया रोपाई के 10-15 दिन बाद डालनी चाहिए। इससे पौधों की प्रारंभिक वृद्धि अच्छी होती है। यूरिया को 2-3 बार में बाँटकर डालें और मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार मात्रा निर्धारित करें। सही समय पर यूरिया का उपयोग करने से धान की पैदावार और गुणवत्ता दोनों बढ़ती है।
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