कृषि
धान के जैसे पैदावार देने वाली गेहूं की सबसे अच्छी किस्म(2024):wheat variety of mahyco company
मुकुट प्लस (MWL 6278) गेहूं किस्म महीको इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की एक रिसर्च किस्म है। यह एक अच्छी लंबाई वाले गेहूं किस्म है। इसकी लंबाई 105 से 110 सेंटीमीटर तक रहती है। इस गेहूं में कल्ले अधिक निकलते हैं। और तना मजबूत होता है। जिससे यह गिरने के प्रति सहनशील है।
घर से गेहूं का बीज बोने से पहले जांच लें ये बातें नहीं तो पछताना पड़ सकता है(2024):Method of preparing wheat seeds at home
बीज कंपनियों के बीज महंगे होने की वजह से किसान घर का गेहूं बीज डालने के लिए मजबूर हो रहे हैं। बीज कंपनियां अपने बीज को ₹1500 से लेकर ₹3000 प्रति एकड़ के हिसाब से बेच रही है। कुछ कंपनियों के बीच तो किसानों की पहुंच से इतनी दूर हैं, कि वह चाह कर भी उनके बीज नहीं खरीद सकते।
सरसों वाले किसान सावधान:समय पर करें इस रोग की रोकथाम नहीं तो नष्ट हो सकती है आपकी सरसों की फसल(2024),The most dangerous disease of mustard
जड़ गलन एक फंगस जनित रोग है। इस रोग की फंगस जमीन में रहती है। जो लम्बे समय तक जमीन में जीवत रहने की क्षमता रखती है। यह फंगस पौधों को इफेक्ट करके उनकी जड़ों को गला देती है। इस रोग में पौधे की जड़ें बारीक धागे के आकार की रह जाती हैं, और धीरे-धीरे पौधा सूख जाता है।
गेहूं किस्मों में सबका बाप है ये गेहूं किस्म(2024):श्रीराम सीड्स की सबसे अधिक पैदावार देने वाली गेहूं किस्म
गेहूं की यह एक मध्यम लंबाई वाली गेहूं किस्म है। इसकी लंबाई लगभग 90 से 95 सेंटीमीटर तक रहती है। इसका तना मजबूत होता है। जिससे यह गिरने के प्रति सहनशील है। गेहूं की इस किस्म में कल्ले अधिक मात्रा में फूटते हैं, इसमें 12 से 15 कल्ले आसानी से निकल आते हैं।
डीएपी और एसएसपी को छोड़ गेहूं बजाई में करें इस ताकतवर खाद का इस्तेमाल(2024):Best fertilizer for wheat sowing
गेहूं की बिजाई करते समय हमें एनपीके यानी नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का मिश्रण डालना पड़ता है। जिससे पौधे को शुरू से ही तीनों तत्वों की पूर्ति हो सके और वह जल्दी बढ़वार करें।
बंपर पैदावार के लिए इस समय करें गेहूं की बिजाई(2023):Right time to sow wheat
गेहूं की बिजाई हम तीन चरणों में करते हैं- पहले चरण अगेती बजाई के लिए, दूसरा चरण समय पर बिजाई के लिए और तीसरा चरण पिछेती बिजाई के लिए। पहले चरण में हम उन किस्मों का चयन करना चाहिए हैं, जो पकने में अधिक समय लेती हैं। दूसरे चरण में हम मध्य समय में पकने वाली किस्म का प्रयोग करते हैं, और तीसरा चरण में हम कम समय में पकने वाली किस्म का प्रयोग करते हैं। गेहूं की बजाई करने के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तक होता है।
इस वैज्ञानिक तरीके से करें गेहूं बिजाई से पहले बीज उपचार(2023):Treat seeds using F.I.B method
F.I.B का मतलब फंगीसाइड, इंसेंटिसाइड और बैक्टीरियासाइड यानी फूफंदी नाशक से बीज उपचार, कीटनाशक से बीज उपचार और जीवाणुनाशक से बीज उपचार करना। इसमें सबसे पहले आपको फफूंदी नाशक से, उसके बाद कीट नाशक से और बाद में जीवाणु नाशक से इन तीनों से बीज उपचार करना चाहिए
बरानी क्षेत्र के लिए बनाई गई है ये खास गेहूं की तीन किस्में(2023):Wheat varieties of HAU
बरानी क्षेत्र के लिए चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार (हरियाणा) द्वारा तीन किस्में बनाई गई है। जो किसानों को पिछले काफी समय से अच्छी पैदावार निकाल कर दे रही हैं।
20 से 25 फुट लंबाई वाले गन्ने की किस्म के बारे में जानें:रोग रहित गन्ना किस्म,महाराष्ट्र की गन्ना किस्म
CO-8005 गन्ना किस्म महाराष्ट्र की गन्ना किस्म है। यह एक रोग रहित गन्ना किस्म है। इसमें पोका बोइंग या टॉप बोरर जैसे रोगों की कोई समस्या नहीं रहती। इसका अगोला गहरे हरे रंग का होता है। इस गन्ने की लंबाई 20 से 25 फीट तक हो जाती है। इस गन्ने की सबसे बड़ी समस्या गिरने की है।
सरसों में यूरिया डालने का सही समय और मात्रा के बारे में जाने(2023):Right way to add fertilizer in mustard
सरसों की फसल में हमें 50 किलोग्राम डीएपी, 100 किलोग्राम यूरिया, 30 किलोग्राम पोटाश, 20 किलोग्राम सल्फर और 6 किलोग्राम जिंक प्रति एकड़ प्रयोग करनी जरूरी है।
पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा पसंद की जाने वाली गेहूं की खास उन्नत किस्म की करें बजाई:अधिक पैदावार, सम्पूर्ण जानकरी
गेहूं की यह किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2013-14 में बनाई गई। गेहूं की यह एक रिसर्च किस्म है। गेहूं की इस किस्म की नाली मोटी और मजबूत होती है। जिससे यह तेज हवाओं में नहीं गिरती। यह एक मध्यम ऊंचाई वाली गेहूं की समय है।
बंपर पैदावार के लिए कठोर, मोटे और चमकदार दाने वाली इस गेहूं किस्म की करें बजाई(2024):Wheat variety of Shriram Seeds
श्रीराम सुपर-111 श्रीराम सीड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की एक रिसर्च गेहूं की किस्म है। गेहूं की यह एक मध्यम ऊंचाई वाली गेहूं किस्म है। इसकी ऊंचाई लगभग 100 सेंटीमीटर तक रहती है। गेहूं की इस किस्म का दाना कठोर, मोटा और चमकदार होता है। दाना मोटा होने के कारण इस किस्म की रोटी भी अच्छी बनती है।
लेट बजाई और रोगों से लड़ने की क्षमता रखने वाली इस खास गेहूं किस्म की बिजाई करें(2023):Wheat variety of Punjab Agricultural University
गेहूं की PB-373 गेहूं किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई एक रिसर्च गेहूं किस्म है। यह एक मध्यम ऊंचाई वाली गेहूं किस्म है। इसकी ऊंचाई 90 सेंटीमीटर के लगभग रहती है।
WH-1105 गेहूं किस्म की विशेषताएं:best variety of wheat
WH-1105 चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हिसार) द्वारा बनाई गई एक रिसर्च गेहूं किस्म है। इसकी लंबाई लगभग 97 से 100 सेंटीमीटर तक रहती है। इस गेहूं की सबसे खास बात यह है, कि इसका तना मजबूत होता है। और यह तेज हवाओं में भी गिरती नहीं है।
C–306 गेहूं किस्म की विशेषताएं:गेहूं की देसी किस्म
C–306 चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा वर्ष 1969 में निकल गई थी। गेहूं की इस किस्म की लंबाई अधिक होती है। इस किस्म की लंबाई 110 से 115 सेंटीमीटर के लगभग रहती है। लंबाई अधिक होने के कारण इस गेहूं किस्म में गिरने की समस्या रहती है।
गेहूं में बिजाई के तुरंत बाद खरपतवारों को उगने से रोकने वाली इस सस्ती दवाई का इस्तेमाल करें(2024):किसान अपना समय और पैसा बचाएं
किसान साथियों गेहूं में बहुत सारे संकरी और चौड़ी पत्ती के खरपतवार उग जाते हैं। खरपतवारों को हम दो तरीके से नष्ट सकते हैं, उगने से पहले और उगाने के बाद। लेकिन कुछ खरपतवार जो जो गेहूं की फसल में अधिक मात्रा में उगते हैं। उनमें गुल्ली डंड (मांडुसी) मुख्य खरपतवार है।
HI-8663 गेहूं किस्म की विशेषताएं:HI-8663 Wheat Top Variety
HI-8663 मध्य प्रदेश की एक रिसर्च गेहूं किस्म है। जो गर्मी को आसानी से सहन करने की क्षमता रखती है। गेहूं की इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है। इस किस्म को रोटी के अलावा सूजी और पास्ता बनने के लिए भी अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है।
PBW उन्नत-343 गेहूं किस्म की विशेषताएं:PBW UNAT-343 Wheat Variety
PBW उन्नत-343 गेहूं किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की एक रिसर्च गेहूं किस्म है। जो वर्ष 2007-08 में बनाई गई थी। यह एक पुरानी किस्म है, जिसमें पीले रतुआ रोग की शिकायत होने की वजह से इसको 2017 में वैज्ञानिकों ने दोबारा से इस किस्म में सुधार करके इसे पीला रतुआ और भूरा रतुआ रोग के प्रति सहनशील बनाया और इस किस्म को नया नाम दिया गय- PBW उन्नत-343