Plant Growth Promoter Used in Organic Farming:- किसान साथियों नमस्कार, बाजार में आपको कई तरह के ग्रोथ प्रमोटर देखने को मिलते हैं। इन ग्रोथ प्रमोटर में मुख्य की बात करें। तो इसमें ह्यूमिक एसिड, फुलविक एसिड, एमिनो एसिड, मायकोरिजल और ट्रायकोन्टानॉल आदि टेक्निकल पाए जाते हैं। इनमें से ज्यादातर टेक्निकल ऑर्गेनिक तरीके से बनाए जाते हैं। आज मैं आपको इनमें से एक ऐसे तत्वों के बारे में बताऊंगा। जिसका प्रयोग आप ऑर्गेनिक खेती में कर सकते हैं। यह एक प्राकृतिक तत्व है। इस तत्व को ट्रायकोन्टानॉल के नाम से जानते हैं। ट्रायकोन्टानॉल आपको दानेदार और और तरल दोनों प्रकार से बाजार में देखने को मिल जाता है। इस लेख में मैं आपको ट्रायकोन्टानॉल के लाभ और इसका प्रयोग हम किन-किन फसलों में कर सकते हैं। इस बारे में संपूर्ण जानकारी दूंगा। कृपा पूरा लेख पढ़ें।
ट्रायकोन्टानॉल का फसलों पर लाभ
ट्रायकोन्टानॉल पौधें में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज करता है। जिससे पौधा मिट्टी में पड़े तत्वों को आसानी से उठता है। दूसरा यह पौधे की भूख बढ़ाने का भी काम करता है। जिससे पौधों को जल्दी-जल्दी और अधिक खाने की आवश्यकता पड़ती है। वह मिट्टी में पड़े अघुलनशील तत्वों को भी लेने की पर जोर लगता है। यह पौधे में स्ट्रेस को भी काम करता है।
ट्रायकोन्टानॉल प्रयोग किन-किन फसलों में करें
किसान साथियों ट्रायकोन्टानॉल का प्रयोग आप सभी प्रकार की फसलों में कर सकते हैं। इसमें सब्जी वर्गीय फसलें, फुल वर्गीय फसलें या अनाज वर्गीय फसलें सभी में आप इनका प्रयोग कर सकते हैं। दानेदार ट्रायकोन्टानॉल की 5 से 7 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है। और तरल ट्रायकोन्टानॉल 400ml से 500ml मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है। गन्ना वर्गीय फसलों में इसकी मात्र दुगनी हो जाती है।
ट्रायकोन्टानॉल का जैविक खेती में प्रयोग
किसान साथियों ट्रायकोन्टानॉल का आप जैविक खेती में भी प्रयोग कर सकते हैं। यह एक आर्गेनिक तरीके से तैयार किया गया उत्पाद होता है। यह मधुमक्खियां के मोम से निकाला जाता है। जो हमारी फसलों या मिट्टी पर किसी भी प्रकार का कोई असर नहीं करता। इसका मनुष्य पर भी किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। यह एक शुद्ध प्लांट ग्रोथ प्रमोटर होता है। इसके फसलों पर भी काफी अच्छे रिजल्ट देखे जाते हैं। इसका प्रयोग आप जैविक खेती में भी कर सकते है।
अगर आपने भी ट्रायकोन्टानॉल का प्रयोग अपनी फसलों में किया है। आपको इसके कैसे रिजल्ट देखने को मिले। कृपया कमेंट के माध्यम से जरूर जरूर बताएं और इसे आगे अन्य किसानों तक अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!