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प्याज में पहला मुख्य स्प्रे:First main spray in onion
पिछले 15 से 20 दिन से धुंध और ठंड अधिक पढ़ने की वजह से प्याज में इतनी अच्छी ग्रोथ नहीं दिख रही। क्योंकि आपने जमीन में जो भी खाद और न्यूट्रिएंट्स का प्रयोग किया था। धुप ना निकलने के कारण पौधे उन्हें ग्रहण नहीं कर पाया। क्योंकि सूर्य के प्रकाश के बिना पौधे जमीन से तत्वों को ग्रहण नहीं करते। इसी कारण से आपको अपने प्याज की फसल में ग्रोथ नहीं दिख रही। इस समय आपको प्याज में ग्रोथ करवाने के लिए उसमें स्प्रे के द्वारा खादों और न्यूट्रिएंट्स को देना पड़ेगा।
प्याज में पहला मुख्या खाद:ग्रोथ बढ़ाने का सबसे सही समय:Right time to give first fertilizer to onion
प्याज एक कंद वर्गीय फसल है। जिसकी रोपाई की जाती है। प्याज की रोपाई आमतौर पर पौध उखाड़ने के तुरंत बाद की जाती है। रोपाई के तुरंत बाद ही उसमें पानी भी लगते हैं। प्याज में हमें 40 से 45 दिन पर यूरिया की मात्रा को पूरा कर देना चाहिए। क्योंकि इसके बाद यूरिया देने से उसमें नुकसान होता है। प्याज में पहले खाद हमारी पैदावार को बढ़ाने का काम करता है। क्योंकि यह समय वानस्पतिक वृद्धि का होता है। पौधा उखाड़ कर लगाने के बाद इस समय पौधा अपनी जड़ों की पकड़ को बनता है। और उसे इस समय नाइट्रोजन की अधिक मात्रा की आवश्यकता पड़ती है।
राधिका भिंडी किस्म की मुख्य विशेषताएं:hybrid variety of okra
राधिका एडवांटा गोल्डन सीड्स की एक हाइब्रिड किस्म है। एडवांटा UPL का एक ब्रांड है। जो मुख्ता सभी प्रकार की फसलों के बीज किसानों के लिए बनता है। भिंडी की इस किस्म की पहली तुड़ाई 45 से 50 दिन पर हो जाती है। यह किस्म लंबे समय तक फल देने के लिए जानी जाती है। यह किस्म औसतन 5 से 6 महीने फल आराम से दे देती है। लेकिन इस फसल से आप 8 से 9 महीने तक फल ले सकते हैं। इसके लिए आपको इसमें खादों और स्प्रे का प्रयोग समय पर करना पड़ेगा। भिंडी की इस किस्म की लंबाई मध्यम होती है। इस किस्म में पीला मोजेक वायरस और लीफ कार्ल वायरस बहुत कम मात्रा में लगते हैं।
लहसुन में आखिरी खाद कौन सा डालें:पैदावार बढ़ाने के लिए सही समय और सही मात्रा देना जरूरी:Time to apply last fertilizer to garlic
इस समय सभी किसानों की लहसुन की फसल लगभग 90 से 100 दिन की हो गई है। यह समय लहसुन में कंद बनने का होता है। लहसुन की लगभग सभी प्रकार की किस्म 120 से 160 दिन में पककर तैयार हो जाती हैं। आप इन इन किस्म में खाद डालते समय वैरायटी के हिसाब से 5-10 दिन ऊपर नीचे कर सकते हैं। लहसुन में आखिरी खाद आपकी पैदावार को बढ़ाने के साथ-साथ आपकी लहसुन की क्वालिटी को भी सुधरता है। जिससे आपके बाजार में अच्छे भाव मिल जाते हैं।
प्याज में पौधा सुखना या जड़ गलन समस्या:क्या करें किसान, संपूर्ण जानें:Main reason for drying of onion plants
पिछले एक महीने से मौसम में लगातार नमी बनी हुई है, और धूप ना निकलने के कारण फसलों में फंगस जनित रोग अधिक मात्रा में फैल रहे हैं। लहसुन में रोपाई के बाद पौधे सूखने की समस्या आमतौर पर खेतों में देखी जा रही है। किसी किसी खेत में प्याज के 25 से 30% पौधे सूख गए हैं।
प्याज में खरपतवार नाशक दवाइयां:सही समय, सही मात्रा:बेस्ट खरपतवार नाशक के बारे में जानें:Main herbicides in onion
प्याज एक कंद वर्गीय फसल है। इसके पौधे की रोपाई की जाती है। प्याज की फसल लगभग पूरे भारत में लगाई जाती है। प्याज की फसल में खरपतवारों की एक मुख्य समस्या रहती है। वैसे तो निराई-गुड़ाई द्वारा खरपतवार आसानी से नष्ट हो जाते हैं। लेकिन जब खरपतवारों की अधिक मात्रा में हो, तो उनको निराई-गुड़ाई द्वारा नष्ट करना संभव नहीं होता और खरपतवार नाशक दवाइयां का स्प्रे करना ही पड़ता है।
लहसुन में कीट, रोग व खुराक का चमत्कारी स्प्रे:फफूंद रोग, रस चूसक कीट और टॉनिक का बेस्ट कांबिनेशन:Best spray for garlic
इस समय लहसुन की फसल में डाउनी मिल्ड्यू रोग या अन्य फफूंद रोग अधिक मात्रा में देखने को मिल रहा है। क्योंकि मौसम में लगातार नमी बनी हुई है, और धूप कम निकला रही है। इस समय फफूंदी जनक रोगों के साथ-साथ लहसुन में थ्रिप्स की समस्या भी कहीं-कहीं देखी जाती है। थ्रिप्स में आपको पत्ते पर हल्के सिल्वर रंग के छोटे-छोटे कीड़े दिखाई देंगे या फिर आपको कहीं-कहीं पीली पत्तियां भी दिखाई देती हैं। इसके साथ-साथ लहसुन में धूप न निकलने की वजह से पौधा जमीन से पोषक तत्वों को नहीं उठा पाता। इसलिए हमें पोषक तत्वों का स्प्रे भी ऊपर से कर देना चाहिए।
प्याज रोपाई में सबसे अच्छे खाद:Best fertilizer for onion planting
प्याज खरीफ और रबी दोनों सीजन में लगाया जाता है। लेकिन रबी के सीजन में प्याज सबसे अधिक मात्रा में लगता है। प्याज एक ऐसी फसल है, जिसकी पहले पौध तैयार करके उसके बाद इसकी रोपाई की जाती है। रबी के सीजन में प्याज की पौध की रोपाई दिसंबर और जनवरी में मुख्य तौर पर की जाती है ,प्याज की रोपाई के समय हमें कौन-कौन से खादों का प्रयोग करना चाहिए।
लहसुन में कंद फटने की मुख्य कारण:Main reasons for bursting of bulbs in garlic
लहसुन में कंद फटने के कई कारण होते हैं। अधिक खाद और अधिक पानी की वजह से लहसुन में कंद फटने और तना फटने की समस्या देखी जा सकती है। इसके अतिरिक्त नाइट्रोजन का अत्यधिक प्रयोग से भी लहसुन में कंद फटने की समस्या आती है। जब आपके पौधे में न्यूट्रिशन वैल्यू ज्यादा हो जाती है। तो उसमें कंद फटने की समस्या रहती है। लहसुन में बोरोन की कमी के कारण भी यह समस्या देखने को मिलती है। 90 से 100 दिन पर लहसुन में कंद बनना शुरू हो जाता है, और उसके बाद ही यह समस्या आमतौर पर देखने को मिलती है।
लहसुन में पीलापन दूर करने के उपाय:Ways to remove yellowness in garlic
लहसुन में कई तरह के रोग लगातार देखने को मिलते हैं। अभी जो मौसम चल रहा है, इसमें लगातार धुंध पड़ रही है। मौसम में नमी होने के कारण लहसुन में कई तरह के रोग देखे जा रहे हैं। किसान साथी अपने खेत का निरीक्षण करते रहें और जांच रखें। अगर आपके लहसुन की पत्तियां पीली पड़ रही है, या ऊपर से नोक सूख रही है। इस समय लगातार नमी के कारण लहसुन की पत्तियों पर फंगस बन गई है। यह फंगस पत्तों पर काले रंग के धब्बे बना देती है। इसे डाउनी मिल्ड्यू रोग कहते हैं।
लहसुन में पिक्सल का प्रयोग:Use of picxel in garlic
कुछ क्षेत्रों में जमीन काफी कठोर होती है। वहां पर कंद वर्गीय फसलें जैसे- आलू, प्याज, लहसुन, आदि फसलों को लगाने पर वह अच्छे से ग्रोथ नहीं कर पाते। क्योंकि अगर आपकी मिट्टी कठोर होगी, तो इन फसलों का कंद यानी फल अच्छे से नहीं बन पाता। इसलिए काफी स्थानों पर किसान इन फसलों को छोड़कर ऐसी फसलों का प्रयोग करते हैं। जिसमें ऊपर फल लगते हैं। अगर आप इस समस्या से परेशान हैं, तो आप एफएमसी के पिक्सेल प्रोडक्ट का प्रयोग कर सकते हैं।
लहसुन में 70-80 दिनों पर करें ये काम:फिर होगी बंपर पैदावार:Things to keep in mind about garlic
लहसन की फसल एक ऐसी फसल है। जिसमें कोई कल्लों का फुटाव नहीं होता। इसमें एक ही पौधे पर 10 से 12 पत्ते आते हैं। और उन्हें पत्तों से पूरी फसल पक जाती है। इसलिए अगर लहसुन में एक दो पत्ते का भी नुकसान होता है, तो यह आपकी पैदावार को घटा या बढ़ा सकता है। इसलिए आपको लहसुन में विशेष तौर पर ध्यान रखना पड़ता है। 70 से 80 दिन में लहसुन में कंद बनने का समय होता है। इस समय आपको अपनी फसल का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।
लहसुन की उपज और क्वालिटी बढ़ाने का सबसे सस्ता स्प्रे:Water Soluble Spray in Garlic
लहसुन एक कंद वर्गीय फसल है। जिसमें जमीन के अंदर यह अपने फल का फैलाव करता है। लहसुन में कल्लों का फैलाव नहीं होता। इसमें एक ही पौधा होता है, और उसमें भी 11 से 12 पत्ते ही निकलते हैं। इन्हीं पत्तों से लहसुन की उपज व पैदावार को बढ़ाया जा सकता है। लहसुन की पैदावार को बढ़ाने के लिए आप आपको मिट्टी में खादों को देने के साथ-साथ आपको स्प्रे का भी ध्यान रखना पड़ता है।
लहसुन में कंद बनने के समय करें इस ताकतवर खाद का इस्तेमाल:लहसुन की मोटाई और वजन बढ़ाने का आसान तरीका:The most powerful fertilizer used in garlic
लहसुन एक कंद वर्गीय फसल है। लहसुन जमीन के अंदर तैयार होता है। इसको कंद को उखाड़ कर बाजार में बेचा जाता है। लहसुन से किसान भाई अच्छी पैदावार लेने के लिए तरह-तरह के खादों और न्यूट्रिएंट्स का प्रयोग करते हैं। आज मैं आपको ऐसे खाद के बारे में बताऊंगा, जो कंद वर्गीय फसलों में बड़े अच्छे रिजल्ट निकल कर देता है। कंद का साइज बढ़ाने के साथ-साथ यह कंद का वजन बढ़ाने में भी सहायता करता है।
तरबूज की टॉप 5 किस्में:जो किसानों द्वारा सबसे अधिक पसंद की जाती है:Top Improved Varieties of Watermelon
तरबूज की खेती को किसी भी मौसम में कर सकते हैं। इसकी बिजाई आप रबी, खरीफ व जयाद तीनों समय में कर सकते हैं। अलग-अलग राज्य में अलग-अलग समय पर तरबूज की खेती की जाती है। उत्तर भारत की बात करें, तो उत्तर भारत में तरबूज की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय जनवरी से लेकर मार्च तक का होता है। अगर आप अगेती तरबूज लगाना चाहते हैं, तो जनवरी और पिछेती लगाना चाहते हैं, तो मार्च में इसकी बजाई कर सकते हैं।
गुड़ाई के समय लहसुन में क्या डालें:जड़ गलन समस्या व जड़ के कीड़े की रोकथाम,कृषि वैज्ञानिक:Do this work in garlic while weeding
लहसुन में जड़ गलन की समस्या सभी क्षेत्रों में देखने को मिलती है। जड़ गलन में पौधे की जड़ काली होकर धीरे-धीरे सूख जाती हैं। पहले पौधे के नीचे वाली पत्तियां पीली होती हैं, और बाद में पूरा पौधा पीला होकर सूख जाता है। जड़ गलन की समस्या उन खेतों में अधिक देखने को मिलती है। जहां लहसुन में नमी ज्यादा पाई जाती है।
लहसुन में लगने वाले सबसे ख़तरनाक फफूंदी जनित रोग:लहसुन की ऊपर की पत्तियों का सूखना,कैसे करें रोकथाम:सम्पूर्ण जानें
लहसुन में वैसे तो कई प्रकार के फफूंदी जनक रोग लगते हैं लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा खतरनाक डाउनी मिल्ड्यू रोग है। यह एक फफूंदी जनक बीमारी है। लगभग सभी क्षेत्रों में यह बीमारी हमें देखने को मिलती है। इस बीमारी से किसानों को काफी नुकसान होता है। जब तापमान कम होता है, और लहसुन की पत्ती गीली रहती है।
लहसुन में पीलापन:पौधे के पत्ते ऊपर से सूखने का मुख्या कारण, कृषि जानकार ने बताया ये तरीका:Reasons for yellowness in garlic
लहसुन में पीलापन आने का मुख्य कारण मौसम का परिवर्तन होता है। मौसम में रात में ठंड अधिक बढ़ जाती है, और दिन में तेज धूप होने के कारण गर्मी रहती है। इसलिए पौधे तनाव में आ जाते हैं। जिससे उसमें भयंकर पीलापन आ जाता है। और उसकी पत्तियां धीरे-धीरे सूखने लगते हैं। इसको आप सर्द गर्म के कारण भी बोल सकते हैं।