किसान अपनी फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए दिन-रात मेहनत कर सकते हैं। परंतु प्राकृतिक आपदाओं के चलते किसान अपनी फसल की रक्षा करने में असमर्थ है। जब किसान की फसल पर बारिश, ओलावृष्टि, बाढ़ या फिर तेज हवाएं इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं के चलते खराब हो जाती हैं। तब उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसी समस्या से बचने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की है। इस योजना में किसानों के फसलों का बीमा किया जाता है। और किसानों के होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनियों द्वारा की जाती है।
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हरियाणा फसल सुरक्षा योजना
हरियाणा फसल सुरक्षा योजना के अंतर्गत वैसे तो सभी फसलों का पंजीकरण किया जाता है। लेकिन इस समय कपास के किसान इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना योजना में किसानों से सरकार मात्र 5% शुल्क लेगी। इस योजना की शुरुआत क्लस्टर 2 के जिलों से होगी जिसमें अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़ व गुरुग्राम जिले शामिल है। इसमें कपास के किसान अपनी फसल का पंजीकरण कर सकते हैं। फसल में नुकसान होने की अवस्था में सरकार किसान को ₹30000 प्रति एकड़ की दर से मुआवजा या वितीय सहायता देगी। इसके लिए किसानों से प्रति एकड़ ₹1500 शुल्क लिया जाएगा। जो किसान भाई कपास की खेती करता है, वह इसमें अपना पंजीकरण कर सकता है।
हरियाणा फसल सुरक्षा योजना में पंजीकरण कैसे करें
इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको मेरी फसल मेरे ब्योरा पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in/ पर अपनी कपास की फसल का पंजीकरण करवाना आवश्यक है। जिन किसानों ने मेरी फसल मेरी ब्योरा पर अपनी कपास का पंजीकरण नहीं कराया। वह इस योजना का लाभ नहीं ले सकते। इसके बाद आप एग्री हरियाणा https://agriharyana.gov.in/la-website/CropInsuranceScheme/SearchViaMFMB वेबसाइट से अपनी फसल का बीमा या पंजीकरण कर सकते हैं। आप अपनी कपास का पंजीकरण 21–9–2023 से 27–9–2023 तक करवा सकते हैं। इसके लिए आपको ₹1500 शुल्क प्रति एकड़ जमा करना पड़ेगा। यह पंजीकरण आप खुद अपने मोबाइल फोन से कर कर सकते हैं, या फिर सीएससी सेंटर पर जा कर भी आप अपनी फसल का पंजीकरण कर सकते हैं। इस योजना में सिर्फ कपास के किसान ही अपनी फसल का पंजीकरण कर सकते हैं।
FAQ
फसल का पंजीकरण कैसे करें?
फसल पंजीकरण आप मेरी फसल मेरा ब्यौरा वेबसाइट पे कर सकते है। इसमें आप अपनी सभी फसलों का पंजीकरण कर सकते है।
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