ढांचे की फसल क्या है।
ढैंचा की खेती दलहनी फसल के रूप में की जाती है। किसान भाई इसकी खेती हरी खाद और बीज दोनों के लिए करते हैं। ढैंचा के हरे पौधों से तैयार की गई खाद खेत की उर्वरक शक्ति को काफी ज्यादा बढ़ा देती है। और इसकी पैदावार भी खेत की उर्वरक क्षमता को बढ़ाती है। इसके पौधे जमीन में नाइट्रोजन की पूर्ति करते हैं।
ढांचे की फसल का लाभ(हरी खाद से लाभ)
भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए हरी खाद महत्वपूर्ण योगदान निभा सकती है। जिसमें जमीन की सेहत सुधारने के लिए ढैंचा की बिजाई बहुत फायदेमंद है और इससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है । ढैंचा फसल कम लागत में अच्छी हरी खाद का काम करती है। इससे भूमि को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन मिल जाती है। हरी खाद से भूमि में कार्बनिक पदार्थ बढ़ने से भूमि व जल संरक्षण तथा संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मिलने से भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ जाती है।ढैंचा फसल को हरी खाद के रूप में लेने से मृदा के स्वास्थ्य में जैविक, रासायनिक तथा भौतिक सुधार होते है व जलधारण क्षमता बढ़ती है। ढैंचा की पलटाई कर खेत में सड़ाने से नाइट्रोजन, पोटाश, गंधक, कैलिशयम, मैगनीशियम, जस्ता, ताबा, लोहा आदि तमाम प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। धान-गेहूं फसल चक्र के कारण मृदा की कम होती उर्वरा शक्ति बढ़ेगी तथा आने वाली फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा।
ढांचे की बिजाई किस समय की जाती है।
ढांचा या हरी खाद की बुवाई के लिए मई से जून के महीने में हल्की बारिश के बाद इनकी बुवाई कर सकते हैं। जो किसान भाई हरी खाद लेना चाहते है वो इसकी बुआई अप्रैल में भी कर सकते है।
बीज की मात्रा
ढांचा की अच्छी फसल के लिए खेत की अच्छे से जुताई करके ही उसमे ढांचे की बिजाई करनी चाहिए। ढांचे के लिए प्रति एकड़ 12 से 15 kg बीज की बुआई की जाती है।
सरकार द्वारा बीज पर अनुदान
हरी खाद की महत्ता को देखते हुए हरियाणा सरकार किसानों को ढेंचा बीज अनुदान पर उपलब्ध करा रही है। हरियाणा सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए ढेंचा बीज के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 24 अप्रैल 2023 तक कर दिया है। अब किसान ढेंचा बीज की खरीद के लिए आगामी 24 अप्रैल तक विभाग की वेबसाइट ‘एग्रीहरियाणा’ पर आवेदन कर सकते हैं। ढांचे के लिए आवेदन करने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करे। https://agriharyana.gov.in/Dhaincha
किसानों को कितना अनुदान दिया जायेगा हरियाणा सरकार किसानों को खरीफ मौसम के दौरान ढेंचा बीज उपलब्ध करवा रही है। सरकार किसानों को ढेंचा बीज पर 80 फीसदी अनुदान भी दिया जाएगा। योजना के अनुसार ढेंचा बीज खरीदने के लिए किसान को मात्र 20 फीसदी राशि का भुगतान करना होगा। बीज की कीमत का शेष 80 फीसदी भुगतान सरकार करेगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान का ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण होना अनिवार्य है।मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण कराने हेतु लिंक पर क्लिक करे।https://fasal.haryana.gov.in/farmer/farmerlogin यह बीज प्रति एकड़ 12 किलोग्राम के हिसाब से किसानों को दिए जाएँगे। इस योजना के तहत एक किसान को अधिकतम 120 किलोग्राम बीज दिया जाएगा, यानि एक किसान 10 एकड़ का बीज अनुदान पर प्राप्त कर सकता है।
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