पौधों की जड़ें और मिट्टी के जीव: किसानों के लिए पूरी जानकारी

By Kheti jankari

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पौधों की जड़ें

किसान भाईयों, खेती में सिर्फ ऊपर दिखने वाला पौधा ही ज़रूरी नहीं होता। असली ताकत तो नीचे मिट्टी में छिपी होती है – यानी जड़ें और मिट्टी के जीव। जड़ें पौधे को पानी और खाना देती हैं और मिट्टी के अच्छे जीव पौधे की मदद करते हैं। लेकिन कुछ खराब जीव नुकसान भी पहुँचाते हैं। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।


जड़ के मुख्य हिस्से

1. मूल जड़ (मुख्य जड़):
यह सबसे बड़ी और मोटी जड़ होती है। यह सीधी नीचे की तरफ जाती है और पौधे को मज़बूती से पकड़कर रखती है।

2. पार्श्व जड़ें (साइड वाली जड़ें):
ये जड़ें मुख्य जड़ से निकलती हैं और इधर-उधर फैलती हैं। इससे पौधा ज्यादा पानी और खाना खींच पाता है।

3. सूक्ष्म जड़ें (नन्ही जड़ें):
ये बहुत बारीक और छोटी-छोटी जड़ें होती हैं। यही असली काम करती हैं – मिट्टी से पानी और पोषण खींचकर पौधे तक पहुँचाती हैं।

4. मूल स्राव (जड़ का रस):
जड़ें मिट्टी में कुछ रस छोड़ती हैं जैसे शक्कर और प्रोटीन। इससे मिट्टी में रहने वाले अच्छे जीव सक्रिय हो जाते हैं और पौधे की मदद करते हैं।


मिट्टी में रहने वाले जीव

मिट्टी में बहुत सारे छोटे-छोटे जीव रहते हैं। कुछ पौधे के दोस्त होते हैं और कुछ दुश्मन।

पौधे के दोस्त (लाभकारी जीव)

  1. माइकोराइजा (दोस्ती वाला कवक):
    ये मिट्टी का एक तरह का कवक है जो जड़ों से दोस्ती करता है। यह पौधे को खाना-पानी देता है और बदले में पौधे से मीठा रस ले लेता है।
  2. राइजोबिया (गांठ बनाने वाले जीवाणु):
    ये खास जीवाणु दालों की जड़ों पर छोटी-छोटी गांठ बनाते हैं और हवा से नाइट्रोजन पकड़कर मिट्टी में छोड़ते हैं। इससे खेत की उपज बढ़ती है।
  3. पीजीपीबी (पौधे बढ़ाने वाले जीवाणु):
    ये जीव पौधों की बढ़वार तेज़ करते हैं। पौधों को पोषण पहुँचाते हैं और बिमारियों से भी बचाते हैं।
  4. ईपीएन (कीट खाने वाले नेमाटोड):
    ये छोटे कीड़े जैसे होते हैं जो नुकसान करने वाले कीटों को खा जाते हैं। किसान इन्हें जैविक दवा की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
  5. केंचुए और अपघटक जीव:
    केंचुए, मिलीपीड और कुछ छोटे जीव मिट्टी को नरम और ताकतवर बना देते हैं। ये सड़ी-गली पत्तियों को खाद में बदल देते हैं।

पौधे के दुश्मन (हानिकारक जीव)

  1. सूत्रकृमि (जड़ खाने वाले कीड़े):
    ये छोटे कीड़े होते हैं जो जड़ों को काटकर रस चूस लेते हैं। इससे पौधा कमजोर पड़ जाता है।
  2. जड़ रोग (सड़न करने वाले जीव):
    कुछ जीवाणु और कवक जड़ों को सड़ा देते हैं। जैसे-जैसे जड़ सड़ती है, पौधा सूखने लगता है।
  3. जड़ खाने वाले कीट:
    कुछ कीड़े सीधे जड़ों को खा जाते हैं। इससे पौधा गिर जाता है और उसकी बढ़वार रुक जाती है।

किसानों के लिए आसान उपाय

  • मिट्टी को ताकतवर बनाने के लिए गोबर की खाद और कम्पोस्ट खाद डालें।
  • खेत में बार-बार एक ही फसल न बोएं, फसल बदलते रहें (फसल चक्र)
  • दालों की खेती जरूर करें ताकि मिट्टी में नाइट्रोजन बढ़े।
  • रासायनिक खाद और जहरीले छिड़काव का कम इस्तेमाल करें।
  • खराब कीड़ों को रोकने के लिए जैविक दवा और अच्छे जीवों का सहारा लें।

किसान भाईयों, पौधों की जड़ें ही उनकी जान होती हैं। अगर जड़ें मजबूत हैं और मिट्टी में अच्छे जीव ज्यादा हैं, तो पौधा हरा-भरा और मजबूत होगा। लेकिन अगर मिट्टी में नुकसान करने वाले जीव ज्यादा हो गए, तो फसल खराब हो जाएगी। इसलिए मिट्टी और जड़ों का ध्यान रखना खेती की सबसे बड़ी कुंजी है।

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