किसान साथियों नमस्कार, फिजी वायरस, जिसे वैज्ञानिक रूप से सदर्न राइस ब्लैक-स्ट्रीक्ड ड्वार्फ वायरस (SRBSDV) कहा जाता है। धान की फसल को प्रभावित करने वाला एक खतरनाक वायरल रोग है। यह वायरस व्हाइट बैकड प्लांट हॉपर (WBPH) या सफेद पीठ वाला फुदका कीट के माध्यम से फैलता है। जो पौधों का रस चूसकर वायरस को स्वस्थ पौधों में स्थानांतरित करता है। इस वायरस के कारण धान के पौधे बौने रह जाते हैं, पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, और पौधों का विकास रुक जाता है, जिससे पैदावार में 5-15% तक की कमी हो सकती है। यह समस्या हरियाणा, पंजाब और अन्य धान उत्पादक क्षेत्रों में देखी गई है, विशेष रूप से 2022 और इस वर्ष में।
धान में फिजी वायरस की पहचान
- पौधे छोटे और बौने रह जाते हैं।
- पत्तियां पीली या भूरी होकर सूखने लगती हैं।
- पौधों की वृद्धि रुक-रुक कर होती है।
- दाने छोटे रह जाते हैं, जिससे पैदावार कम हो जाती है।
फिजी वायरस को रोकने के तरीके
- वायरस को फैलाने वाले फुदके कीट को नियंत्रित करना सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए निम्नलिखित कीटनाशकों का उपयोग करें:
- फसल में 12-15 दिन में कीटनाशकों का छिड़काव शुरू करें।
- खेत की नियमित निगरानी करें और प्रभावित पौधों को तुरंत उखाड़कर नष्ट करें ताकि वायरस अन्य पौधों में न फैले।
- खेत के आसपास खरपतवार को हटाकर स्वच्छता बनाए रखें।
- खेत में जल निकास की उचित व्यवस्था करें, क्योंकि अधिक नमी वायरस और कीटों को बढ़ावा दे सकती है।
- यूरिया उर्वरकों का अधिक उपयोग न करें, क्योंकि यह कीटों और रोगों को बढ़ा सकता है।
महत्वपूर्ण नोट:
- फिजी वायरस को पूरी तरह खत्म करना संभव नहीं है, लेकिन उपरोक्त उपायों से इसके प्रसार को नियंत्रित किया जा सकता है।
- समय पर कार्रवाई और नियमित निगरानी से नुकसान को कम किया जा सकता है।
- स्थानीय कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करें और उनके सुझावों के अनुसार कीटनाशकों का उपयोग करें।
किसानों को सतर्क रहना चाहिए और खेतों की नियमित जांच करनी चाहिए। ताकि वायरस का प्रकोप शुरुआती अवस्था में ही नियंत्रित किया जा सके। आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी कैसी लगी, कृपा कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।
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