धान में जिंक का प्रयोग कब करें:सही समय, सही मात्रा जानें

By Kheti jankari

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धान में जिंक का प्रयोग कब करें

धान में जिंक का प्रयोग कब करें:- किसान साथियों नमस्कार, धान खरीफ के मौसम में लगाए जाने वाली मुख्य फसल है। धान की बिजाई लगभग पूरे भारतवर्ष में की जाती है। कुछ राज्यों के किसान साल में दो बार भी धान की फसल को लगाते हैं। धान की फसल में जिंक का काफी ज्यादा महत्व होता है। धान की पैदावार बढ़ाने के लिए एक सबसे जरूरी तत्व होता है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अगर आप धान की फसल में जिंक प्रयोग नहीं करते। तो आपकी पैदावार 10 से 15% तक कमी देखी जा सकती है। इसलिए अधिकतर किसान धान की फसल में जिंक का प्रयोग जरूर करते हैं। धान की बढ़वार के लिए प्रोटीन का काफी ज्यादा महत्व होता है, और जिंक के बिना पौधा प्रोटीन को नहीं बनता। जिंक पौधे में एंजाइम को एक्टिव करता है, जिससे प्रोटीन बनता है, और पौधा अपने कल्लों का विकास और अपनी बढ़वार करते हैं। जिंक पौधे के हरे भाग को बनाता है। जिंक सूक्ष्म पोषक तत्वों में आता है। जिंक की आवश्यकता वैसे तो पौधे को बहुत कम मात्रा में होती है। लेकिन यह पौधे के लिए काफी ज्यादा आवश्यक है। हमें बाजार में कई तरह के जिंक देखने को मिलते हैं। जिनका प्रयोग अलग-अलग प्रकार से धान की फसल में किया जाता है। आज इस लेख में आपको धान में जिंक का प्रयोग किस समय करें, कैसे करें। इस बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी। कृपा लेख पूरा पढ़ें।

धान की फसल में खाद प्रबंधन

जिंक के प्रकार

जिंक के प्रकारों की बात करें, तो हमें बाजार में कई तरह की जिंक देखने को मिलती है इसमें से कुछ जिंक का प्रयोग केवल स्प्रे में किया जाता है, तथा कईं जिंक को हम स्प्रे और मिट्टी दोनों में प्रयोग करते हैं। अधिकतर किसान जिंक का प्रयोग मिट्टी में करते हैं। क्यूंकि यूरिया के साथ मिला कर किसानों को जिंक का प्रयोग करने में आसानी होती है। बाजार में 5 से 6 तरह के जिंक देखने को मिलते है। कुछ जिंक के बारे में जानकरी नीचे दी गयी है।

  • जिंक सल्फेट हेप्टाहाइड्रेट 21% : इसमें जिंक की मात्रा 21% और सल्फर की मात्रा 15% पायी जाती है। इसका प्रयोग मिट्टी में किया जाता है। और इसकी 10 किलो मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है।
  • जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट 33%:- इसमें 33% जिंक और 15% सल्फर पाया जाता है। इसका प्रयोग भी मिट्टी और स्प्रे में किया जाता है। इसकी 6 से 7 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है।
  • जिंक एड्टा चेलेटेड 12%:- चेल्टेड जिंक में 12% जिंक पाई जाती है। इसका प्रयोग आप स्प्रे और मिट्टी में दोनों प्रकार से कर सकते हैं। लेकिन यह मुख्य रूप से स्प्रे में प्रयोग की जाती है। धान में इसकी 125 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ स्प्रे में प्रयोग की जाती है। अगर आप इसका मिट्टी में प्रयोग करते हैं। आप तो आपको एक किलोग्राम प्रति एकड़ प्रयोग करनी पड़ती है।
  • जिंक ऑक्साइड 39.5%:- जिंक ऑक्साइड 39.5% एक तरल जिंक की फार्म है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से स्प्रे में किया जाता है। इसकी 1ml मात्रा प्रति लीटर प्रयोग की जाती है। इसके धान पर काफी अच्छे रिजल्ट देखने को मिलते हैं।
  • टेक्नो-जेड जिंक:- टेक्नो-जेड जिंक में जिंक की मात्रा 14% और सल्फर की मात्रा 66% पाई जाती है। यह जिंक मुख्य रूप से स्प्रे में प्रयोग की जाती है। इसकी 100 से 125 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है। अगर आप इसका मिट्टी में प्रयोग करते हैं। तो इसकी 3 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है।
  • जिंक सॉल्बलाइजिंग बैक्टीरिया:- बाजार में आपको एक और प्रकार का जिंक देखने को मिलती है। जो जिंक सॉल्बलाइजिंग बैक्टीरिया होता है। यह मिट्टी में पड़ी हुई जिंक को एक्टिव करके पौधे तक पहुंचाने का कार्य करता है। जिंक सॉल्बलाइजिंग बैक्टीरिया में जिंक की मात्रा नहीं पायी जाती।

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धान में जिंक की कमी की पहचान

धान में जिंक की कमी की पहचान की बात करें। तो आप इसकी कमी की पहचान आसानी से कर सकते हैं। जिंक की कमी वाले पौधों के पत्तों पर हल्के पीले रंग के धब्बे दिखाई देते है। नए पत्तों के आकार छोटे रह जाते है। फसल समान रूप से उग नहीं पाती है। खेत में धान के पौधे छोटे-बड़े दिखाई देते है। पौधे की बाहरी छाल सुख जाती है।

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धान में जिंक का प्रयोग कब करें

धान में जिंक के प्रयोग की बात करें। तो धान की शुरुआती अवस्था में ही जिंक का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि पौधे की बढ़वार में जिंक महत्वपूर्ण रोल अदा करती है। यह पौधे में क्लोरोफिल की मात्रा को बढ़ाती है। जिससे प्रोटीन बनता है, और पौधा जल्दी से मजबूत होता है। यह पौधे को बीमारियों से लड़ने की शक्ति भी प्रदान करती है। धान में जिंक का प्रयोग हमारे डीएपी या एसपी के प्रयोग पर निर्भर करता है। अगर आप धान की रोपाई के समय डीएपी, एसएसपी का प्रयोग करते हैं। तो 10 से 15 दिन बाद आपको धान में जिंक का प्रयोग करना चाहिए। अगर आपने अपने खेत में हरी खाद या ढांचे का प्रयोग किया है, और अपने एसएसपी और डीएपी नहीं डाला। तो आप शुरुआत में ही अपने खेत में जिंक का प्रयोग कर सकते हैं।

धान में जिंक की कितनी मात्रा का प्रयोग करें

धान में जिंक की मात्रा के प्रयोग की बात करें। तो जिंक की मात्रा हमारी मिट्टी के पीएच लेवल पर निर्भर करता है। अगर आपकी मिट्टी का पीएच लेवल 7 से कम है। तो आपको अपने खेत में जिंक की अधिक मात्रा में आवश्यकता नहीं पड़ती। अगर आपकी मिट्टी का पीएच लेवल सामान्य है, तो आप सामान्य मात्रा में जिंक का प्रयोग कर सकते हैं। अगर आपकी मिट्टी में अगर आपकी मिट्टी का पीएच लेवल 8 या उससे ऊपर है। तो आपको जिंक की अधिक मात्रा का प्रयोग करना पड़ता है। इसलिए आप अपनी मिट्टी का पीएच लेवल चेक करके ही जिंक का प्रयोग करें।

अगर हम 33% वाली जिंक की मात्रा की बात करें। तो अगर आपकी मिट्टी का पीएच लेवल 7 से कम है। तो आपको 3 से 4 किलोग्राम जिंक का प्रयोग करना है। अगर आपकी मिट्टी का पीएच लेवल सामान्य है, तो आप 4 से 5 किलोग्राम जिंक का प्रयोग कर सकते हैं। अगर आपकी मिट्टी का पीएच लेवल 8 से ऊपर है, तो आपको 6 से 7 किलोग्राम जिंक जिनके प्रति एकड़ प्रयोग करना है। आप अपने हिसाब से जिंक का प्रयोग कर सकते हैं।

नोट-किसान साथी जिंक को कभी भी डीएपी या एसएसपी के साथ मिलाकर प्रयोग नहीं करना चाहिए। जब भी जिंक और डीएपी आपस में मिलते हैं। तो यह एक हार्ड सॉल्यूशन बनाते हैं। जिसका पौधे को पूरा लाभ नहीं मिल पाता और आपकी जिंक बेकार मिट्टी में पड़ी रहती है।

आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी कृपया कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और इसे आगे अन्य किसानों तक अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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