पौधे के पोषक तत्वों का का महत्व और कार्य :- नमस्कार किसान साथियों, आज हम पौधे में पोषक तत्वों के महत्व और उसके कार्यों के बारे में चर्चा करेंगे। पौधे को उसके पूरे जीवन चक्र में 18 पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है। कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन तत्वों को पौधा वातावरण से सीधे तौर पर ले लेता है। लेकिन बाकी बचे 15 तत्वों को पौधे को अलग से देने पड़ते हैं। इन बाकी बचे तत्वों को तीन भागों में बांटा जाता है।
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- प्राथमिक पोषक तत्व
- माध्यमिक पोषक तत्व
- सूक्ष्म पोषक तत्व
प्राथमिक पोषक तत्व का महत्व
प्राथमिक पोषक तत्व में वे तत्व आते हैं जिनकी पौधे को अधिक मात्रा में आवश्यकता पड़ती है। प्राथमिक पोषक तत्व में तीन प्रकार के तत्व होते हैं।
- नाइट्रोजन
- फास्फोरस
- पोटाश
नाइट्रोजन का पौधे में महत्व
पौधों सभी तत्वों में सबसे ज्यादा नाइट्रोजन का इस्तेमाल करता है। वातावरण में 78% नाइट्रोजन होने के बाद भी पौधे को अलग से नाइट्रोजन देनी पड़ती है। क्योंकि पौधा नाइट्रोजन नाइट्रेट, नाइट्रेट या अमोनिया फॉर्म में लेता है इन्हीं तीन रूपों में पौधा नाइट्रोजन ले सकता है।
नाइट्रोजन क्लोरोफिल का मुख्य तत्व है। क्लोरोफिल से ही पौधा खाना बनाता है।
नाइट्रोजन की कमी को यूरिया के द्वारा पूरी की जाती है। यूरिया डालने के 3 से 4 दिन बाद यह काम करने लगता है। और 7 से 10 दिन तक अपना काम करता रहता है। यूरिया का लगातार प्रयोग करने से जमीन का पीएच लेवल घट जाता है। यूरिया की पीएच वैल्यू 7.0 होती है।
फास्फोरस का पौधे में महत्व
पौधा फास्फोरस को दो रूपों में लेता है। हाइड्रोजन फास्फेट और डाईहाइड्रेट फास्फेट। फास्फोरस का मुख्य स्त्रोत डीएपी है। इसमें 18%नाइट्रोजन और 40%फास्फोरस होती है। जिन खादों में दो या दो से अधिक खाद पाए जाते हैं। उन्हें कंपलेक्स खाद कहते हैं
डीएपी पौधे में 7 दिन से अपना काम करना शुरू कर देता है। और यह 4 से 5 महीने तक पौधे को फास्फोरस देता रहता है। एक बार डीएपी डालने पर आपको 4 से 5 महीने तक दोबारा खेत में डीएपी डालने की आवश्यकता नहीं होती।
PSB (फॉस्फेट घुलनशील बैक्टीरिया) डालने से आप डीएपी को दोबारा से रिएक्टिवेट कर सकते हैं।
फास्फोरस पौधे के संपूर्ण बड़वार में मदद करता है। जड़ों के विकास में फास्फोरस का विशेष महत्व है। और बीज के बनने में इसकी भूमिका अहम होती है। फास्फोरस का ph लेवल 8.1% होता है।
अगर आपकी मिट्टी का ph लेवल ज्यादा है तो आपको डीएपी(DAP) की जगह एसएसपी(SSP) का प्रयोग करना चाहिए। इसका पीएच लेवल डीएपी से कम होता है।
पोटाश का पौधे में महत्व
पोटाश पौधे का सुरक्षा कवच होता है। पोटाश ही पौधे को तनाव से बचाता है। पोटाश पौधे में खाने को इधर से उधर भेजने में मदद करता है।
MOP (म्यूरेट ऑफ पोटाश) पोटाश का मुख्य स्रोत है। पौधा पोटाश को पोटैशियम फॉर्म में लेता है। म्यूरेट ऑफ पोटाश का पीएच 7.0 होता है। MOP को हमेशा मिट्टी में देने की कोशिश करें। MOP पौधे में 5 से 7 दिन में लगना शुरू हो जाता है। और यह दो से तीन महीनों तक कार्य करता है।
माध्यमिक पोषक तत्व का महत्व
माध्यमिक पोषक तत्वों को सहायक पोषक तत्व भी कहा जा सकता है। यह प्राथमिक पोषक तत्व को पौधे को ग्रहण करने में मदद करते हैं। माध्यमिक पोषक तत्व तीन प्रकार के होते हैं।
कैल्शियम
मैग्नीशियम
सल्फर
कैल्शियम का पौधे में महत्व
कैल्शियम पौधे में कोशिका की दीवार बनाने में मदद करता है। नई जड़ों के विकास और नए कल्ले निकलने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। कैल्शियम पौधे के एक हिस्से से दूसरे हिस्से पर नहीं जा सकता। इसलिए इसकी कमी होने पर नई पत्तियों में इसका असर देखने को मिलता है। इसकी कमी पूरी करने के लिए आप कैल्शियम नाइट्रेट और चूने का इस्तेमाल कर सकते हैं। कैल्शियम मिट्टी के PH लेवल को भी ठीक करता है।
मैग्नीशियम का पौधे में महत्व
मैग्नीशियम पौधे को खाना पहुंचाने में मदद करता है। और पौधे में क्लोरोफिल को बनने में भी मैग्नीशियम का मुख्य भूमिका होती है। बीजों के बनने के समय भी मैग्नीशियम की अधिक जरूरत होती है। पौधों में हरापन लाने का कार्य भी मैग्नीशियम ही करता है।
सल्फर का पौधे में महत्व
दाल और तेल वाली फसलों में इसकी अधिक जरूरत होती है। सल्फर की कमी से पौधा नाइट्रोजन का सही से इस्तेमाल नहीं करता। इसलिए सल्फर और नाइट्रोजन को एक दूसरे के पूरक माना जाता है।
सल्फर से जड़ों को गर्मी मिलती है। और यह एक फफूंदी नाशक की तरह काम करता है। सल्फर फफूंदी नाशक के साथ-साथ रस चूसने वाले कीटों पर भी कार्य करता है। इसलिए यह एक कीटनाशक का काम भी करता है।
सल्फर की कमी आपको नए पत्तों पर देखने को मिलती है। सल्फर की कमी में पत्ते हल्के पीले रंग के हो जाते हैं।
सल्फर को आप मिट्टी में जड़ों के द्वारा या फिर स्प्रे के द्वारा भी पौधे को दे सकते हैं। स्प्रे में सल्फर पौधे को जल्दी फायदा पहुंचाता है।सूक्ष्म पोषक तत्वों के बारे में हम अगले ब्लॉग में जानेंगे।
सूक्ष्म पोषक तत्वों के बारे में हम अगले ब्लॉग में जानेंगे। आपको मेरा प्रयास कैसा लगा कृपा आप मुझे कमेंट के माध्यम से बताएं । आप बैल आइकन को दबाए ताकि आपको ऐसे ही अच्छी-अच्छी जानकारी समय-समय पर मिलती रहे। धन्यवाद
FAQ
1.पोटाश की कमी का पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
Ans. पोटाश की कमी से पौधे की पुरानी पत्तियाँ के किनारे पीले हो जाते हैं। और उसमे ब्राउन रंग के धब्बे भी पड़ जाते है।
2.पौधों के पत्ते पीले क्यों हो जाते हैं?
Ans. पौधों के पत्ते पीले होने के कई कारण हो सकते हैं। पौधों में पोषक तत्वों की कमी या फिर अत्याधिक धूप या अत्यधिक पानी से भी पौधों की पत्ती पीले हो जाते हैं।
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