गेहूं की टॉप किस्म
किसानों के बीच सबसे लोकप्रिय गेहूं किस्म के बारे में जानें:PBW UNAT-343 Wheat Variety
PBW उन्नत-343 गेहूं किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की एक रिसर्च गेहूं किस्म है। जो वर्ष 2007-08 में बनाई गई थी। यह एक पुरानी किस्म है, जिसमें पीले रतुआ रोग की शिकायत होने की वजह से इसको 2017 में वैज्ञानिकों ने दोबारा से इस किस्म में सुधार करके इसे पीला रतुआ और भूरा रतुआ रोग के प्रति सहनशील बनाया और इस किस्म को नया नाम दिया गय- PBW उन्नत-343
बंपर पैदावार के लिए कठोर, मोटे और चमकदार दाने वाली इस गेहूं किस्म की करें बजाई:Wheat variety of Shriram Seeds
श्रीराम सुपर-111 श्रीराम सीड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की एक रिसर्च गेहूं की किस्म है। गेहूं की यह एक मध्यम ऊंचाई वाली गेहूं किस्म है। इसकी ऊंचाई लगभग 100 सेंटीमीटर तक रहती है। गेहूं की इस किस्म का दाना कठोर, मोटा और चमकदार होता है। दाना मोटा होने के कारण इस किस्म की रोटी भी अच्छी बनती है।
गेहूं किस्मों में सबका बाप है ये गेहूं किस्म:श्रीराम सीड्स की सबसे अधिक पैदावार देने वाली गेहूं किस्म
गेहूं की यह एक मध्यम लंबाई वाली गेहूं किस्म है। इसकी लंबाई लगभग 90 से 95 सेंटीमीटर तक रहती है। इसका तना मजबूत होता है। जिससे यह गिरने के प्रति सहनशील है। गेहूं की इस किस्म में कल्ले अधिक मात्रा में फूटते हैं, इसमें 12 से 15 कल्ले आसानी से निकल आते हैं।
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गेहूं में पानी कब लगाएं:कितनी बार लगाएं,पानी देने के इस तरीके से पैदावार को बढ़ाएं
गेहूं की फसल में 2 से 10 बार सिंचाई की जाती है। यह सिंचाई अलग-अलग क्षेत्र और जलवायु में कम या अधिक होती है। वैसे गेहूं में सामान्य तीन से चार सिंचाई की जाती है। गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए हमें उसमें समय पर पानी और खाद देना बहुत ज्यादा आवश्यक है। समय पर पानी देकर आप अपनी पैदावार को एक से दो कुंतल प्रति एकड़ तक बढ़ा सकते हैं।
गेहूं में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को खत्म करने का सस्ता और आसान तरीका(2023):broadleaf weeds in wheat
गेहूं की फसल में चौड़ी और सकरी पत्ती दोनों प्रकार के खरपतवार उगते हैं। गेहूं में खरपतवार आपकी फसल को 40% तक नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए इनको समय पर नष्ट करना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। जो खाद आप डालते हो वह आपकी गेहूं की फसल को लगने के साथ खरपतवारों को लगता है। जिससे वह और फलते फूलते रहते हैं। और गेहूं की फसल इन खरपतवारों के आगे कमजोर हो जाती है। जिससे आपकी पैदावार घट जाती है।