खाद में N-P-K अनुपात को समझें: किसानों के लिए सरल गाइड

By Kheti jankari

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खाद में N-P-K अनुपात

किसान साथियों नमस्कार, कृषि में खाद का उपयोग पौधों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए बहुत जरूरी है। खाद के पैकेट पर आपने अक्सर तीन नंबर देखे होंगे, जैसे 10-10-10 या 5-10-5। इन्हें N-P-K अनुपात कहा जाता है। ये तीन अक्षर—N, P और K—पौधों के लिए तीन मुख्य पोषक तत्वों को दर्शाते हैं: नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P) और पोटेशियम (K)। ये तत्व पौधों के विकास में अलग-अलग भूमिका निभाते हैं। इस लेख में हम इनके महत्व को सरल भाषा में समझेंगे और जानेंगे कि टमाटर जैसे पौधों के लिए इनका उपयोग कैसे करना चाहिए।

खाद में N-P-K अनुपात क्या है

N-P-K अनुपात खाद में मौजूद नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम की मात्रा को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, 10-20-10 का मतलब है कि खाद में 10% नाइट्रोजन, 20% फॉस्फोरस और 10% पोटेशियम है। बाकी हिस्सा अन्य सामग्री या भराव होता है। ये तीनों तत्व पौधों के लिए भोजन की तरह हैं, जो उनके विकास के अलग-अलग चरणों में मदद करते हैं। आइए, इनके काम को एक-एक करके समझते हैं।

नाइट्रोजन (N):

नाइट्रोजन पौधों की पत्तियों और तनों के विकास के लिए बहुत जरूरी है। यह पौधों में क्लोरोफिल बनाता है, जो सूरज की रोशनी को ऊर्जा में बदलकर पौधे को हरा-भरा बनाता है। अगर पौधे को पर्याप्त नाइट्रोजन मिले, तो उसकी पत्तियाँ घनी, हरी और मजबूत होंगी। टमाटर जैसे पौधों के लिए, खासकर शुरुआती दिनों में, नाइट्रोजन बहुत जरूरी है। इस समय पौधा अपने तने और पत्तियाँ मजबूत कर रहा होता है। लेकिन ज्यादा नाइट्रोजन भी नुकसान कर सकता है, क्योंकि इससे पौधा सिर्फ पत्तियाँ बढ़ाएगा और फूल या फल कम देगा।

फॉस्फोरस (P):

फॉस्फोरस पौधों के फूल और फल बनाने में मदद करता है। यह जड़ों को मजबूत करता है और बीजों के विकास में भी सहायक है। टमाटर के पौधों में फॉस्फोरस तब सबसे जरूरी होता है, जब पौधा फूल देने लगता है। अगर इस समय फॉस्फोरस की कमी हो, तो फूल कम खिलेंगे और फल छोटे या कमजोर होंगे। सही मात्रा में फॉस्फोरस देने से टमाटर के पौधे स्वस्थ, रसीले और स्वादिष्ट फल देते हैं।

पोटेशियम (K):

पोटेशियम पौधे को मजबूत और स्वस्थ रखता है। यह जड़ों को मजबूती देता है, पानी को बेहतर तरीके से सोखने में मदद करता है और पौधे को बीमारियों व सूखे जैसी समस्याओं से लड़ने की ताकत देता है। टमाटर के लिए पोटेशियम पूरे जीवन चक्र में जरूरी है, क्योंकि यह पौधे को पर्यावरण की चुनौतियों, जैसे गर्मी या ठंड, से बचाता है। पर्याप्त पोटेशियम मिलने से टमाटर का पौधा मजबूत रहता है और अच्छी पैदावार देता है।

टमाटर के पौधे के लिए N-P-K का उपयोग

टमाटर का पौधा N-P-K अनुपात को समझने का एक अच्छा उदाहरण है। इसके विकास के तीन मुख्य चरणों में अलग-अलग पोषक तत्वों की जरूरत होती है:

  1. शुरुआती विकास (पत्तियों का चरण): जब टमाटर का पौधा छोटा होता है, तो उसे ज्यादा नाइट्रोजन चाहिए। इससे पत्तियाँ और तने मजबूत बनते हैं। इस समय 10-5-5 जैसे खाद का उपयोग अच्छा रहता है।
  2. फूल और फल का चरण: जब पौधा फूल देने लगता है, तो फॉस्फोरस की जरूरत बढ़ जाती है। इस समय 5-10-5 जैसे खाद का उपयोग करें, जो फूलों और फलों को बढ़ावा देता है।
  3. पौधे की मजबूती: पूरे जीवन चक्र में पोटेशियम की जरूरत होती है। यह जड़ों को मजबूत करता है और पौधे को स्वस्थ रखता है। 5-5-10 जैसे खाद इस चरण में मददगार हैं।

किसानों के लिए यह क्यों जरूरी है

N-P-K अनुपात को समझने से किसान सही खाद चुन सकते हैं। गलत खाद का इस्तेमाल करने से फसल को नुकसान हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर शुरुआत में ज्यादा फॉस्फोरस दे दिया जाए, तो पौधा पत्तियाँ नहीं बना पाएगा। इसी तरह, फूलों के समय नाइट्रोजन ज्यादा देने से फल कम लगेंगे। सही अनुपात चुनने से:

  • पौधे स्वस्थ रहते हैं: सही पोषक तत्व मिलने से पौधे मजबूत और रोगमुक्त रहते हैं।
  • पैदावार बढ़ती है: टमाटर जैसे फसलों में ज्यादा और बेहतर फल मिलते हैं।
  • पैसे की बचत होती है: सही खाद चुनने से अनावश्यक खर्च कम होता है।

मिट्टी की जाँच करवाएँ। अगर मिट्टी में पहले से कोई तत्व ज्यादा है, तो उसी हिसाब से खाद चुनें। जैविक खाद, जैसे गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट, भी N-P-K प्रदान करते हैं और मिट्टी को स्वस्थ रखते हैं।

N-P-K अनुपात को समझना किसानों के लिए बहुत जरूरी है। यह पौधों के लिए सही भोजन चुनने जैसा है। नाइट्रोजन पत्तियों को बढ़ाता है, फॉस्फोरस फूल और फल देता है, और पोटेशियम पौधे को मजबूत बनाता है। टमाटर जैसे पौधों के लिए सही समय पर सही खाद का उपयोग करके आप बेहतर पैदावार और स्वस्थ फसल पा सकते हैं। अगली बार जब आप खाद खरीदें, तो N-P-K नंबरों पर ध्यान दें और अपनी फसल की जरूरतों के हिसाब से सही चुनाव करें। धन्यवाद!

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