शिमला मिर्च की उन्नत खेती कैसे करें:- नमस्कार किसान साथियों, शिमला मिर्च की खेती भारत के लगभग सभी इलाकों में की जा जाती है। लेकिन मुख्य रूप से हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में शिमला मिर्च की खेती की जाती है। शिमला मिर्च की खेती आप पूरे साल में कभी भी कर सकते हैं। लेकिन इसकी मुख्य रूप से तीन बुवाई की जाती है, पहली जून से जुलाई दूसरी अगस्त से सितंबर और तीसरी नवंबर से दिसंबर में की जाती है।
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शिमला मिर्च की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी
शिमला मिर्च की खेती के लिए आपकी मिट्टी का पीएच मान 5 से 7.5 तक होना चाहिए लेकिन काली मिट्टी, काली दोमट, चिकनी दोमट और बुलाई दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है।
शिमला शिमला मिर्च की खेती के लिए ठंडी नम आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त रहती है 10 डिग्री से 35 डिग्री तापमान तक शिमला मिर्च की खेती आसानी से की जाती है अधिक पैदावार के लिए 25 डिग्री से 30 डिग्री का तापमान फूल आने के समय होना चाहिए।
शिमला मिर्च की उन्नत किस्में
वैसे तो शिमला मिर्च की बाजार में काफी सारी किस्में मिलती है। लेकिन कुछ प्रमुख किस्में जो किसानों द्वारा सबसे ज्यादा पसंद की जाती हैं, और जिन की पैदावार सबसे अधिक है, नीचे दी गई हैं।
1.इंद्राF1 (syngenta)
2.आशाF1 (clause)
3.इंट्रूडर (syngenta)
4.कावेरी254 (east west)
5.हंटिंगटन (seminis)
6.इंडस1201 (indus seeds)
शिमला मिर्च की पौध कैसे तैयार करें
- शिमला मिर्च की पौध तैयार करने के लिए प्रति एकड़ 90 से 100 ग्राम बीज की आवश्यकता पड़ेगी।
- एक एकड़ में लगभग 16000 पौधे लगेंगे।
- 1g बीज को 5g ट्राइकोडर्मा के घोल में डालकर बीज उपचार करें।
- शिमला मिर्च की पौध तैयार करने के लिए आपको तंबू या पोली हाउस का प्रयोग करना पड़ेगा।
- प्लास्टिक की ट्रे में नर्सरी तैयार करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा।
- नर्सरी तैयार करने के लिए नारियल का खाद 20किलो, वर्मी कंपोस्ट 10किलो, कार्बेंडाजिम+मैनकोज़ेब 100ग्राम को आपस में मिलाकर प्लास्टिक ट्रे जिसमें लगभग 16000 होल्स हों, को भर दें।
- अब इसमें प्रत्येक हॉल में बीज रखकर मल्चिंग पेपर से ट्रे को कवर कर दें।
- 6 से 7 दिन तक ट्रे को कवर रखें।
- 25 से 30 दिन में नर्सरी तैयार हो जाएगी।
शिमला मिर्च के लिए खेत की तैयारी
- खेत को अच्छे से जोत कर मिट्टी को भुरभुरी बना ले।
- बेड मेकर की सहायता से 2.5*2.5 फीट के बेड बना लें,जिसकी ऊंचाई 1 से 1.5 फीट तक होनी चाहिए।
- बेड बनाने के बाद 30 माइक्रोन वाले मल्चिंग पेपर से बेड को अच्छे से ढक दें।
- मालचिंग पेपर का प्रति एकड़ 12000 से 14000 खर्च आएगा।
- मल्चिंग पेपर में बेड के ऊपर 2 इंच के होल बना लें।
शिमला मिर्च का पौधा रोपण के समय ध्यान रखने योग्य बातें
- पौधरोपण के समय मिट्टी में नमी होनी चाहिए।
- प्रति एकड़ 16000 पौधे लगेंगे।
- पौधे से पौधे की दूरी 1 फीट रखें।
- पौधरोपण के बाद हल्की सिंचाई करें।
- 2 दिन के अंतराल पर दो 2 घंटे ड्रिप से सिंचाई करें।
शिमला मिर्च में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें
शिमला मिर्च में खरपतवार को नियंत्रण करने का सबसे बढ़िया तरीका निराई गुड़ाई है। हर 15 से 20 दिनों के अंतराल पर खरपतवारओं को नष्ट करते रहें।
शिमला मिर्च में रोग और कीट प्रबंधन
शिमला मिर्च में रोग और खेतों की बात करें तो इसमें कीटों की रोकथाम करना बहुत ज्यादा आवश्यक है, क्योंकि इसमें की ज्यादा मात्रा में कीट और रोग लगते हैं। इसमें मुख्य रूप से सफेद मक्खी, माइट्स, फ्रूट बोरर, टॉप बोरर, फंगस, बलाइट और लीफ कर्ल वायरस प्रमुख रोग व कीट हैं।
इसमें कीटों की रोकथाम के लिए आप साधारण कीटनाशकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कीटों की रोकथाम के लिए स्टीकी ट्रैप सबसे उपयुक्त हैं। पीले और नीले स्टिकी ट्रैप्स खेत के बीच में कई जगह लगाएं।
शिमला मिर्च से प्रति एकड़ पैदावार
- शिमला मिर्च की पहली तुड़ाई 65 से 70 दिन पर हो जाती है।
- यह फसल लगभग 7 से 8 महीने तक फल देती है।
- प्रति एकड़ लागत की बात करें तो एक से डेढ़ लाख रुपए खर्च किसानों का आराम से आ जाता है।
- शिमला मिर्च का मंडी भाव 15 से ₹40 प्रति किलो तक रहता है।
- प्रति एकड़ 50 से 60 टन पैदावार आसानी से हो जाती है।
- किसान भाई प्रति एकड़ 8 लाख से 9 लाख रूपए आसानी कमा सकते हैं।
शिमला मिर्च की खेती के बारे में अगर आप कुछ और जानना चाहते हैं। तो कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। धन्यवाद
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