किसान साथियों नमस्कार, गन्ने में रोगों की बात करें, तो टॉप बोरर, पोका बोईंग और लाल सड़न रोग(रेड रॉट) तीन सबसे खतरनाक रोग पाए जाते है। इन रोगों में टॉप बोरर और पोका बोइंग रोगों को किसान भाई विभिन्न प्रकार के कीटनाशकों और फफूंदी नाशकों का प्रयोग करके आसानी से रोकथाम कर लेते है। रेड रोड यानी लाल सड़न लोग का अभी तक कोई कारगर इलाज वैज्ञानिकों को नहीं मिला। इसलिए यह गन्ने की सबसे भयंकर बीमारी है। यह बीमारी गन्ना किस्म सीईओ 238 में अधिक मात्रा में देखने को मिल रही है। गन्ने की नयी किस्मों में ये रोग कम देखने को मिलता है।
गन्ने में लाल सड़न (Red Rot) रोग
लाल सड़न रोग गन्ने की फसल में लगने वाली एक फफूंदी जनक बीमारी है। जिसका अभी तक कोई कारगर इलाज नहीं मिल पाया। परंतु यदि सही समय पर ध्यान दिया जाए, तो इस रोग की कुछ हद तक रोकथाम की जा सकती है। कुछ समय से यह रोग लगातार देखने में को मिल रहा है। हाल के दिनों में अधिक बारिश के कारण यह बीमारी कुछ क्षेत्रों में अधिक मात्रा में फैलती हुई नजर आ रही है। जिससे गाने की फसल को अधिक नुकसान होने का अंदेशा है। लाल सड़न रोग उसे समय अपना अटैक करता है, जब गन्ने की फसल लगभग तैयार हो जाती है। यह रोग गन्ने की फसल को 100% तक नुकसान कर सकता है।
गन्ने में लाल सड़न रोग (Red Rot) के लक्षण
- शुरुआती लक्षणों की बात करें तो गन्ने की पूरी तरीके से विकसित तीसरी और चौथी पत्ती पीली पड़ जाती है। और पतियों के मध्य सिरों के नीचे की ओर भूरे रंग के मोतियों की माला जैसे धब्बे बन जाते है। धीरे-धीरे पौधे की सारी पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, और बाद में पूरा पौधा सूख जाता है। यह लक्षण अगस्त से सितंबर माह में दिखाई देते है।
- रोग रहित गन्ने को बीच से चिर कर देखा जाए, तो बीच का भाग लाल रंग का दिखाई देता है। और बीच-बीच में सफेद रंग के धब्बे भी नजर आते है। और सुघने पर शराब जैसी गंध आती है।
- गन्ने की कुछ पारियों में ऊपर तक जड़ निकल आती है। व गन्ने की पूरी के ऊपर हल्के भूरे और काले रंग के धब्बे भी आसानी से देखे जा सकते है।
गन्ने के लाल सड़न रोग (Red Rot) की रोकथाम
जैसा कि आप सबको पता है, कि गन्ने के लाल सड़न रोग का कोई कारगर इलाज नहीं है। परंतु कुछ उपाय करके इस बीमारी को कुछ हद तक रोका जा सकता है, या आगे बढ़ने से रोक सकते है। इसके लिए कुछ कारगर उपाय नीचे बताए गए हैं-
- संक्रमित पौधों को खेत से निकलकर कहीं बाहर गड्ढे में दबा दें या जला दें। पौधे उखड़े हुए स्थान पर 20 से 25 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर डालकर मिट्टी से ढक दें।
- रोग से प्रभावित फसल में नेटिव 75% (बायर) 250 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ 300 लीटर पानी में गोल मिलाकर स्प्रे करें। मूल्य देखें
- रेड रोड से प्रभावित खेतों का पानी दूसरे खेतों में नए जाने दें।
- रेड रोड से प्रभावित पौधा फसल की पेड़ी न लें। ध्यान रखें कि ऐसे खेतों से कभी भी बी ना लें।
- रेड रोड से प्रभावित खेतों में एक वर्ष तक गन्ने की फसल को न लगायें। इसमें धान या दूसरी फसल चक्र अवश्य अपनाएं।
- गन्ने की ऐसी किस्म का चयन करें जो इस रोग के प्रति सहनशील हो।
किसान साथियों अगर आप इस भयानक बीमारी से बचना चाहते है। तो अपने गन्ने के बीजों के लिए ऐसी किस्मों का चयन करें, जो किस्म इस बीमारी के प्रति सहनशील हो। गन्ना बजाई के समय बीज उपचार जरूर करें। बीज उपचार इसलिए जरूरी है, ताकि रेड रोड जैसे रोगों से आने वाले समय में बचाव किया जा सके। धन्यवाद!
FAQ
गन्ने में लाल सड़न को आप कैसे रोक सकते हैं?
संक्रमित पौधों को खेत से निकलकर ही आप इस रोग को रोक सकते है। अधिक जानकरी लिए ऊपर पूरा लेख पढ़ें।
गन्ने का घातक रोग कौन सा है?
टॉप बोरर, पोका बोईंग और लाल सड़न रोग गन्ने के सबसे घातक रोग है।
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