COS-13231 गन्ना किस्म की विशेषताएं:Early sugarcane variety of Uttar Pradesh

By Kheti jankari

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रेड रॉट रोग से बचाव के लिए इस गन्ना किस्म की करें बजाई(2023)

किसान साथियों नमस्कार, समय-समय पर किसानों के लिए अनुसंधान केंद्र अलग-अलग गन्ना किस्मों का निर्माण करते हैं। यह किस्में किसानों को काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। गन्ने की एक किस्म को तैयार करने में 7 से 8 वर्ष का समय लग जाता है। पिछले वर्ष गन्ना किस्म CO-0238 जो किसानों के लिए सबसे अच्छी गन्ना किस्म थी। उसमें रेड रोड रोग अधिक मात्रा में नुक्सान किया है। जिससे यह किस्म खत्म होने की कगार पर है। इसलिए किसान ऐसी गन्ना किस्म की तलाश कर रहे हैं। जो इस रोग से उन्हें बचाव कर सके, और पैदावार भी अधिक दें। रेड रॉट रोग उन क्षेत्रों में अधिक लगता है, जहां गन्ने में जल भराव अधिक रहता है। इसलिए वैज्ञानिकों ने ऐसी गन्ना किस्म तैयार की है, जो रेड रोड रोगों से बचाव करेगी और जल भराव वाले क्षेत्रों में भी किसानों को अच्छी पैदावार निकाल कर देगी। गन्ने की यह इस किस्म का नाम COS-13231 है। आगे इस गन्ना किस्म के बारे में संपूर्ण जानें-

गन्ना किस्म CO-15023 के बारे में जाने

COS-13231 गन्ना किस्म की पहचान

गन्ना किस्म COS-13231 एक उत्तर प्रदेश की गन्ना किस्म है। इस किस्म की पत्तियां मुलायम होती है। इसमें कांटे नहीं होते। इस किस्म की पोरी लम्बी होती है। और पोरी का कुछ भाग हल्का सफेद रंग का धब्बे होते है। इस किस्म की मोटाई माध्यम होती है। इस किस्म के अगोले में बैंगनी और लाल रंग के धब्बे लीफ शीत पर देखने को आपको मिल जाएंगे। ये सब चीजें देखकर आप आसानी से इस गन्ना किस्म की पहचान कर सकते है।

COS-13231 गन्ना किस्म की विशेषताएं

इस गन्ना किस्म की लंबाई 12 से 15 फीट तक होती है। यह गन्ना किस्म लौ लैंड यानी जल भराव वाले क्षेत्र के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इस किस्म में कल्लों का फुटाव अधिक होत हैं। यह किस्म गिरने के प्रति सहनशील है। इसका गन्ना ठोस और कठोर होता है। जिससे इसमें टॉप बॉर्डर और पोका बोईंग जैसे रोगों की समस्या नहीं आती। गन्ने की यह किस्म रेड रॉट (लाल सड़न रोग) रोग के प्रति सहनशील है। इस किस्म की खास बात यह भी है, कि यह कठोर होने के साथ इसमें जंगली जानवरों का नुकसान बहुत कम मात्रा में होता है। इस किस्म में शर्करा की मात्रा लगभग 12% तक पाई जाती है।

COS-13231 गन्ना किस्म का बजाई समय

गन्ने की इस किस्म की बिजाई आप अगेती और पिचेती दोनों प्रकार से कर सकते हैं। इस गन्ना किस्म की बिजाई अक्टूबर नवंबर से लेकर मार्च अप्रैल तक कर सकते हैं।

COS-13231 गन्ना किस्म की औसत पैदावार

गन्ने की इस किस्म की पैदावार आपकी देखभाल और आपकी मिट्टी पर निर्भर करती है। लेकिन यह किस्म 350 से 400 कुंतल प्रति एकड़ पैदावार आसानी से निकाल कर दे देती है।

नोट – गन्ने की यह किस्म उत्तरप्रदेश के लिए गन्ना मीलों द्वारा स्वकृति गन्ना किस्म हैं। दूसरे राज्यों के किसान गन्ना मिल अधिकारी से बात करके ही इस किस्म की बजाई करें। किसान भाई गन्ने की बिजाई करते समय बीज उपचार फफूंदीनाशक और कीटनाशक से अवश्य करें। ताकि रोगों से बचाव किया जा सके।

जो किसान इस किस्म की पिछले वर्षों से बजाई करते है। वह कृपा अपने सुझाव इस किस्म के बारे जरूर दें, ताकि दूसरे किसान इससे लाभ लें सकें की उनको इस किस्म की बजाई करनी चाहिए या नहीं। धन्यवाद!

FAQ

1 किलो चीनी के लिए कितना गन्ना चाहिए?
1 किलोग्राम चीनी हमें 10 से 12 किलोग्राम गन्ने से प्राप्त होती है।

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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