खरीफ बुवाई में खादों का सही चुनाव:- किसान साथियों नमस्कार, खरीफ की बुवाई शुरू हो चुकी है, ऐसे में अच्छी पैदावार के लिए बेहतर बीज के साथ-साथ संतुलित पोषक तत्वों का प्रबंधन भी जरूरी है। पोषक तत्वों की बात करें तो किसान अक्सर डीएपी और यूरिया का उपयोग करते हैं, जो पौधों को सिर्फ दो पोषक तत्व (नाइट्रोजन और फास्फोरस) ही देते हैं। जबकि पौधों को 12 पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जिनमें से 6 की अधिक मात्रा चाहिए (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर) और 6 की कम मात्रा (लोहा, तांबा, जस्ता, मैंगनीज, बोरोन, मोलिब्डेनम)।
डीएपी की जगह सिंगल सुपर फॉस्फेट का फायदा
डीएपी एक लोकप्रिय उर्वरक है, जो 18% नाइट्रोजन और 46% फास्फोरस प्रदान करता है। दूसरी ओर, एसएसपी से 16% फास्फोरस, 21% कैल्शियम और 11% सल्फर मिलता है। यानी डीएपी जहां केवल दो पोषक तत्व देता है, वहीं एसएसपी तीन महत्वपूर्ण तत्वों की पूर्ति करता है। खास बात यह है कि एसएसपी से मिलने वाले सल्फर और कैल्शियम जैसे तत्वों के लिए किसानों को अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ता। यह न केवल फसलों के लिए संतुलित पोषण सुनिश्चित करता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखता है।
किसानों की बचत का गणित
- डीएपी: 100 किलो की कीमत ₹2700, जिससे 18 किलो नाइट्रोजन और 46 किलो फास्फोरस मिलता है।
- यूरिया + SSP:
- 40 किलो यूरिया (₹237) से 18 किलो नाइट्रोजन मिलता है।
- 287.5 किलो SSP (₹2587) से 46 किलो फास्फोरस मिलता है।
- कुल खर्च: ₹2824।
- साथ ही, 31.6 किलो सल्फर और 60.3 किलो कैल्शियम मुफ्त मिलता है!
- अगर अलग से सल्फर खरीदें तो ₹800-900 और खर्च होंगे।
सल्फर और कैल्शियम का महत्व
एसएसपी का सबसे बड़ा फायदा सल्फर और कैल्शियम की उपलब्धता है। सल्फर तिलहन फसलों (जैसे सरसों, मूंगफली) में तेल की मात्रा बढ़ाता है और दलहन फसलों (जैसे चना, मूंग) में प्रोटीन की गुणवत्ता में सुधार करता है। खरीफ में बोई जाने वाली मूंगफली और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है। वहीं, कैल्शियम पौधों की कोशिका भित्ति को मजबूत करता है, जड़ों के विकास में मदद करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। आमतौर पर किसान इन तत्वों की पूर्ति अलग से नहीं करते, खासकर खरीफ की सामान्य फसलों में। ऐसे में एसएसपी एक आसान और सस्ता समाधान प्रदान करता है।
डीएपी की जगह यूरिया + SSP का उपयोग करने से पैसे की बचत के साथ-साथ पौधों को ज्यादा पोषक तत्व मिलते हैं। इसलिए, खरीफ फसल में संतुलित उर्वरक प्रबंधन के लिए सिंगल सुपर फॉस्फेट का उपयोग फायदेमंद होगा।
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