कृषि
लहसुन में पीलापन:पौधे के पत्ते ऊपर से सूखने का मुख्या कारण, कृषि जानकार ने बताया ये तरीका:Reasons for yellowness in garlic
लहसुन में पीलापन आने का मुख्य कारण मौसम का परिवर्तन होता है। मौसम में रात में ठंड अधिक बढ़ जाती है, और दिन में तेज धूप होने के कारण गर्मी रहती है। इसलिए पौधे तनाव में आ जाते हैं। जिससे उसमें भयंकर पीलापन आ जाता है। और उसकी पत्तियां धीरे-धीरे सूखने लगते हैं। इसको आप सर्द गर्म के कारण भी बोल सकते हैं।
लहसुन में लगने वाले सबसे ख़तरनाक फफूंदी जनित रोग:लहसुन की ऊपर की पत्तियों का सूखना,कैसे करें रोकथाम:सम्पूर्ण जानें
लहसुन में वैसे तो कई प्रकार के फफूंदी जनक रोग लगते हैं लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा खतरनाक डाउनी मिल्ड्यू रोग है। यह एक फफूंदी जनक बीमारी है। लगभग सभी क्षेत्रों में यह बीमारी हमें देखने को मिलती है। इस बीमारी से किसानों को काफी नुकसान होता है। जब तापमान कम होता है, और लहसुन की पत्ती गीली रहती है।
दिसंबर के महीने में करें इन गेहूं किस्मों की बिजाई मिलेगी अधिक पैदावार:late wheat varieties
गेहूं की बिजाई का सही समय वैसे तो 5 नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक का होता है। लेकिन कुछ किसान भाई गन्ना कटाई के बाद भी गेहूं की बिजाई करते हैं। गन्ने की कटाई आमतौर पर दिसंबर से लेकर मार्च अप्रैल तक होती है। किसान दिसंबर में कटाई किए जाने वाले गन्ने के खेत में गेहूं की बिजाई करते हैं। इस समय गेहूं की बिजाई के लिए आपको कुछ विशेष किस्म का चयन करना पड़ता है।
सरसों वाले किसान सावधान:तेजी से फ़ैल रहा है ये रोग, समय पर करें रोकथाम,पहचान, रोकथाम का तरीका सम्पूर्ण जानें
सरसों की फसल में इल्ली (सुंडी) आपके बीच वाले पत्तों या उससे नीचे वाले पत्तों पर देखने को मिलेगी। इसमें आपको झुंड में पत्तों पर छोटी-छोटी सुंडियां नजर आएगी। यह सुंडियां पत्तों का रस चूस कर उसे पर छोटे-छोटे होल बना देती हैं। और धीरे-धीरे पत्ते को सूखा देती है। आप अपने खेत में इस रोग की आसानी से पहचान कर सकते हैं। सुंडियों के ऊपर हलकी हलकी धारियां होती है। इसके अंडे आपको पत्तों के निचले भाग पर देखने को मिलते है। इसके अण्डों की संख्या भर मात्रा में होती है।
गेहूं में पानी कब लगाएं:कितनी बार लगाएं,पानी देने के इस तरीके से पैदावार को बढ़ाएं
गेहूं की फसल में 2 से 10 बार सिंचाई की जाती है। यह सिंचाई अलग-अलग क्षेत्र और जलवायु में कम या अधिक होती है। वैसे गेहूं में सामान्य तीन से चार सिंचाई की जाती है। गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए हमें उसमें समय पर पानी और खाद देना बहुत ज्यादा आवश्यक है। समय पर पानी देकर आप अपनी पैदावार को एक से दो कुंतल प्रति एकड़ तक बढ़ा सकते हैं।
गेहूं में प्रयोग होने वाली एक्सियल खरपतवार नासी की चार खास बातें शायद किसानों को नहीं पता होंगी:axial syngenta top herbicide
गेहूं में सकरी पत्ती और चौड़ी पत्ती दोनों प्रकार के खरपतवार पाए जाते हैं। सकरी पत्ती के खरपतवारों को नष्ट करने के लिए सेंकर और टॉपिक कुछ पुरानी दवाइयां हैं, जिनका इस्तेमाल किसान काफी समय से लगातार करते आ रहे हैं। और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नष्ट करने के लिए 24D, अलग्रिप और नाबूद दवाइयां का इस्तेमाल किया जाता है। सकरी पत्ती वाले खरपतवारों में मंडूसी सबसे खतरनाक और सबसे अधिक उगने वाला खरपतवार नासक है।
COLK-15466 गन्ना किस्म की विशेषताएं:COLK-15466 Sugarcane variety
गन्ने की यह किस्म लखनऊ गन्ना अनुसंधान संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा बनाई गई है। इस किस्म में कल्लों का फुटाव अधिक होता है। यह किस्म गिरने के प्रति सहनशील है। गुड़ बनाने और रस निकालने के लिए यह गन्ना सबसे उपयुक्त रहती है। इस किस्म में शर्करा की मात्रा 17.5% तक पाई जाती है। पोका बोईंग और लाल सड़न जैसे रोगों के प्रति यह गन्ना किस्म सहनशील है।
सरसों में तेजी से फ़ैल रहा है, सफेद तना गलन रोग कैसे करें रोकथाम:white stem rot disease in mustard
सरसों की बजाई रबी सीजन में की जाती है। पिछले सालों में सरसों की फसल में सफेद तना गलन रोग की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। वास्तव में इस रोग का कोई प्रभावी इलाज नहीं है। लेकिन फिर भी बीज और भूमि उपचार करके आप इस रोग की रोकथाम आसानी से कर सकते हैं। यह एक खतरनाक रोग है।
खरपतवार नाशक दवाइयां के प्रयोग से दबे हुए गेहूं को ठीक करने का सस्ता तरीका जानें(2024):wheat plant burning problem
गेहूं की फसल एक ऐसी फसल है। जिसमें खरपतवारों का जमाव अधिक मात्रा में होता है, और इसमें खरपतवार भी कई तरह के पाए जाते हैं। जिसमें कुछ सकरी पत्ती वाले तथा कुछ चौड़ी पट्टी वाले खरपतवार होते हैं। खरपतवार को नष्ट करने के लिए किसानों को कई बार दो से तीन बार भी खरपतवार नाशक दवाइयां का प्रयोग करना पड़ता है।
गेहूं में माइकोराइजा का प्रयोग करें या ना करें:क्या यह कल्ले बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा उत्पाद है, क्या कहते हैं कृषि सलाहकार, संपूर्ण जानकारी
माइकोराइजा कोई तत्व नहीं है। यह एक कुदरत फंगस है। जो पौधें जड़ों में कवक के रूप में कार्य करती है, और जड़ों की वृद्धि में मदद करती है।
गेहूं में खरपतवार नासक दवाइओं का प्रयोग कब करें:जरूरी सावधानियां, खरपतवार नासी से गेहूं खराब होने से बचाए
गेहूं किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। कई बार किसानों की फसल खरपतवार नाशकों के उल्टे-सीधे इस्तेमाल की वजह से खराब हो जाती है। यह समस्या हमें तब अधिक देखने को मिलती हैं। जब किसान सोशल मीडिया और लोगों से तरह-तरह के खरपतवार नाशकों के बारे में सुनने को मिलता है, और वह उसे कंफ्यूज होकर ऐसी खरपतवार नाशक दवाइयां का इस्तेमाल कर बैठते हैं।
गेहूं की पत्तियों का खराब होना:नीचे की पत्तियां पर धब्बे और सुख जाना, मुख्य कारण और उपचार जानें
किसान साथियों नमस्कार, गेहूं की फसल में समय-समय पर अनेक रोग लगते रहते हैं। इनमें ...
गेहूं में कद रोकने वाली दवाई का प्रयोग करना चाहिए:क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक, अनुभवी किसानों की राय जानें:Agricultural scientist’s suggestions for use in wheat
गेहूं की जो नई किस्में विकसित की गई है। जिसमें DBW-303, 187, 222, 327 और WH-1270 आदि किस्मों में वैज्ञानिक इस दवाई का प्रयोग करने के लिए आम तौर पर बोलते हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है, कि इस दवाई के प्रयोग से आप अपने गेहूं की फसल को फसल की पैदावार को बढ़ा सकते हैं।
गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए आपको इन तीन पत्तियों का हरा रखना जरूरी है:गेहूं की पैदावार तीन पत्तियों पर निर्भर करती है,Importance of flag leaf in wheat
हमारे गेहूं की पैदावार तीन पत्तियों पर निर्भर करती है।यह तीन पत्तियां में झंडा पत्ता, झंडा पेट के साथ वाली नीचे वाली पत्ती और उसके नीचे वाली पट्टी यानी के पौधे की ऊपरी तीन पत्तियां हमारी पैदावार के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होती है। अगर आप इन तीन पत्तियों को आप हरा-भरा रख लेते हो, तो आपकी पैदावार को कोई नुकसान नहीं होगा।
गेहूं में दोगुने कल्ले और लंबी बाली के लिए पानी के साथ डालें ये तीन खाद:अनुभवी किसान का फार्मूला:Main fertilizers used in wheat
गेहूं में जितने अधिक कल्ले होंगे। उतनी ही अधिक उनमें बालियाँ निकलेगी। अगर कल्ले मोटे और मजबूत होंगे, तो उनमें भी बाली भी उतनी ही मोटी निकलते हैं। गेहूं में अधिक फुटाव के लिए किसान भाई समय-समय पर पानी और खातों का इस्तेमाल करते हैं। समय पर पानी और खाद देने से ही गेहूं में अच्छा फुटाव और हरियाली बनी रहती है।
COS-13231 गन्ना किस्म की विशेषताएं:Early sugarcane variety of Uttar Pradesh
गन्ना किस्म COS-13231 एक उत्तर प्रदेश की गन्ना किस्म है। इस किस्म की पत्तियां मुलायम होती है। इसमें कांटे नहीं होते। इस किस्म की पोरी लम्बी होती है। और पोरी का कुछ भाग हल्का सफेद रंग का धब्बे होते है। इस किस्म की मोटाई माध्यम होती है।
चने में जड़ गलन समस्या:किसानों के अनुभव, ये कुछ बातें आपको कोई नहीं बताएगा
इस लेख में आपको किसानों के अनुभव द्वारा ही जानकारी दी जाएगी। किसानों का मानना ...
गेहूं में प्रयोग होने वाली सेंकोर खरपतवार नाशक की कुछ खास बातें जानें:सेंकोर को प्रयोग करने का अनोखा तरीका(2024),जो शायद आपको नहीं पता होगा
गेहूं में मंडुसी (गुल्ली डंडा) खरपतवार एक मुख्य समस्या देखी जाती है। इस खरपतवार को नष्ट करना किसानों के लिए हमेशा ही एक चैलेंज रहा है। कुछ किसान भाई तो इस खरपतवार को नष्ट करने के चक्कर में अपनी गेहूं की फसल को भी नष्ट कर लेते हैं।