C–306 गेहूं किस्म की विशेषताएं:गेहूं की देसी किस्म

By Kheti jankari

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स्वादिष्ट और सफेद चपाती के लिए गेहूं किस्म C–306 की करें बजाई

भारत के कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई-नई किस्में विकसित की है। यह किस्में किसानों को काफी अच्छी पैदावार निकाल कर दे रही है। जिससे किसानों की आमदनी बढ़ रही है। लेकिन इनमें से कुछ किस्मों की रोटी स्वादिष्ट नहीं बनती। इसलिए किसान अक्सर खाने के लिए एक ऐसी किस्म की तलाश में रहते हैं। जिसकी चपाती (रोटी) अच्छी बने और खाने में भी स्वादिष्ट हो। गेहूं की एक ऐसी ही किस्म है, जिसकी चपाती सफेद और खाने में स्वादिष्ट रहती है। इसकी चपाती को अगर आप सुबह बनाकर भी रख देते हो, तो वह शाम तक तक भी नरम ही रहती है। गेहूं की यह किस्म C–306 के नाम से जानी जाती है। गेहूं की ये देसी किस्म है। यह किस्म शरबती गेहूं के नाम से जानें जाती है। गेहूं की इस किस्म के बारे में संपूर्ण जाने-

DBW-332 wheat variety

C–306 गेहूं किस्म की विशेषताएं

C–306 गेहूं किस्म चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा वर्ष 1969 में निकल गई थी। गेहूं की इस किस्म की लंबाई अधिक होती है। इस किस्म की लंबाई 110 से 115 सेंटीमीटर के लगभग रहती है। लंबाई अधिक होने के कारण इस गेहूं किस्म में गिरने की समस्या रहती है। गेहूं की यह किस्म क्वालिटी के हिसाब से खाने में सबसे अच्छी गेहूं किस्म है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 10.5% होती है। इस किस्म की चपाती अच्छी बनती है। इसका दाना चमकदार और मोटा होता है। गेहूं की यह किस्म ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए सबसे अच्छी गेहूं किस्म है।

C–306 गेहूं किस्म की औसत पैदावार

गेहूं की इस किस्म की औसत पैदावार आजकल जो नई-नई किस्में आती है। उनके मुकाबले बहुत कम रहती है। इसकी औसत पैदावार 10 कुंतल प्रति एकड़ तक रहती है। यह किस्म 15 कुंतल प्रति एकड़ तक पैदावार देने की क्षमता रखती है।

C–306 गेहूं किस्म का पकाने का समय

गेहूं की यह किस्म पकाने में लगभग 150 दिन का समय लेती है।

C–306 गेहूं किस्म का बजाई समय

गेहूं की यह किस्म पकाने में अधिक समय लेती है। इसलिए इस किस्म की बिजाई 25 अक्टूबर से लेकर 10 नवंबर तक करनी चाहिए। गेहूं की ये किस्म अगेती बिजाई के लिए उपयुक्त है।

C–306 गेहूं किस्म के लिए उपयुक्त मिट्टी

गेहूं की यह किस्म बारानी क्षेत्र के लिए बनाई गई है। गेहूं की इस किस्म को कम पानी की आवश्यकता होती है। यह एक या दो पानी में पककर तैयार हो जाती है। अधिक पानी देने से गेहूं की इस किस्म की लम्बाई अधिक गिर जाती है। इस किस्म में यूरिया और डीएपी कम मात्रा में डालना चाहिए।

नोट- गेहूं की बिजाई करते समय फफूंदीनाशक और कीटनाशक से बीज उपचार अवश्य करें। ताकि फसल से अच्छी पैदावार ले सकें।

जिन किसान भाइयों ने गेहूं की किस्म C–306 की बजाई की हो। वह कृपा अपने सुझाव किसान दें। ताकि किसान भाई इससे लाभ ले सकें। धन्यवाद!

FAQ

क्या गेहूं पीसने से पहले धोना चाहिए?
गेहूं को पीसने से पहले अच्छी तरह से साफ करनी जरूरी होती है। गेहूं को धोने से उसमे से मिटटी निकल जाती है।

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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