किसान साथियों नमस्कार, आम को फलों का राजा कहा जाता है और भारत में यह बहुत पसंद किया जाता है। इसकी मिठास और स्वाद के कारण लोग इसे खूब खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आम के पेड़ की पहली बौर यानी फूलों के गुच्छे (जिन्हें मंजर भी कहते हैं) से फल लेना सही नहीं माना जाता? ऐसा इसलिए क्योंकि यह पेड़ की सेहत और आगे चलकर अच्छे फल देने की क्षमता के लिए जरूरी होता है। इस लेख में हम आसान शब्दों में समझेंगे कि पहली बौर पर फल क्यों नहीं लेना चाहिए और इस दौरान पेड़ की देखभाल कैसे करनी चाहिए।
आम के पेड़ की उम्र और उसका विकास
आम का पेड़ जब 3 से 4 साल का होता है, तब उसमें पहली बार बौर आती है। इस समय पेड़ अभी पूरी तरह तैयार नहीं होता। उसकी जड़ें, तना और शाखाएं अभी मजबूत होने की प्रक्रिया में होती हैं। अगर इस दौरान फल लगने दिए जाएं, तो पेड़ अपनी सारी ताकत फलों को बढ़ाने में लगा देता है। इससे उसकी अपनी बढ़ोतरी रुक सकती है या कम हो सकती है। आसान शब्दों में कहें तो पेड़ अभी बच्चे की तरह होता है, जो खुद को मजबूत करने में लगा है। ऐसे में उस पर फल का बोझ डालना ठीक नहीं होता।
भविष्य में बेहतर फल के लिए
पहली बौर पर फल न लेने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि पेड़ अपनी ताकत को जड़ों, तने और शाखाओं को मजबूत करने में लगाता है। जब पेड़ अच्छे से विकसित हो जाता है, तो आगे चलकर वह ज्यादा और अच्छे फल देता है। यह थोड़ा इंतजार करने जैसा है – अगर आप अभी धैर्य रखते हैं, तो बाद में आपको स्वादिष्ट और भरपूर आम मिलेंगे। यह पेड़ की लंबे समय तक फल देने की क्षमता को बढ़ाता है, जो किसानों के लिए भी फायदेमंद होता है।
पेड़ की ताकत और सहनशक्ति
जब पेड़ छोटा और कमजोर होता है, तो उसकी शाखाएं फल का वजन सहन नहीं कर पातीं। इससे शाखाएं टूट सकती हैं या पेड़ को नुकसान हो सकता है। साथ ही, कमजोर पेड़ पर कीड़े-मकोड़े और बीमारियां भी जल्दी लग सकती हैं। इसलिए पहली बौर पर फल न लेना पेड़ को सुरक्षित रखने का एक तरीका है।
पहली बौर की छंटाई
जब पेड़ पर पहली बार बौर आए, तो उसे सावधानी से काट देना चाहिए। यह सुनने में अजीब लग सकता है कि फूलों को हटा दें, लेकिन यह पेड़ के लिए अच्छा होता है। इससे पेड़ की ऊर्जा बेकार नहीं होती और वह अपनी जड़ों व शाखाओं को मजबूत करने पर ध्यान दे पाता है। छंटाई करते वक्त साफ और तेज औजारों का इस्तेमाल करें ताकि पेड़ को नुकसान न हो।
पेड़ को पोषण देना
इस समय पेड़ को सही खाद देना बहुत जरूरी है। नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम जैसी चीजों वाली खाद पेड़ की बढ़ोतरी में मदद करती है। इसे सही मात्रा में और सही समय पर डालें, ताकि पेड़ को पूरा फायदा मिले। खाद डालने से पहले किसी जानकार से सलाह लेना बेहतर होता है।
पानी की सही व्यवस्था
पेड़ को नियमित रूप से पानी देना भी जरूरी है। खासकर गर्मियों में, जब मौसम सूखा होता है, मिट्टी को नम रखने के लिए पानी दें। ज्यादा पानी भी नुकसान कर सकता है, इसलिए संतुलन बनाकर रखें। इससे पेड़ की जड़ें मजबूत होती हैं और वह स्वस्थ रहता है।
कीट और बीमारियों से बचाव
पेड़ की नियमित जांच करते रहें। अगर कोई कीड़ा या बीमारी दिखे, तो तुरंत उसका इलाज करें। जैविक तरीके जैसे नीम का तेल या फिर रासायनिक दवाइयां इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन किसी विशेषज्ञ से पूछकर ही ऐसा करें। इससे पेड़ सुरक्षित रहेगा।
मल्चिंग का फायदा
पेड़ के नीचे सूखी पत्तियां, घास या दूसरी जैविक चीजें बिछाएं। इसे मल्चिंग कहते हैं। इससे मिट्टी में नमी रहती है और घास-फूस कम उगता है। यह पेड़ के लिए एक प्राकृतिक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है।
आम के पेड़ की पहली बौर से फल न लेना एक समझदारी भरा कदम है। यह पेड़ को स्वस्थ और मजबूत बनाता है, ताकि आने वाले सालों में वह ढेर सारे स्वादिष्ट आम दे सके। सही देखभाल जैसे छंटाई, खाद, पानी और कीट नियंत्रण से पेड़ की उम्र और फल देने की क्षमता बढ़ती है। इससे न सिर्फ किसानों को फायदा होता है, बल्कि हम सब को भी मीठे और रसीले आम खाने को मिलते हैं। तो अगली बार जब आपके आम के पेड़ पर पहली बौर आए, तो थोड़ा सब्र करें और उसे सही देखभाल दें! आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी कैसी लगी। कृपा कमेंट के मद्धम से हमे जरूर बताएं और इसे अन्य किसानों तक अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!
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