Kheti jankari
मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।
NK-30 प्लस मक्का किस्म की विशेषताएं:Features of NK-30 Plus maize variet
फसल की अच्छी पैदावार के लिए जितना महत्व खादों और मिट्टी का होता है। उतना ही महत्व एक उत्तम बीज का भी होता है। मक्का की अच्छी पैदावार के लिए आपको एक उन्नत किस्म का चुनाव करना बहुत आवश्यक है। जिससे आप अपनी फसल से अधिक से अधिक पैदावार ले सकें और अधिक मुनाफा कमा सकें। माध्यम से हमें पकाने वाली मक्का की एक ऐसी किस्म है, जो किसानों द्वारा काफी पसंद की जाती है। यह किस्म स्विट्जरलैंड की एक कंपनी से सिंजेंटा सीड्स द्वारा दी जाती है। यह मक्का किस्म NK-30 प्लस के नाम से जानी जाती है।
COLK-9709 गन्ना किस्म:Features of COLK-9709 Sugarcane Variety
गन्ना किस्म CO-0238 वैरायटी पिछले कई सालों से किसानों को काफी अच्छी पैदावार निकाल कर दे रही थी। लेकिन पिछले वर्ष इस गन्ना किस्म में टॉप बोरोर और रेड रॉट जैसी बीमारी काफी अधिक मात्रा में देखने को मिली है। जिससे किसान भाइयों का इस किस्म पर खर्च थोड़ा अधिक बढ़ा है, और इस बार इसकी पैदावार भी कम निकली है। CO-0238 गन्ना किस्म के मुकाबले की पैदावार देने वाली एक गन्ना किस्म COLK-9709 जो भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ के द्वारा बनाई गई है।
S-6668 मक्का किस्म की विशेषताएं:best variety of maize
मक्का की बिजाई लगभग पूरे भारत में की जाती है। मक्का की अलग-अलग कंपनियों द्वारा अलग-अलग किस्में बाजार में बेची जाती है। यह ऐसी किस्म जो काली मिट्टी में काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। यह किस्म सन्जेंटा सीड्स द्वारा दी जाती है। यह किस्म S-6668 के नाम से प्रसिद्ध है।
Mh-421 मूंग किस्म की विशेषताएं:early maturing mung variety
मूंग की विभिन्न तरह की किस्में आपको बाजार में देखने को मिल जाती है। यह किस्में अलग-अलग क्षेत्र और अलग-अलग मौसमों के लिए विज्ञानकों द्वारा तैयार की जाती है। जायद यानी गर्मी के मौसम में मूंग की बिजाई के लिए ऐसी किस्म का चयन करना चाहिए। जो गर्मी को अधिक सहन करने की क्षमता रखती हो और जिनको पानी की कम आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि इन दिनों एक तो बारिश कम मात्रा में होती है, और गर्मी अधिक पड़ती है। तो किसानों को पानी अधिक मात्रा में देना पड़ता है। ऐसी ही एक किस्म जो दो से तीन सिंचाई में पैक कर तैयार हो जाती है। यह किस्म mh-421 के नाम से जानी जाती है।
लहसुन में कीट, रोग व खुराक का चमत्कारी स्प्रे:फफूंद रोग, रस चूसक कीट और टॉनिक का बेस्ट कांबिनेशन:Best spray for garlic
इस समय लहसुन की फसल में डाउनी मिल्ड्यू रोग या अन्य फफूंद रोग अधिक मात्रा में देखने को मिल रहा है। क्योंकि मौसम में लगातार नमी बनी हुई है, और धूप कम निकला रही है। इस समय फफूंदी जनक रोगों के साथ-साथ लहसुन में थ्रिप्स की समस्या भी कहीं-कहीं देखी जाती है। थ्रिप्स में आपको पत्ते पर हल्के सिल्वर रंग के छोटे-छोटे कीड़े दिखाई देंगे या फिर आपको कहीं-कहीं पीली पत्तियां भी दिखाई देती हैं। इसके साथ-साथ लहसुन में धूप न निकलने की वजह से पौधा जमीन से पोषक तत्वों को नहीं उठा पाता। इसलिए हमें पोषक तत्वों का स्प्रे भी ऊपर से कर देना चाहिए।
प्याज रोपाई में सबसे अच्छे खाद:Best fertilizer for onion planting
प्याज खरीफ और रबी दोनों सीजन में लगाया जाता है। लेकिन रबी के सीजन में प्याज सबसे अधिक मात्रा में लगता है। प्याज एक ऐसी फसल है, जिसकी पहले पौध तैयार करके उसके बाद इसकी रोपाई की जाती है। रबी के सीजन में प्याज की पौध की रोपाई दिसंबर और जनवरी में मुख्य तौर पर की जाती है ,प्याज की रोपाई के समय हमें कौन-कौन से खादों का प्रयोग करना चाहिए।
पीडीएम-139 मूंग किस्म की विशेषताएं:There is no competition for this variety of Moong
मूंग की दो प्रकार की किस्में आपको आमतौर पर देखने को मिलती हैं। एक वह किस्में जिनकी बिजाई बरसात के मौसम में की जाती है, और दूसरी वह किस्में जिनकी गर्मी के सीजन में बिजाई की जाती है। खरीफ सीजन और रबी के सीजन के बीच वाले सीजन को गर्मी या जायद का सीजन कहा जाता है। इस समय मूंग की जो किस्में उगाई जाती हैं। उनका दाना थोड़ा छोटा होता है, और बरसात के दिनों में उगाई जाने वाली मूंग किस्म का दाना थोड़ा बड़ा और मोटा होता है। इसलिए जायद के सीजन वाले में किस्में 5 से 10 दिन जल्दी पक कर तैयार हो जाती हैं। भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर द्वारा एक मूंग की किस्म तैयार की गई है। जो पीडीएम-139 के नाम से जानी जाती है।
डिकाल्ब-9208 मक्का किस्म की विशेषताएं:Best hybrid variety of maize
मक्का की विभिन्न तरह की किस्में बाजार में आती है। जो किसानों को काफी अच्छी पैदावार निकाल कर दे रही है। मक्का की फसल आम तौर पर 3 से 4 महीने में पककर तैयार हो जाती है। मक्का की एक किस्म डिकाल्ब-9208 के नाम से जानी जाती है। यह किस्म हरियाणा के किसानों द्वारा काफी ज्यादा पसंद की जा रही है। पिछले दो-तीन सालों में किसानों को इस किस्म ने काफी अच्छी पैदावार निकाल कर दी है।
पायनियर सीड्स की सबसे अच्छी हाइब्रिड मक्का किस्म:top variety of maize
पायनियर सीड्स किसानों के लिए अनेक तरह के बीजों का निर्माण करती है। यह मक्का, धान, सरसों या अन्य सभी प्रकार की फसलों के बीज बनती है। पायनियर सीड्स मक्का के कई तरह के बीजों का निर्माण करती है। इसका एक हाइब्रिड बीज बहुत ज्यादा प्रचलित है। यह किसानों को काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देता है। यह किस्म पी-1899 के नाम से किसानों के बीच प्रसिद्ध है।
मैरिनो की मुख्या विशेषताएं:Method to increase yield in wheat
गेहूं की गोभ अवस्था ऐसी अवस्था होती है, जब उसमें बालियाँ बननी शुरू हो जाती हैं। पौधे को इस समय सभी प्रकार के तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। फास्फोरस से लेकर जिंक और बोरोन तक सभी तत्व इस समय पौधे को चाहिए। ठंड अधिक होने की वजह से पौधा जमीन से पोषक तत्वों को नहीं उठा पाता। तो आपको इन पोषक तत्वों को स्प्रे के द्वारा देना पड़ता है। इसके लिए अराइज एग्रो लिमिटेड का एक उत्पाद जो मैरिनो के नाम से प्रसिद्ध है। इसमें आपको लगभग 12 तरह के पोषक तत्व मिल जाते हैं।
मक्का की वैज्ञानिक खेती:अधिक पैदावार के लिए कब बुवाई करें, क्या खाद डालें, संपूर्ण जाने:Suitable time for sowing maize
मक्का एक अनाज वर्गीय फसल है। जिसकी बिजाई लगभग पूरे भारत में की जाती है। मक्के का प्रयोग पशुओं के चारे से लेकर मनुष्य के खाने तक सभी प्रकार से किया जाता है। हरे मक्के को चारे के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। मक्के के अनाज को पशुओं के आहार और मनुष्य के आहार के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
SVM-88 मूंग किस्म की विशेषताएं:Features of SVM-88 Moong variety
शक्ति वर्धक सीड्स कंपनी मूंग की अलग-अलग तरह की किस्म किसानों के लिए तैयार करती है। ऐसी ही इसकी एक मूंग की जो SVM-88 के नाम से जानी जाती है। यह मूंग किस्म गर्मी के मौसम में बिजाई के लिए सबसे उपयुक्त है, और सबसे अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। मूंग की यह किस्म रोगों के प्रति सहनशील है।
2024 में पॉपुलर की खेती कितनी फायदेमंद:पॉपुलर की खेती करें या ना करें:What things should be kept in mind while planting poplar
पॉपुलर एक ऐसी फसल फसल है। अगर आपको इसका रेट सही मिल जाता है, तो यह आपको काफी अच्छी मुनाफा कमा कर देती है। पॉपुलर की खेती से मुनाफा आपका रेट पर निर्भर करता है, और आप कितने समय में पॉपुलर को तैयार करते हैं। अगर आप पॉपुलर की फसल को 3 से 4 साल में तैयार करते हैं, और आपको इसके लिए अच्छे मिल जाते हैं।
एसएमएल-668 मूंग किस्म की विशेषताएं:Features of SML-668 Moong variety
मूंग की बिजाई गर्मी और बरसात के मौसम में आमतौर पर की जाती है। मार्च से लेकर जुलाई तक आप इसकी बिजाई कर सकते हैं। मूंग एक ऐसी फसल है, जो अत्यधिक सुख और अत्यधिक पानी को भी सहन कर सकती है। मूंग की खेती के लिए जल निकास युक्त मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है। यदि आप मूंग की खेती करना चाहते हैं, तो आपको ऐसी खेत का चुनाव करना चाहिए। जिसमें पानी खड़ा ना हो। मूंग की अलग-अलग प्रकार की किस्म आपको बाजार में देखने को मिलती हैं। मैं आपको मूंग की एक ऐसी किस्म के बारे में बताऊंगा। जिसकी बाजार में बहुत ज्यादा डिमांड है। यह इसको किसान काफी ज्यादा पसंद करते हैं। यह किस्म एसएमएल-668 के नाम से जानी जाती है।
गेहूं में पोटाश का महत्व:Importance of potash in wheat
गेहूं की फसल इस समय लगभग 70 से 80 दिनों की हो गई है। ठंड बढ़ाने के कारण पौधे जमीन से पोषक तत्वों को कम मात्रा में उठा रहे हैं। जिससे हमें फसलों में पोषक तत्वों की कमी देखने को मिल रही है। इस समय अगर आप अपने गेहूं की फसल में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना चाहते हैं। तो आपको स्प्रे द्वारा ही सीधा ही छिड़काव करना चाहिए। क्योंकि पौधे जमीन से सूर्य के प्रकाश बिना तत्वों को बहुत कम मात्रा में उठते हैं।
आईपीएम 410-3 (शिखा) मूंग किस्म की विशेषताएं:Best variety of Moong
मूंग की खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है। लेकिन मूंग की खेती के लिए काली मिट्टी, दोमट मिट्टी और हलकी मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है। इसलिए मूंग की बिजाई मध्य भारत में सबसे अधिक की जाती है। मूंग की बिजाई जायद और खरीफ के मौसम में कर सकते हैं।मूंग एक दाल वर्गीय फसल है। जिसको आप कम समय में तैयार कर सकते हैं। यह आपको अच्छा मुनाफा कमा कर दे सकती है। आज मैं आपको मूंग की एक ऐसी किस्म के बारे में बताऊंगा। जो भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर द्वारा बनाई गई है। यह किस्म शिखा के नाम से प्रसिद्ध है। यह आईपीएम 410-3 के नाम से भी जानी जाती है।
चना में फल छेदक इल्ली:fruit borer caterpillar in gram
आजकल अत्यधिक रासायनिक खादों के प्रयोग प्रयोग से फसलों में कीट और फंगस रोग अधिक मात्रा में बढ़ने लगे हैं। ऐसे ही चने में सुंडी यानी इल्ली का प्रकोप काफी अधिक मात्रा में देखा जाता है कई बार तो सुंडियां चने की पूरी फसल को नष्ट कर देती हैं। और किसान हाथ मलता रह जाता है। इसलिए किसान साथियों आपको सही समय पर सही दवा का प्रयोग करके अपनी चने की फसल में इल्ली को कंट्रोल करना चाहिए, ताकि फसल को भी कोई नुकसान ना हो और आपकी पैदावार अच्छी निकले। चने में इल्ली कंट्रोल करने के लिए कुछ दवाइयां आपको नीचे बताई गई है।
पॉपुलर की टॉप किस्में:Top Varieties of Popular
पॉपुलर की खेती इस समय किसानों की पहली पसंद बनी हुई है। क्योंकि पॉपुलर की लकड़ी की रेट काफी अच्छे चल रहे हैं। पॉपुलर एक ऐसी फसल है, जो 3 से 4 साल में तैयार हो जाती है। इससे किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। पॉपुलर की अलग-अलग क किस्में आती हैं। पॉपुलर की खेती के लिए रेताली या दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है। आज मैं आपको पॉपुलर की टॉप किस्म के बारे में बताऊंगा और उनकी आप पहचान कैसे कर सकते हैं।