बासमती चावल:- किसान साथियों नमस्कार, पंजाब सरकार ने राज्य के मशहूर बासमती चावल की गुणवत्ता को सुरक्षित रखने और निर्यात को आसान बनाने के लिए एक अहम फैसला किया है। सरकार ने 1 अगस्त 2025 से 60 दिनों के लिए बासमती धान की खेती में इस्तेमाल होने वाले 11 कीटनाशकों की बिक्री, वितरण और उपयोग पर अस्थायी रोक लगा दी है। इसकी अधिसूचना 10 मई 2025 को पंजाब के राजपत्र में जारी की गई थी।
प्रतिबंध का कारण
यह कदम पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU), लुधियाना और पंजाब राइस मिलर्स एवं निर्यातक संघ की सिफारिश पर उठाया गया है। इन संस्थाओं ने पाया कि कई बासमती चावल के नमूनों में इन कीटनाशकों के अवशेष अंतरराष्ट्रीय मानकों (MRL) से ज्यादा हैं, जिससे निर्यात पर बुरा असर पड़ सकता है।
प्रतिबंधित कीटनाशकों की सूची
- एसेफेट (Acephate)
- बुप्रोफेज़िन (Buprofezin)
- क्लोरोपायरीफॉस (Chlorpyriphos)
- प्रोपिकोनाज़ोल (Propiconazole)
- थायमेथोक्सम (Thiamethoxam)
- प्रोफेनोफॉस (Profenofos)
- कार्बेन्डाज़िम (Carbendazim)
- ट्राइसायक्लाज़ोल (Tricyclazole)
- टेबुकोनाज़ोल (Tebuconazole)
- कार्बोफ्यूरान (Carbofuran)
- इमिडाक्लोप्रिड (Imidacloprid)
किसानों के लिए सलाह
सरकार ने बताया कि बाजार में कम हानिकारक विकल्प मौजूद हैं और किसानों को इन्हीं का उपयोग करना चाहिए। इससे बासमती चावल की अंतरराष्ट्रीय मांग बनी रहेगी और निर्यातकों को भरोसा मिलेगा।
इस फैसले का महत्व
- बासमती चावल की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बरकरार रखने में मदद।
- यूरोप, अमेरिका और मध्य पूर्व जैसे बाजारों में निर्यात को बढ़ावा।
- किसानों को सुरक्षित और टिकाऊ खेती के तरीकों की ओर प्रेरित करना।
यह कदम पंजाब के किसानों और निर्यातकों के लिए एक बड़ी राहत के साथ-साथ भारतीय बासमती की वैश्विक पहचान को मजबूत करने वाला है।
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