गेहूं की टॉप किस्में

इस वैज्ञानिक तरीके से करें गेहूं बिजाई से पहले बीज उपचार:Treat seeds using F.I.B method

F.I.B का मतलब फंगीसाइड, इंसेंटिसाइड और बैक्टीरियासाइड यानी फूफंदी नाशक से बीज उपचार, कीटनाशक से बीज उपचार और जीवाणुनाशक से बीज उपचार करना। इसमें सबसे पहले आपको फफूंदी नाशक से, उसके बाद कीट नाशक से और बाद में जीवाणु नाशक से इन तीनों से बीज उपचार करना चाहिए

बरानी क्षेत्र के लिए बनाई गई है ये खास गेहूं की तीन किस्में:Wheat varieties of HAU

बरानी क्षेत्र के लिए चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार (हरियाणा) द्वारा तीन किस्में बनाई गई है। जो किसानों को पिछले काफी समय से अच्छी पैदावार निकाल कर दे रही हैं।

डीएपी और एसएसपी को छोड़ गेहूं बजाई में करें इस ताकतवर खाद का इस्तेमाल:Best fertilizer for wheat sowing

गेहूं की बिजाई करते समय हमें एनपीके यानी नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का मिश्रण डालना पड़ता है। जिससे पौधे को शुरू से ही तीनों तत्वों की पूर्ति हो सके और वह जल्दी बढ़वार करें।

सबसे अधिक बजाई की जानें वाली गेहूँ किस्म HD-2967 की खूबियाँ जानें:HD-2967 wheat variety

फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए हमें एक उच्च गुणवत्ता वाले बीज की आवश्यकता ...

किसानों में तहलका मचाएगी गेहूं ये किस्म:DBW-332 wheat variety

गेहूं की यह किस्म भारतीय गेहूं एवं जो अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई। यह किस्म करण आदित्य के नाम से जानी जाती है। इस किस्म की लंबाई 100 सेंटीमीटर तक रहती है। माध्यम लंबाई होने के कारण इस किस्म में गिरने की संभावना कम रहती है।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित गेहूं किस्म डब्ल्यू एच–1270 की विशेषताएं जानें|WH-1270 wheat variety

Wh–1270 गेहूं की चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार(हरियाणा) द्वारा विकसित की गई एक गेहूं किस्म है। जो पकने में लगभग 150 से 155 दिन का समय लेती है। इस किस्म को किसान भाई काफी पसंद करते हैं। क्योंकि यह मध्य लंबाई वाली किस्म है। इसमें गिरने की समस्या बहुत कम रहती है। इसकी लंबाई लगभग 100 सेंटीमीटर तक रहती है।

ऐसी गेहूँ किस्म जिसका आपको 55kg से 60kg बीज प्रति एकड़ डालना जरूरी है:Pusa veshash wheat variety

गेहूं की यह किस्म पूसा विशेष के नाम से जानी जाती है। पूसा विशेष इसका नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह किसानों के लिए विशेष किस्म साबित हुई है। यह किसानों को लेट बजाई में सबसे अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। यह किस्म पूसा यूनिवर्सिटी दिल्ली द्वारा विकसित की गई विकसित की गई। इस किस्म की लंबाई माध्यम रहती है। यह किस्म 90 सेंटीमीटर तक लंबी हो जाती है।

पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा पसंद की जाने वाली गेहूं की खास उन्नत किस्म की करें बजाई:अधिक पैदावार, सम्पूर्ण जानकरी

गेहूं की यह किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2013-14 में बनाई गई। गेहूं की यह एक रिसर्च किस्म है। गेहूं की इस किस्म की नाली मोटी और मजबूत होती है। जिससे यह तेज हवाओं में नहीं गिरती। यह एक मध्यम ऊंचाई वाली गेहूं की समय है।

तेज हवाएं और अत्यधिक गर्मी को सहन करने वाली गेहूं की नई किस्म:best variety of wheat

WH-1105 चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हिसार) द्वारा बनाई गई एक रिसर्च गेहूं किस्म है। इसकी लंबाई लगभग 97 से 100 सेंटीमीटर तक रहती है। इस गेहूं की सबसे खास बात यह है, कि इसका तना मजबूत होता है। और यह तेज हवाओं में भी गिरती नहीं है।

स्वादिष्ट और सफेद चपाती के लिए गेहूं किस्म C–306 की करें बजाई:गेहूं की देसी किस्म

C–306 चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा वर्ष 1969 में निकल गई थी। गेहूं की इस किस्म की लंबाई अधिक होती है। इस किस्म की लंबाई 110 से 115 सेंटीमीटर के लगभग रहती है। लंबाई अधिक होने के कारण इस गेहूं किस्म में गिरने की समस्या रहती है।

अधिक पैदावार देने वाली गेहूं की उन्नत किस्म श्रीराम सुपर-252 की खूबियां जानें:Improved wheat variety of Shriram Seeds

श्रीराम सुपर-252 गेहूं किस्म श्रीराम सीड्स इंडिया लिमिटेड द्वारा बनाई गई एक रिसर्च गेहूं किस्म है। गेहूं की यह एक अच्छी ऊंचाई वाली गेहूं किस्म है। इसकी ऊंचाई लगभग 103 सेंटीमीटर के आसपास रहती है। गेहूं की इस किस्म से भूसा अधिक बनता है। इस किस्म में गिरने की समस्या बिल्कुल भी नहीं है।

कम पानी वाली जमीन में भी अच्छी पैदावार देती है गेहूं की यह खास किस्म:HI-8663 Wheat Top Variety

HI-8663 मध्य प्रदेश की एक रिसर्च गेहूं किस्म है। जो गर्मी को आसानी से सहन करने की क्षमता रखती है। गेहूं की इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है। इस किस्म को रोटी के अलावा सूजी और पास्ता बनने के लिए भी अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है।

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