बरानी क्षेत्र के लिए बनाई गई है ये खास गेहूं की तीन किस्में(2023). Wheat varieties of HAU. बरौनी क्षेत्र के लिए बनाई गई गेहूं किस्में। WH-1025 गेहूं किस्म की विशेषताएं। WH-1142 गेहूं किस्म की विशेषताएं। WH-1080 गेहूं किस्म की विशेषताएं। कम पानी में अच्छी पैदावार देने वाली गेहूं किस्में। एक पानी में पकने वाली गेहूं किस्म।
बंपर पैदावार के लिए कठोर, मोटे और चमकदार दाने वाली इस गेहूं किस्म की करें बजाई
हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्र बरानी क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। इन क्षेत्रों में जमीन रेताली और पानी की कमी है। हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार ने कम पानी या बिना पानी के भी होने वाली गेहूं की तीन किस्म बनाई गई है। जो ऐसे बारानी क्षेत्रों में वरदान सिद्ध हो रही है। ये किस्में बिना पानी के किसानों को अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। इन किस्म में एक से दो पानी देने की आवश्यकता होती है। अगर पानी न भी दिया जाए, तब भी ये किस्में अच्छी पैदावार देने की क्षमता रखते हैं। HAU की इन किस्मों के बारे में नीचे जानें-
बरानी क्षेत्र के लिए बनाई गई गेहूं किस्में
बरानी क्षेत्र के लिए चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार (हरियाणा) द्वारा तीन किस्में बनाई गई है। जो किसानों को पिछले काफी समय से अच्छी पैदावार निकाल कर दे रही हैं। ये किस्में है-
- WH-1025
- WH-1080
- WH-1142
सिजेंटा सीड्स की गेहूं किस्म जिसकी नाली मजबूत और फुटाव अधिक होता है
WH-1025 गेहूं किस्म की विशेषताएं
WH-1025 गेहूं किस्म पकाने में लगभग 155 दिन का समय लेती है। इस गेहूं किस्म में 12.5% प्रोटीन की मात्रा होती है। इस किस्म की लंबाई थोड़ी अधिक होती है। यह किस्म 110 से 115 सेंटीमीटर तक लंबी होती है। इस किस्म की बाली लंबी होती है।गेहूं की ये किस्म 11 कुंतल प्रति एकड़ तक पैदावार आसानी से दे देती है। इस किस्म में आपको खाद व पानी देने की आवश्यकता नहीं पड़ती। आर्गेनिक खेती के लिए ये किस्म सबसे अच्छी रहती है। बुवाई के समय ही आप इसमें खाद दे सकते हैं। उसके बाद इसमें खाद डालने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इस किस्म की रोटी सफ़ेद और अच्छी बनती है। इस किस्म की बजाई आप अगेती या समय पर कर सकते है।
WH-1080 गेहूं किस्म की विशेषताएं
WH-1080 गेहूं किस्म WH-1025 गेहूं किस्म से थोड़ी अधिक पैदावार देती है। गेहूं की ये किस्म 13 से 14 कुंतल प्रति एकड़ तक पैदावार आसानी से निकाल लेती है। इसकी लंबाई कम होती है। इसकी लंबाई लगभग 100 सेंटीमीटर के लगभग रहती है। इसका दाना मोटा होता है। यह किस्म पीले रतुआ रोग के प्रति भी सहनशील है। इसमें आयरन तथा जिंक की मात्रा अधिक होती है। यह किस्म पकने में लगभग 150 दिन का समय लेती है। इस किस्म में आपको एक पानी देने की आवश्यकता होती है। अगर इसमें आप चाहे तो एक बार बीच में यूरिया भी डाल सकते हैं। नहीं तो बिजाई के समय पर प्रयोग किए गए खादों में ही यह किस्म अच्छी पैदावार दे देती है। इस किस्म की बजाई आप अगेती या समय पर कर सकते है।
WH-1142 गेहूं किस्म की विशेषताएं
गेहूं की यह किस्म वर्ष 2015 में निकल गई थी। इस किस्म की लंबाई 107 से 110 सेंटीमीटर तक रहती है। यह किस्म पकाने में लगभग 154 दिन का समय लेती है। इस किस्म की बालियां लंबी होती है और इसमें प्रोटीन की मात्रा 12.5% तक होती है। यह गेहूं रेताली और बारानी क्षेत्र के लिए बनाई गई है। लेकिन इस किस्म में दो पानी देने की आवश्यकता पड़ती है। इस किस्म की औसत पैदावार 20 कुंतल से लेकर 22 कुंतल प्रति एकड़ तक रहती है। ये किस्म अधिक समय में पकने वाली गेहूं किस्म है। इसलिए इसकी बजाई समय पर या अगेती करें।
नोट-गेहूं बिजाई करते समय बीज उपचार फफूंदीनाशक और कीटनाशक से अवश्य करें। ताकि गेहूं से अच्छा जमाव हो सके।
जो किसान भाई बारानी क्षेत्र के लिए बीज की तलाश कर रहे हैं। वो इन किस्मों की बिजाई अवश्य करें। यह किस्में आपको अच्छी पैदावार निकाल कर देगी। इन किस्म के बारे में अपने सुझाव अवश्य दें। धन्यवाद।
FAQ
सबसे ज्यादा पैदावार देने वाला गेहूं कौन सा है?
गेहूं की पैदावार आपकी देखभाल यानि समय पर खाद पानी देने के तरीके पर निर्भर करती है। गेहूं की नयी किस्मों में रोगों से लड़ने की क्षमता अधिक होती है। लेकिन गेहूं की सभी किस्में एक जैसी ही पैदावार देती है।
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