किसान साथियों नमस्कार, धान की बाली के दाने भूरे होने के कई कारण हो सकते हैं। कीट, फंगस रोग और अत्यधिक गर्मी के कारण आपकी धान की बाली के दाने भूरे या बदरंगे हो सकते हैं। वैसे धान में भूरे दाने मुख्यत तीन कारणों से होते हैं–
सरसों वाले किसान सावधान:समय पर करें इस रोग की रोकथाम नहीं तो नष्ट हो सकती है आपकी सरसों की फसल
- बैक्ट्रियल पेनिकल ब्लाइट
- पेनीकल रोट या स्टेम रोट
- एबायोटिक स्ट्रेस या हिट स्ट्रेस
धान में बैक्टीरिया पैनिकल ब्लाइट (bactrial penical blight) रोग
यह एक जीवाणु जनित बीमारी है। इस रोग में बाली में दाने बिल्कुल नहीं भरते और बाली नहीं झुकती। अगर आपके खेत में बाली नहीं झुकती है, तो समझ लेना कि उसमें बैक्टीरियल पेनिकल ब्लाइट रोग आ गया है। यह फूल से दाने बनने की प्रक्रिया को नहीं होने देता जिससे दाना खाली रह जाता है और बाली नीचे नहीं झुकती। यह रोग दिखने पर तुरंत स्प्रे कर देना चाहिए।
धान में बैक्टीरिया पैनिकल ब्लाइट (bactrial penical blight) की रोकथाम कैसे करें
बैक्टीरिया पैनिक ब्लाइट वैसे तो किसी भी फंगीसाइड से आसानी से रोका जा सकता है। जो आप नॉर्मल स्प्रे करते हैं, कई बार यह उनसे भी रुक जाता है। अधिक मात्रा में इस रोग के आने पर हम नीचे लिखी दवाइयां में से किसी एक का भी प्रयोग कर सकते हैं–
- कासुगामाइसिन (kasugamycin) 200g + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (copper oxychloride) 400g प्रति एकड़ डालें।
- वैलिडामाइसिन (Validamycin) 300ml + स्ट्रेप्टोमाइसिन (Streptomycin) 12g प्रति एकड़ प्रयोग करें।
अगर आपके खेत में ये बीमारी हो, तभी दवाई का प्रयोग करें।
धान में पेनिकल रोट (penical rot) या स्टेम रोट (stem rot) रोग
यह भी एक फंगस जनित बीमारी है। इस रोग में धान की बाली के साथ झंडा पते या ऊपरी पते में दाग–धब्बे दिखाई दे तो यह पेनिकल रोट या स्टेम रोट है। अगर धान की बाली में का झंडा पता साफ है और बाली में दाग है तो ये स्टेम रोट नही है।
धान में पेनिकल रोट (penical rot) या स्टेम रोट (stem rot) रोग की रोकथाम
इसकी रोकथाम के लिए आपको कोई अलग से स्प्रे करने की आवश्यकता नहीं है। जो आप अन्य फंगस रोगों के लिए स्प्रे करेंगे यह बीमारी उनसे ही कंट्रोल हो जाएगी। इसलिए आपको इस पर कोई एक्स्ट्रा स्प्रे या खर्च करने की जरूरत नहीं है।
धान में एबायोटिक स्ट्रेस (abiotic stress) या हिट स्ट्रेस (heat stress)
अगर धान की बाली में कुछ दाने भूरे रंग के हो गए है। और बाली में दाने पूरी तरह से भर चुके है, और झंडा पता भी हमारा बिलकुल साफ है, तो यह एबायोटिक स्ट्रेस या हिट स्ट्रेस है। हिट स्ट्रेस से आपकी पैदावार में कोई नुकसान नहीं करता।
इसके लिए आप स्ट्रेस एवलीटर का प्रयोग करें या सैलिसिलिक एसिड का प्रयोग करें।
अगर आपकी धान की फसल में भी इस तरह की कोई समस्या है, तो आप ऊपर बताए गए तरीकों से अपनी फसल की जांच करें और उचित समाधान करें। किसान भाई खेती का डॉक्टर आपको खुद बनना पड़ेगा तभी आप खेती से आमदनी प्राप्त करेंगे। अधिक जानकारी के लिए कमेंट करें। धन्यवाद
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