सोयाबीन की खेती कैसे करें:- सोयाबीन की खेती सबसे अधिक मात्रा में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में की जाती है। लेकिन गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ हिस्सों में भी सोयाबीन की खेती की जाती है। अगर आप सोयाबीन की खेती करते हैं, या सोयाबीन की खेती करना चाहते हैं। तो आपको इस लेख में सोयाबीन की खेती करने के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी।
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सोयाबीन की खेती कैसे करें
सोयाबीन की खेती की बात करें, तो सोयाबीन की खेती आप किसी भी प्रकार की उपजाऊ मिट्टी में कर सकते हैं। लेकिन 5 से 7.5 ph वाली मिट्टी इसके लिए सबसे उपयुक्त रहती है। सोयाबीन की बिजाई आप बेड बनाकर या फिर जीरो ड्रिल से सीधा भी कर सकते हैं। इसकी बिजाई लाइनों में करनी पड़ती है। लाइन से लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 4 से 5 सेंटीमीटर रखनी पड़ती है। सोयाबीन की हमें ऐसी किस्म का चयन करना चाहिए। जिनकी लंबाई अच्छी हो, ताकि हार्वेस्टिंग करने में किसी प्रकार की प्रॉब्लम का सामना न करना पड़े। सोयाबीन की फसल तीन से चार सिंचाई में पर पैक कर तैयार हो जाती है।
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सोयाबीन बिजाई के लिए खेत तैयारी
सोयाबीन की बिजाई करने के लिए हमें खेत के अच्छे से तैयारी करनी चाहिए। पहले खेत में गहरी जुताई करके उसके बाद उसमें गोबर या वर्मी कंपोस्ट डालकर, उसको हल्की सिंचाई करें और उसके बाद उसकी मिट्टी को भुरभूरी बनाकर आप सोयाबीन की बिजाई कर सकते हैं। सोयाबीन में बिजाई के समय आपको 150 किलोग्राम एसएसपी और 30 से 35 किलोग्राम यूरिया का प्रयोग करना है। ताकि बीज के जमाव अच्छे से हो और आपकी फसल शुरू से ही बढ़वार लेकर चले।
सोयाबीन की बिजाई करने का उपयुक्त समय
सोयाबीन की बिजाई आप 15 फरवरी से लेकर 15 जून के कर सकते हैं। इस बीच आप किसी भी समय सोयाबीन की बिजाई करें। लेकिन आपको किस्म का चयन मौसम के हिसाब से करना है। जो कि में जिस समय बिजाई के लिए उपयुक्त है। आप कम या अधिक समय पकने किस्मों चयन कर सकते है।
सोयाबीन की बीज मात्रा
सोयाबीन की प्रति एकड़ बीज की बात करें। तो इसका 20 से 25 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज प्रयोग किया जाता है। लेकिन बीज आपके बुवाई तरीके पर निर्भर करता है। आप कौन सी किस्म का चयन करते हैं। अलग-अलग किस्म की बीज मात्रा अलग-अलग हो सकती है।
सोयाबीन में मुख्य रोग
सोयाबीन में आपको कुछ सुंडी रोग और सफेद मक्खी रोग देखने को मिलते हैं। इनके लिए आप कीटनाशकों को स्प्रे कर सकते हैं। लेकिन इसमें पीला मोजैक वायरस भी देखने को मिलता है। इसके लिए आपको ऐसी किस्म का चुनाव करना चाहिए। जो इस फंगस रोग के प्रति सहनशील हो। वैज्ञानिकों ने ऐसी नई-नई किस्म तैयार की है। आप उनकी बिजाई कर सकते है।
सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण
सोयाबीन में खरपतवारों को मारने के लिए बाजार में अनेक दवाइयां देखने को मिलती है। जिसे आप प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन खरपतवार नियंत्रण का सबसे सही तरीका निराई-गुड़ाई है। आपको पहली निराई-गुड़ाई 20 से 25 दिन पर और दूसरी निराई-गुड़ाई 40 से 45 दिन पर कर देनी चाहिए। जिससे आपकी फसल में खरपतवारों का नियंत्रण आसानी से हो सके।
सोयाबीन की प्रति एकड़ पैदावार
सोयाबीन की प्रति एकड़ की पैदावार की बात करें। तो ये 10 से 12 क्वांटल प्रति एकड़ तक पैदावार आसानी से दे देती है। पैदावार आपकी मिट्टी और बिजाई तरीके पर निर्भर करता है। सोयाबीन का एक क्वांटल का मूल्य लगभग 4500 से 5000 रु के बीच में रहता है।
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