आलू की खेती कम लागत में कैसे करें:How to do potato farming

By Kheti jankari

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आलू की खेती कम लागत में कैसे करें(2023)

नमस्कार किसान साथियों ,आलू किसान का वह दोस्त होता है। जो किसान को तब तक मुनाफा देने की कोशिश करता है, जब तक उसकी जान में जान है। आलू की पैदावार खेत की मिटटी और लागत पर निर्भर करती है। आलू वह फसल है, जिसमें आप जितना डालते उतना निकाल सकते हो।

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आलू बिजाई का सही समय

आलू की खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है। पहाड़ी क्षेत्रों में भी आलू की खेती की जाती है। आलू बिजाई का सही समय हर क्षेत्र का अलग-अलग होता है। जब आपका आलू 20 से 30 दिन का होता है, उसे समय रात का तापमान 15 डिग्री से नीचे होना चाहिए। इस समय आलू में कांड बनते हैं और गर्मी में कांड कम बनते है। इसीलिए आलू की खेती सर्दी के मौसम में की जाती है। भारत में ठंड उत्तर भारत से दक्षिण भारत तक बढ़ती है। भारत में आलू की बिजाई सितंबर से शुरू होकर दिसंबर तक चलती है। हर क्षेत्र का आलू बिजाई का अपना अलग-अलग समय होता है।

आलू की सबसे अधिक पैदावार देने वाली किस्में

आलू की जो किस्में सबसे अधिक पैदावार देती है। वो हैं-

आलू किस्म तैयार होने का समय
कुफरी पुखराज70 से 90 दिन
कुफरी अशोक70 से 80 दिन
कुफरी बादशाह100 से 110 दिन
कुफरी बहार100 से 110 दिन
कुफरी लालिमा 100 से 110 दिन
आलू की सबसे अधिक पैदावार देने वाली किस्मे

इनमें से सबसे अधिक पैदावार देती है, कुफरी पुखराज। आलू की हर वैरायटी का अपना अलग गुण होता है। कुछ किस्मे बीमारियों जैसे झुलसा के प्रति सहनशील है। कुछ वायरस रोगों के प्रति सहनशील है। कुछ वैरियटयां अधिक पैदावार देती ही। कुछ वैरियटयों को मंडी में अधिक पसंद किया जाता है। इसलिए हर आलू का अपना-अपना हर गुण या विशेषता होती है। कुफरी पुखराज पुरे भारत में सबसे ज्यादा उगाया जाने वाला आलू है। उत्तर प्रदेश, एमपी, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा इत्यादि में यह सबसे ज्यादा उगाया जाता है।

आलू के लिए खेत की तैयारी कैसे करें

आलू की बिजाई के लिए आपको खेत को गहरा जोतना पड़ेगा और बारीक जोतना पड़ेगा। जो की रोटावेटर से संभव नहीं है। इसलिए आपको डिस्क हैरो से कम से कम दो बार जुताई करनी चाहिए। हैरो से जुताई करने से पहले खेत में गोबर की खाद की चार से पांच ट्रॉली अवश्य डाल देनी चाहिए। आपके खेत की मिटटी जितनी भूर-भूरी होती आलू के लिए उतनी अच्छी होगी। आलू की अच्छी पैदावार के लिए खेत की अच्छे से जुताई करना सबसे जरूरी है।

आलू की खेती में खाद

खेत दो बार जुताई करने के बाद आपको 100 किलो डीएपी, 100 किलो पोटाश 10 किलो सल्फर और 3 किलोग्राम बोरोन प्रति एकड़ डालक रोटावेटर से फाइनल जुताई कर दें ताकि यह सारे खाद मिट्टी में पूरी तरह से मिल जाये। अगर आपके जमीन में दीमक की समस्या है, तो आप रीजेंट अल्ट्रा 6 से 10 किलोग्राम प्रति एकड़ डाल सकते है। डीएपी की स्थान पर एसएसपी का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको सल्फर डालने की जरूरत नहीं है। आलू की बिजाई के समय खेत में नमी अच्छी होनी चाहिए। खेत में इतनी नमी होनी चाहिए की 15 से 20 दिन तक खेत में पानी देने की जरूरत ना पड़े।

आलू की फसल अधिक खाद लेती है। पहले पानी पर हमें 30 किलोग्राम यूरिया और 50 किलोग्राम डीएपी का प्रयोग करना है। दूसरा खाद दूसरे पानी से पहले देना है, इसमें 30 किलोग्राम यूरिया और 50 किलोग्राम पोटाश का प्रयोग करना है, तीसरा खाद हमें 60 दिन पर देना है, जो हम स्प्रे के माध्यम से देंगे। इसमें 1 किलोग्राम NPK-0050 और 1लीटर सागरिका का स्प्रे प्रति एकड़ के हिसाब से करना है। 65 से 70 दिन पर कैल्शियम, बोरोन और माइक्रोन्यूट्रिएंट का कंबीनेशन 1 लीटर प्रति एकड़ डालना चाहिए।

आलू में पानी देने का सही तरीका

आलू में पानी आलू में पानी देते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए, कि आलू की नालियों को पानी से पूरा न भरें उन्हें आधा ही भरें। अगर आपका खेत लेवल है, तो आप लंबी नालियां बना सकते है। अगर आपका खेत लेवल नहीं है, तो आप छोटी नाली बनाएं। आलू में पानी तने तक नहीं पहुंचना चाहिए। आलू में पहले पानी 10 से 20 दिन पर देना होता है, दूसरा पानी 40 से 50 दिन पर और तीसरा पानी 60 से 70 दिन पर देना चाहिए। 90 दिन से कम टाइम की प्रजाति में पहले अपनी 15 दिन पर दूसरा पानी 30 दिन पर और तीसरा पानी देने की जरूरत आपको नहीं पड़ेगी।

आलू में लगने वाले रोग और उनके बचाव

आलू का ताना 2 फीट से ऊपर नहीं बढ़ने देना चाहिए। तने ज्यादा बढ़ने से आलू छोटा रह जाता है। और तने बड़े होकर नालियों में गिर जाते हैं, जिससे ब्लास्ट और अन्य रोग लगते है। आलू में लगने वाले मुख्य रोग जैसे-अर्ली ब्लाइट या लेट ब्लाइट के लिए बुवाई के 15-15 दिन के अंतर पर एम-45 500 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से स्प्रे करना चाहिए। ये स्प्रे आपको 4 से 5 बार करना चाहिए। आलू के अंदर लाल धारियां बन जाती है। वह बोरो की कमी से होती है। 40 से 45 दिन पर आलू में लगने वाले कीड़ों के लिए लांसर गोल्ड (UPL) 4 ग्राम प्रति लीटर या फिर डेलीगेट् 1ml प्रति लीटर के हिसाब से स्प्रे करें।

आलू का साइज बढ़ाने के लिए आलू खोदने से 30 दिन पहले लिओसिने (BASF) 200ml प्रति एकड़ या फिर चमत्कार (GHARDA) 250ml प्रति एकड़ के हिसाब से स्प्रे करना चाहिए। अगर आपके खेत में कोई रोग लगा है जैसे-लेट ब्लाइट, अर्ली ब्लाइट या कोई और रोग तो आप इन दवाइयां का इस्तेमाल मत कीजिए। धन्यवाद!

FAQ

Q. एक एकड़ में कितने कुंतल आलू का बीज लगता है?
Ans. आलू के बीज की लागत उसके साइज पर निर्भर करती है।
Q. आलू के लिए कौन सी खाद अच्छी होती है?
Ans.गोबर की गली-सड़ी खाद आलू के लिए सबसे अच्छी रहती है।

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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