सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण करने का सही तरीका:- सोयाबीन एक ऐसी फसल है। जिसमें खरपतवारों का काफी ज्यादा प्रकोप देखा जाता है। सोयाबीन में खरपतवार इतनी अधिक मात्रा में जमते हैं, कि उनको रोकना काफी मुश्किल हो जाता है। सोयाबीन में खरपतवारों की बात करें, तो इसमें सकरी पत्ती, चौड़ी पत्ती और मोथा कुल तीनों प्रकार के घास पाए जाते हैं। कुछ क्षेत्रों में तो घास इतनी अधिक मात्रा में उगते हैं। कि वह पूरी सोयाबीन की फसल को नष्ट कर देते हैं, और आपको पैदावार बहुत कम देखने को मिलती है। आज मैं आपको सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण करने का सही तरीके के बारे में बताऊंगा और इसमें हमें कौन-कौन सी दवाइयां इस्तेमाल करनी पड़ती हैं। इस बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए कृपया पूरा लेख पढ़ें।
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सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण करने का सही तरीका
सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण करने के लिए आप दो प्रकार की दवाइयां का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक खरपतवारों को उगने से पहले ही रोकने वाली दवाइयां, जिनका प्रयोग आप 24 से 48 घंटे के अंदर करना पड़ता है। दूसरी खरपतवारों को उगाने के बाद प्रयोग होने वाली दवाइयां, इनको आमतौर पर 20 से 25 दिन पर या जब आपका खरपतवार 2 से 4 पत्ती का हो। उस समय प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर सोयाबीन में खरपतवारों का नियंत्रण करने का सही तरीका तो निराई गुड़ाई द्वारा ही है। क्योंकि खरपतवार नाशक दवाइयां कहीं ना कहीं हमारी फसल को नुकसान पहुंचती हैं। जिस समय सोयाबीन का बढ़वार लेने का समय होता है। उस समय हम उसमें खरपतवार नाशकों का प्रयोग करके सोयाबीन की फसल को नुकसान करते हैं। लेकिन लेबर ना मिलने और उस समय बारिश होने के कारण खेत की निराई-गुड़ाई नहीं हो पाती और किसानों को मजबूरन खरपतवार नाशक दवाइयां का स्प्रे करना पड़ता है।
सोयाबीन में बिजाई के समय प्रयोग होने वाली दवाइयां
सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण करने का सबसे सही तरीका खरपतवारों को उगने से रोकने का है। कि अगर आपके खेत में खरपतवार उगेंगे ही नहीं, तो आपकी फसल शुरू से ही बढ़वार लेकर चलती है, और काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। खरपतवारों को उगने से रोकने वाली दवाइयाँ को अपने बिजाई के समय या फिर बिजाई से 24 से 48 घंटे के अंदर ही प्रयोग करना पड़ता है। इन खरपतवार नाशकों का प्रयोग करते समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। ताकि आपको पूरा रिजल्ट मिल सके। खरपतवारों को उगने से रोकने के लिए आप सोयाबीन की फसल में पेंडीमेथालिन 30% ईसी 3 से 3.5 लीटर प्रति हेक्टेयर या फिर पेंडीमेथालिन 30% + इमाजेथापायर 2% ईसी 2 से 2.5 लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्रयोग कर सकते हैं। यह दवाइयां आपकी फसल में सभी प्रकार के खरपतवारों को उगने से रोकने में सहायक होती हैं।
खरपतवार उगाने के बाद प्रयोग होने वाली मुख्य दवाइयां
सोयाबीन में खरपतवारों को उगने से रोकने के लिए मुख्य दवाइयां की बात करें। तो इसमें अलग-अलग खरपतवारों के लिए हमें अलग-अलग दवाइयां का इस्तेमाल करना पड़ता है। जब हमारी खरपतवार दो से चार पत्ती की हो या फिर हमारी सोयाबीन 20 से 25 दिन की हो। उस समय हमें खरपतवार नाशकों का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि अधिक छोटे अधिक बड़े खरपतवारों पर खरपतवार नाशकों के अच्छे रिजल्ट देखने को नहीं मिलते। खरपतवार नाशकों का प्रयोग हमें अपने फसल में उगने वाले खरपतवारों को ध्यान में रखते हुए करना पड़ता है।
- अगर आपके खेत में सकरी पत्ती वाले खरपतवार हैं। तो आप टार्गा सुपर (क्विज़ालोफॉप इथाइल 5% ईसी) 1 लीटर प्रति हेक्टेयर या फिर भी व्हिप सुपर फेनोक्साप्रॉप-पी-एथिल 9 ईसी (9.3% w/w) 750ml प्रति हेक्टेयर के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं।
- यदि आपके खेत में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार है। तो आप साइनो क्लोरिमुरॉन इथाइल 25% WP 24 ग्राम मात्र प्रति हेक्टेयर प्रयोग कर सकते हैं।
- अगर आपके खेत में चौड़ी पत्ती, सकरी पत्ती और मोथा तीनों प्रकार के खरपतवार है। तो इसके लिए आप बीएएसएफ परस्यूट (इमेजेथापायर 10% एसएल) 1 लीटर प्रति हेक्टेयर या इरिस सोडियम एसिफ्लोरफेन 16.5% + क्लोडिनाफॉप प्रोपरगिल 8% ईसी 1 लीटर प्रति हेक्टेयर या एडामा शेक्ड प्रोपाक्विज़ाफ़ॉप 2.5% और इमाज़ेथापायर 3.75% w/w 2 लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं। यह खरपतवार नाशकों की बेस्ट दवाई है।
- अगर आपके खेत में मोथा घास अधिक मात्रा में देखने को मिलता है। तो आप बसाग्रान बेंटाज़ोन 48% एसएल 2 लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सप्रे कर सकते हैं।
किसान साथियों आप टार्गा सुपर के साथ साइनो को आपस में मिलकर भी स्प्रे कर सकते हैं। जब भी आप सोयाबीन में खरपतवार नाशकों को स्प्रे करें। कृपया अपने नजदीकी दुकानदार या कंपनी अधिकारी से बात अवश्य कर लें। क्योंकि अलग-अलग क्षेत्र में खरपतवार नाशकों की अलग-अलग मात्रा का प्रयोग किया जाता है। यह आपकी मिट्टी पर निर्भर करता है।
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