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पूसा वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई गेहूं किस्म एचडी-3385 की विशेषताएं जानें:New Variety Of Wheat

एचडी-3385 गेहूं किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा दिल्ली द्वारा बनाई गई एक किस्म है। जो बदलते मौसम और बढ़ते तापमान में भी किसानों को एक अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। इस किस्म में किसी भी प्रकार का कोई रोग नहीं लगता जैसे- पीला रतुआ, भूरा रतुआ आदि।

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित गेहूं किस्म PB-725 की विशेषताएं जानें:PB-725 Wheat Variety

PB-725 गेहूं किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2015 में बनाई गई थी। यह एक अच्छी ऊंचाई वाली गेहूं किस्म है। जिसकी ऊंचाई लगभग 105 सेंटीमीटर तक रहती है।

स्वादिष्ट रोटी के लिए करें इस गेहूं किस्म की बिजाई:HD-3086 Wheat Variety

एचडी-3086 गेहूं किस्म भारतीय गेहूं एवं जो अनुसंधान द्वारा बनाई गई एक रिसर्च किस्म है। जिसकी बजाई आप दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व जम्मू कश्मीर के कुछ भागों में कर सकते हैं।

फसलों में उपयोग होने वाले टॉनिक|Tonic used in crops

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खेती में चूना पत्थर के फायदे: खेती और पशुपालन का सस्ता और टिकाऊ समाधान

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पौधों में पोषक तत्वों की कमी के आसान लक्षण: पत्तियों पर दिखने वाले संकेत: Easy Symptoms of Nutrient Deficiency in Plants

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गेहूं में जिंक डालें या नहीं:जानें कृषि सलाहकार इस बारे में क्या कहते है

गेहूं की फसल में ज्यादातर किसान जिंक का प्रयोग नहीं करते। गेहूं में सल्फर अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता हैं। भारत में 40% से अधिक जमीनों पर जमीनों में जिंक की कमी पाई जाती है। जिंक एक ऐसा तत्व है, जिसको आप साल में अगर एक बार भी अपनी जमीन में डाल लेते हैं। तो उसको दोबारा डालने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

गेहूं में कल्ले बढ़ाने के लिए काला सोना के नाम से मशहूर इस दवाई का प्रयोग करें:Benefits of humic acid in wheat

ह्यूमिक एसिड काला सोने के नाम से जाना जाता है। यहाँ एक आर्गेनिक खाद है। जो चट्टानों को पीसकर बनाया जाता है। ह्यूमिक एसिड तरल और दानेदार दोनों फॉर्म में बाजार में आपको आसानी से मिल जाएगा। तरल ह्यूमिक एसिड का प्रयोग आप स्प्रे या ड्रिप द्वारा कर सकते हैं। दानेदार ह्यूमिक एसिड का प्रयोग सीधा मिट्टी में किया जाता हैं। इसको आप खाद या रेत में मिलकर अपनी जमीन में डाल सकते हैं

पौधे में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व और कार्य:Importance and function of micronutrients in plants

जिन तत्वों की पौधे को बहुत कम मात्रा में जरूरत पड़ती है। सूक्ष्म पोषक तत्व कहलाते है। इनकी पौधे को चाहे कम मात्र में आवश्यकता पड़े लेकिन यह पौधे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सूक्ष्म पोषक तत्व 9 प्रकार के होते हैं।

गेहूं में अड़ियल मंडुसी (गुली डंडा) को भी जड़ से ख़त्म करने की क्षमता रखती है यह खास खरपतवार नाशक दवाई:herbicide to kill weeds in wheat

गेहूं की बिजाई लगभग सभी किसानों ने पूरी कर ली है। कुछ किसान गन्ने की फसल काटकर गेहूं की लेट बिजाई कर रहे हैं। जिन किसानों ने गेहूं की बिजाई अक्टूबर में कर दी थी। उनकी गेहूं अब 25 से 30 दिन की हो गई है। अब उसमें आपको खरपतवार भी दिखने लगे होंगे। गेहूं में मुख्य रूप से पालक, मंडूसी (गुली डंडा), जंगली जाई, गजर घास और बथुआ आदि खरपतवार मुख्य रूप से उग जाते हैं।

कल्लर जमीन या जल भराव वाले क्षेत्रों के लिए जानी जाती है गेहूं की यह किस्म:KRL-210 wheat variety

KRL-210 गेहूं किस्म केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल (हरियाणा) द्वारा बनाई गई है गेहूं की इस किस्म को वर्ष 2013 में बनाया गया था। इस किस्म को बनाने का उद्देश्य किसानों को जल भरवा वाले क्षेत्र और कल्लर मिट्टी में अधिक पैदावार निकाल कर देना। जिस क्षेत्र में बारिश के कारण पानी जमा हो जाता है, और उनके खेतों का पानी नहीं सूखता।