किसान साठी नमस्कार, इस समय गेहूं में किसान साथी पहला पानी देकर दूसरे पानी की तैयारी कर रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में पहले पानी के बाद किस साथियों ने खरपतवार नाशकों का स्प्रे भी कर दिया है। पहले पानी देने के बाद गेहूं में आमतौर पर पीलापन देखा जाता है। लेकिन कई बार खरपतवार नाशकों के अधिक प्रयोग से भी गेहूं में पीलापन आ जाता है। गेहूं में पीलापन आने का क्या कारण है। इसकी पहचान कैसे करें। इस बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए कृपया पुरा लेख पढ़ें।
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गेहूं में खरपतवार नाशकों का नुक्सान की पहचान
खरपतवार नाशक दवाइयां वैसे तो गेहूं की फसल पर कुछ ना कुछ नुकसान करती ही है। लेकिन इनका असर तब अधिक देखा जाता है। जब किसान साथी दो या दो से अधिक दवाइयां को आपस में मिलाकर स्प्रे कर देते हैं। जिन खेतों में खरपतवार नाशक दवाइयां नुकसान करती है। उस खेत में आपको गेहूं के पौधे की पत्तियां बीच से मुड़कर उनमें पीलापन आ जाता है। पौधे का जो हिस्सा बीच से मुड़ा होता है, वह पीला हो जाता है। जैसा की फोटो में दिखाया गया है।
खरपतवार नाशकों के नुकसान से बचाव का तरीका
किसान साथियों जब भी आपको अपनी गेहूं की फसल में ऐसी समस्या देखने को मिलती है। तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि यह प्रॉब्लम थोड़े दिन में अपने आप ठीक हो जाती है। कुछ किसान साथी यह सब देखकर गेहूं तरह-तरह के उत्पादों का प्रयोग करते हैं। यह कोई खतरनाक रोग नहीं है। इसके लिए आपको कुछ भी डालने की जरूरत नहीं होती।
फिर भी अगर आप इसमें स्प्रे करना भी चाहते हैं। तो आप इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (जिंक, लोहा, सल्फर, मैंगनीज, बोरोन, तांबा) का स्प्रे कर सकते हैं। इसके साथ आप इसमें 250ml हमिक एसिड प्रति एकड़ भी मिला सकते हैं। इससे आपकी गेहूं की फसल की पत्तियों पर पीलापन जल्दी खत्म हो जाएगा।
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