सरसों की बिजाई भारत में बड़े पैमाने पर की जाती है। और सरसों के तेल का इस्तेमाल भी भारत में अधिक मात्रा में किया जाता है। कुछ देशों में सरसों के तेल के इस्तेमाल पर रोक है। लेकिन भारत में सबसे अधिक मात्रा में सरसों का तेल ही खाने या अन्य चीजों में इस्तेमाल किया जाता है। सरसों की बिजाई भारत के लगभग सभी हिस्सों में की जा सकती है। लेकिन हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल के कुछ क्षेत्र और जम्मू कश्मीर के कुछ क्षेत्र में सबसे अधिक मात्रा में सरसों की बिजाई की जाती है। सरसों एक काम समय में पकने वाली फसल है। जिसका बाजार मूल्य अन्य फसलों के मुकाबले अधिक होता है। सरसों 5500 से ₹6000 प्रति क्विंटल तक बाजार में आसानी से बिक जाती है। सरसों से अधिक पैदावार लेने के लिए हमें इसे सही समय पर सही मात्रा में और सही खाद डालना पड़ेगा। जिससे सरसों अच्छी पैदावार निकाल कर दे और इसमें तेल की प्रतिशत भी अधिक निकले।
सरसों की फसल में खरपतवार नियंत्रण करने का सबसे सस्ता तरीका
सरसों के लिए सबसे ताकतवर खाद
पौधे को लगभग सभी प्रकार के खादों जैसे फास्फोरस, नाइट्रोजन, पोटाश, सल्फर और जिंक इत्यादि की जरूरत पड़ती है। लेकिन सरसों की फसल के लिए सल्फर सबसे जरूरी खाद है। सल्फर का सरसों में अधिक मात्रा में प्रयोग करना चाहिए। लेकिन इसके अतिरिक्त हमें दूसरे खाद भी बराबर मात्रा में डालने पड़ते है। भारत की 40% जमीनों में सल्फर की मात्रा कम पाई जाती है। इसलिए सरसों में अधिक सल्फर का इस्तेमाल किया जाता है।
सरसों में सल्फर का महत्व
सरसों में सल्फर एक महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। यह मिट्टी को भुरभुरी बनाने के साथ-साथ सरसों में तेल की मात्रा को भी बढ़ता है। जिससे दानों का वजन बढ़ता है। अगर आपकी सरसों की फसल 10 क्विंटल तक पैदावार देती है, तो सरसों का पौधा जमीन से 12 किलोग्राम तक सल्फर निकाल लेता है। सल्फर का प्रयोग करने से दाना मोटा और चमकदार होगा। सल्फ़र फसल को पाले से भी बचाती है। इसलिए सरसों में सल्फर की अधिक महत्व है। सरसों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इसमें प्रति एकड़ 20 से 25 किलोग्राम सल्फर का प्रयोग करना जरूरी है।
सरसों में सल्फर का प्रयोग कब करें
सरसों में सल्फर का प्रयोग बिजाई के समय 10 किलोग्राम दानेदार सल्फर प्रति एकड़ डीएपी या एनपीके के साथ मिलकर डालें। अगर आप एसएसपी का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको बिजाई के समय सरसों में सल्फर डालने की आवश्यकता नहीं है। उसके बाद पहले पानी पर 25 किलोग्राम यूरिया के साथ 10 किलोग्राम दानेदार सल्फर को सरसों की फसल में अवश्य डालें। इससे आपकी फसल में हरापन आएगा और सरसों में तेल की मात्रा अधिक बढ़ेगी। तीसरा आप स्प्रे के रूप में भी सरसों में सल्फर डाल सकते हैं। सुमोटोमा कंपनी का हारु 500 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से फूल निकलने के बाद स्प्रे करें।
अगर आप सरसों अपनी सरसों की फसल में इस प्रकार सल्फर का इस्तेमाल करते हो तो आपकी फसल आपको एक अच्छी पैदावार निकल के देगी।
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FAQ
सबसे अच्छा सल्फर कौन सा होता है?
बेंटोनाइट सल्फर जिसे दानेदार सल्फर भी कहा जाता फसल के लिए सबसे अच्छा होता है।
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