Kheti jankari
मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।
मात्र 13 किलो यूरिया में तैयार करें अपनी गेहूं की फसल:कम खर्च में ऐसे लें अधिक पैदावार
खेती में यूरिया नईट्रोजन का मुख्या स्त्रोत होता है। वातावरण में 78% नइट्रोज़न पायी जाती है। लेकिन फिर पौधें को अलग से नइट्रोज़न की देने की आवश्यकता पड़ता है। क्यूंकि पौधा नइट्रोज़न को नाइट्रेट फॉर्म में लेता है। इसलिए फसल में यूरिया का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। ज्यादातर यूरिया का प्रयोग किसानों द्वारा मिट्टी में किया जाता है। यूरिया अधिक मात्रा में प्रयोग करने से किसानों को यूरिया की किल्लत भी देखी जा सकती है।
गेहूं में जड़ों के पास दिखने लगा गुलाबी सुंडी का प्रकोप(2024):How to prevent caterpillar in wheat
गेहूं की बिजाई लगभग पूरी हो गयी है। कुछ किसानों की गेहूं की फसल 20 से 25 दिन की हो गई है। और किसान उसमें पानी लगाने की तैयारी कर रहे है। इस समय गेहूं की फसल में एक नई समस्या देखने को मिल रही है। गेहूं की जड़ों में आपको एक सुंडी दिखाई देगी। जिसका रंग हल्का गुलाबी है। और वह जड़ों को काटकर गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा रही है। अगर अपने गेहूं की सुपर सीडर या हैप्पी सीडर से गेहूं की हो तो उन खेतों में ये कीट आपको अधिक मात्रा में देखने को मिलता है।
आलू में झुलसा रोग की आने से पहले ही करें पहचान आपनाएँ ये आसान तरीका(2024):Potato crop diseases and treatment
आलू की फसल के पौधे जब बड़े हो जाए और पौधे आपस में टकराने लगे। पूरा खेत पत्तों से भर जाए और वातावरण में नमी हो या बार-बार बारिश हो रही हो। तो आलू में झुलसा रोग फैलने के लिए ये सबसे अच्छा समय होता हैं। जब ओस पत्तों पर अधिक देर रहती है, और दोपहर में धूप के कारण मौसम गर्म हो जाता है तापमान 10 से 20 डिग्री के बीच रहता है। उस समय आलू की फसल में झुलसा रोग तेजी से फैलता है।
COLK-12207 गन्ना किस्म की विशेषताएं:Know about COLK-12207 sugarcane variety
COLK-12207 गन्ना किस्म गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ द्वारा बनायीं गयी किस्म है। यह एक माध्यम मोटाई वाली गन्ना किस्म है। इसका गन्ना अधिक ठोस होता है। इसके एक गन्ने का वजन 2 से 2.5 किलोग्राम तक रहता है। यह किस्म गिरने के प्रति सहनशील है। रेड रॉट और पोका बोईंग जैसे खतरनाक रोग इस गन्ना किस्म में नहीं लगता। इस किस्म की इंटरनोड लंबी होती है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए रबी फसल का पंजीकरण शुरू(2024):How to register on Meri Fasal Mera Byora
मेरी फसल मेरी ब्यौरा में पंजीकरण करने के लिए आप अपने मोबाइल में मेरी फसल मेरा ब्यौरा वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। या फिर आप सरकार द्वारा जारी एंड्रॉयड एप्लिकेशन मेरी फसल मेरी ब्यौरा को भी डाउनलोड कर सकते हैं। फसल का पंजीकरण आप नजदीकी सीएससी सेंटर भी कर सकते हैं। फसल के पंजीकरण के लिए आपको अपने खसरा नंबर या खेत का नंबर और अपना मोबाइल नंबर डालना होगा
15 दिन में आलू का साइज डबल करने के लिए सबसे दमदार स्प्रे:Best way to increase the size of potatoes
आलू एक ऐसी फसल है जिसमें आप जितना डालते हो उससे अधिक उसमें से निकाल सकते हो। आलू की फसल किसानों को हमेशा मुनाफा ही देती है। आलू में अत्यधिक खादों का प्रयोग करके आप पैदावार को बड़ा सकते हैं। जिन किसानों ने आलू की बिजाई किए हुए 30 से 40 दिन का समय हो गया है। वह किसान भाई इस समय अपने आलू का साइज बढ़ाने के लिए एक स्प्रे कर सकते हैं।
सरसों में फूल आने पर पैदावार बढ़ाने के लिए यह दो जरूरी काम करें(2024):सरसों की खेती में पैदावार बढ़ाने के कुछ तरीके
सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए फूल अवस्था सबसे अच्छी स्टेज मानी जाती है। इस समय से आपकी फसल में दाने बनने का समय शरू हो जाता है। अगर आपकी सरसों के अंदर फूल अवस्था शुरू हो गई है। तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिससे आपकी पैदावार बढ़िया निकले। इस समय आपकी फसल में कीटों और रोगों का अटैक लगना शरू हो जाता है। इसलिए इनकी रोकथाम के लिए उपाय करने भी इस समय जरूरी होते है।
गेहूं की फसल में बंपर पैदावार के लिए पहले पानी देने का सही समय जानें(2024):गेहूं में पानी देने का सही तरीका जानें
गेहूं में पानी देने का समय आपकी बजाई करने के समय पर निर्भर करता है। अगर आपने गेहूं की बिजाई अक्टूबर में की है। तो आपको पहला पानी 20 से 25 दिन पर लगाना पड़ेगा। अगर आपने गेहूं की बिजाई नवंबर या दिसंबर में की है। तो आप 25 से 30 दिन पर पहला पानी लगाएं। क्योंकि उसे समय ठंड थोड़ी ज्यादा बढ़ जाती है, और रात को ओस अधिक पड़ती है। जिससे मिट्टी गिल्ली रहती है।
गेहूं बिजाई में डीएपी से भी ताकतवर इस खाद का इस्तेमाल करें(2024):डीएपी और एमएपी में अंतर जानें
गेहूं की समय पर बिजाई के लिए यह सबसे उपयुक्त समय है। इस समय लगभग सभी किसान भाई अपनी गेहूं की बिजाई शुरू कर दी है, या कुछ करने वाले हैं। रबी की फसल यानी गेहूं की बिजाई में अक्सर डीएपी खाद की किल्लत पिछले दो-तीन वर्षों से देखी जा रही है। किसानों को डीएपी महंगे दामों पर मिल रहा है। या उन्हें डीएपी के साथ कुछ अन्य चीजों को जबरदस्ती दिया जाता है। जिससे किसान का भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
पैदावार के मामले में इस गेहूं किस्म का नहीं है कोई मुकाबला(2024):wheat variety of dehaat
DWS-777 देहात (DEHAAT) की एक रिसर्च गेहूं किस्म है। इस किस्म की मुख्य विशेषता यह है। इसकी बालियाँ लंबी और नाली मोटी होती है। जिससे यह गिरने के प्रति सहनशील है। यह एक माध्यम ऊंचाई वाले गेहूं किस्म है। इसकी ऊंचाई लगभग 90 से 100 सेंटीमीटर तक रहती है। पीला रतुआ और बड़ा रतुआ रोगों के प्रति यह किस्म सहनशील है। इसके दाने भूरे और सुनहरे होते हैं। इस किस्म में फुटाव अन्य किस्मों के मुकाबले अधिक होता है। इस गेहूं किस्म को पिछले वर्षों से काफी पसंद कर रहे हैं।
ऐसी गेहूँ किस्म जिसका आपको 55kg से 60kg बीज प्रति एकड़ डालना जरूरी है:Pusa veshash wheat variety
गेहूं की यह किस्म पूसा विशेष के नाम से जानी जाती है। पूसा विशेष इसका नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह किसानों के लिए विशेष किस्म साबित हुई है। यह किसानों को लेट बजाई में सबसे अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। यह किस्म पूसा यूनिवर्सिटी दिल्ली द्वारा विकसित की गई विकसित की गई। इस किस्म की लंबाई माध्यम रहती है। यह किस्म 90 सेंटीमीटर तक लंबी हो जाती है।
गर्मी को सहन करने की अधिक क्षमता रखती है पंजाब की यह गेहूं किस्म(2024):PBW-752 wheat variety
PBW-752 गेहूं की किस्म पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना द्वारा 2019 में बनाई गई थी। यह गेहूं किस्म गर्मी को सहन करने की अधिक क्षमता रखती है। मार्च में पढ़ने वाली गर्मी में इसका दाना सिकुड़ता नहीं है। जिससे अधिक पैदावार निकालकर देती है।
धान के जैसे पैदावार देने वाली गेहूं की सबसे अच्छी किस्म(2024):wheat variety of mahyco company
मुकुट प्लस (MWL 6278) गेहूं किस्म महीको इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की एक रिसर्च किस्म है। यह एक अच्छी लंबाई वाले गेहूं किस्म है। इसकी लंबाई 105 से 110 सेंटीमीटर तक रहती है। इस गेहूं में कल्ले अधिक निकलते हैं। और तना मजबूत होता है। जिससे यह गिरने के प्रति सहनशील है।
घर से गेहूं का बीज बोने से पहले जांच लें ये बातें नहीं तो पछताना पड़ सकता है(2024):Method of preparing wheat seeds at home
बीज कंपनियों के बीज महंगे होने की वजह से किसान घर का गेहूं बीज डालने के लिए मजबूर हो रहे हैं। बीज कंपनियां अपने बीज को ₹1500 से लेकर ₹3000 प्रति एकड़ के हिसाब से बेच रही है। कुछ कंपनियों के बीच तो किसानों की पहुंच से इतनी दूर हैं, कि वह चाह कर भी उनके बीज नहीं खरीद सकते।
सरसों वाले किसान सावधान:समय पर करें इस रोग की रोकथाम नहीं तो नष्ट हो सकती है आपकी सरसों की फसल(2024),The most dangerous disease of mustard
जड़ गलन एक फंगस जनित रोग है। इस रोग की फंगस जमीन में रहती है। जो लम्बे समय तक जमीन में जीवत रहने की क्षमता रखती है। यह फंगस पौधों को इफेक्ट करके उनकी जड़ों को गला देती है। इस रोग में पौधे की जड़ें बारीक धागे के आकार की रह जाती हैं, और धीरे-धीरे पौधा सूख जाता है।
गेहूं किस्मों में सबका बाप है ये गेहूं किस्म(2024):श्रीराम सीड्स की सबसे अधिक पैदावार देने वाली गेहूं किस्म
गेहूं की यह एक मध्यम लंबाई वाली गेहूं किस्म है। इसकी लंबाई लगभग 90 से 95 सेंटीमीटर तक रहती है। इसका तना मजबूत होता है। जिससे यह गिरने के प्रति सहनशील है। गेहूं की इस किस्म में कल्ले अधिक मात्रा में फूटते हैं, इसमें 12 से 15 कल्ले आसानी से निकल आते हैं।
डीएपी और एसएसपी को छोड़ गेहूं बजाई में करें इस ताकतवर खाद का इस्तेमाल(2024):Best fertilizer for wheat sowing
गेहूं की बिजाई करते समय हमें एनपीके यानी नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का मिश्रण डालना पड़ता है। जिससे पौधे को शुरू से ही तीनों तत्वों की पूर्ति हो सके और वह जल्दी बढ़वार करें।
बंपर पैदावार के लिए इस समय करें गेहूं की बिजाई(2023):Right time to sow wheat
गेहूं की बिजाई हम तीन चरणों में करते हैं- पहले चरण अगेती बजाई के लिए, दूसरा चरण समय पर बिजाई के लिए और तीसरा चरण पिछेती बिजाई के लिए। पहले चरण में हम उन किस्मों का चयन करना चाहिए हैं, जो पकने में अधिक समय लेती हैं। दूसरे चरण में हम मध्य समय में पकने वाली किस्म का प्रयोग करते हैं, और तीसरा चरण में हम कम समय में पकने वाली किस्म का प्रयोग करते हैं। गेहूं की बजाई करने के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तक होता है।