आलू में झुलसा रोग की आने से पहले ही करें पहचान आपनाएँ ये आसान तरीका(2024):Potato crop diseases and treatment

By Kheti jankari

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आलू में झुलसा रोग की आने से पहले ही करें पहचान आपनाएँ ये आसान तरीका(2023):

किसान साथियों नमस्कार, आलू एक ऐसी फसल है, जो किसानों को कभी घाटा नहीं देती। यह एक किसानों के फायदे वाली फसल है। लेकिन इसमें फायदा देने के साथ-साथ रोग भी अधिक मात्रा में लगते हैं। आलू की फसल में रोग इतनी तेजी से फैलते हैं, कि वह देखते ही देखते पूरी फसल को नष्ट कर देते हैं। सभी फसलों में रोग फैलने मौसम के ऊपर निर्भर करता है। अगर मौसम रोग फैलने के अनुकूल हो तो रोग जल्दी से फैलते हैं। ऐसे ही आलू की फसल में भी होता है।

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आलू की फसल में झुलसा रोग फैलने के कारण

झुलसा रोग आलू में फैलना वाला सबसे खतरनाक रोग है। आलू की फसल के पौधे जब बड़े हो जाए और पौधे आपस में टकराने लगे। पूरा खेत पत्तों से भर जाए और वातावरण में नमी हो या बार-बार बारिश हो रही हो। तो आलू में झुलसा रोग फैलने के लिए ये सबसे अच्छा समय होता हैं। जब ओस पत्तों पर अधिक देर रहती है, और दोपहर में धूप के कारण मौसम गर्म हो जाता है। तापमान 10 से 20 डिग्री के बीच रहता है। उस समय आलू की फसल में झुलसा रोग तेजी से फैलता है। झुलसा रोग दो प्रकार का होता है-

  1. अगेती झुलसा रोग
  2. पिछेती झुलसा रोग

आलू में अगेती झुलसा रोग की पहचान

आलू में इस झुलसा रोग की लक्षण आपको जल्दी देखने को मिलते है। इसलिए इसको अगेती झुलसा रोग कहते है। अगेती झुलसा रोग में आलू के पत्तों पर छोटे-छोटे धब्बे बन जाते हैं। यह धब्बे आपको बड़े पत्तों पर आसानी से देखने को मिलते हैं। इन पत्तों में रिंग टाइप के धब्बे बन जाते हैं। आलू को उखाड़ कर देखोगे तो आलू में सुख और भूरे रंग के दबे हुए धब्बे देखने को मिल सकते हैं। यह रोग नमी अधिक होने के कारण जल्दी फैलता है।

आलू में पछेती झुलसा रोग की पहचान

आलू में इस झुलसा रोग के लक्षण आपको देरी से देखने को मिलते हैं। इसलिए इसको पछेती झुलसा रोग कहा जाता है। पछेती झुलसा रोग शुरू होने के 6 से 7 दिन बाद आपको इसके लक्षण दिखाई देती है। यह रोग आपकी फसल को 10 से 14 दिन में नष्ट करने की क्षमता रखता है। पछेती झुलसा रोग आपके पत्तों की ऊपरी भाग से शुरू होता है। शुरू में ऐसा लगता है कि पत्ते ऊपर से गीले हुए हो। इस रोग में पत्ते की नोक पर गहरे भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं। और यह धीरे-धीरे तने की ओर फैलने लगते हैं। इस रोग में पौधे के तने में भी सफेद उली टाइप लग जाती है। और वह गल कर धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं। आलू पर भी गहरे भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं।

आलू में झुलसा रोग बचाव के लिए उपाय

आलू में झुलसा रोग को आने से पहले भी रोका जा सकता हैं। आलू में इस रोग से बचाव के लिए आप कुछ कार्य नीचे दिए कर सकते हैं-

  • जिस खेत में झुलसा रोग फैल गया हो। उसे खेत से बीज न लें। क्यूंकि ये रोग बीज के द्वारा अधिक मात्रा में फैलता है।
  • जिस खेत में ये रोग फ़ैल गया हो उस खेत में 2 साल तक आलू दोबारा आलू न लागएं।
  • आलू की बिजाई करने से पहले बीज उपचार आवश्यक कर लें।
  • बजाई किये हुए आलू में समय पर M-45 (मैंकोजेब 75% WP) या कवच (क्लोरोथालोनिल 75% WP) की 500 से 700 ग्राम डोज प्रति एकड़ हर 10 से 15 दिन में स्प्रे के द्वारा देते रहे। ताकि आलू को इन लोगों से बचाया जा सके।

आलू में झुलसा रोग आने के बाद रोकथाम के तरीके

आलू में झुलसा रोग आने के बाद इसमें आपको सिस्टमैटिक दवाइयां का इस्तेमाल करना पड़ेगा। यह दवाइयां लंबे समय तक पौधे पर असर करती हैं, और आपकी फसल को लंबे समय तक इस बीमारी से बचाएंगे। इसके बचाव के लिए आप नीचे दी गई दवाइयां का इस्तेमाल कर सकते हैं-

  • रिडोमिल गोल्ड (मेटलैक्सिल-एम 4% + मैंकोजेब 64%) 700 ग्राम प्रति एकड़ प्रयोग करें।
  • कर्ज़ेट (साइमोक्सानिल 8% + मैंकोज़ेब 64%) 700 ग्राम प्रति एकड़ प्रयोग करें।
  • इक्वेशन प्रो (फैमोक्साडोन 16.6% + सिमोक्सानिल 22.1%) 200ml प्रति एकड़ प्रयोग करें।

इन दवाइयां को बदल बदल कर आप 10 से 15 दिन के अंतर पर स्प्रे करते रहें।

जो किसान भाई लंबे समय से आलू की फसल करते आ रहे हैं। वह कृपया अपने अनुभव हमारे साथ जरूर साझा करें। ताकि दूसरे किसान भी इससे सहायता ले सकें और वह अपनी फसल को इन रोगों से बचा सके। धन्यवाद!

FAQ

आलू कितने दिनों में उगते हैं?
आलू की फसल 60 से 90 दिन में पाक कर तैयार हो जाती है। कच्चे आलू 60 दिन में और पके आलू 90 दिन में उखड़ने के लिए तैयार हो जाते है।

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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