कृषि
ADV-759 मक्का किस्म की विशेषताएं:hybrid maize variety of upl
मक्का की बिजाई रबी और खरीफ दोनों सीजन में की जाती है। एडवांटा सीड्स जो की यूपीएल कंपनी का एक ब्रांड है। यह किसानों के लिए मक्का, धान, ज्वार, बाजरा, सरसों और अन्य पशुओं के चारे वाली अनेक फसलों के बीज उपलब्ध कराता है। ऐसी ही एडवांटा सीड्स की एक मक्का किस्म है। जो किसानों द्वारा काफी ज्यादा पसंद की जाती है। यह किस्म ADV-759 के नाम से जानी जाती है।
लहसुन में कंद बनने के समय करें इस ताकतवर खाद का इस्तेमाल:लहसुन की मोटाई और वजन बढ़ाने का आसान तरीका:The most powerful fertilizer used in garlic
लहसुन एक कंद वर्गीय फसल है। लहसुन जमीन के अंदर तैयार होता है। इसको कंद को उखाड़ कर बाजार में बेचा जाता है। लहसुन से किसान भाई अच्छी पैदावार लेने के लिए तरह-तरह के खादों और न्यूट्रिएंट्स का प्रयोग करते हैं। आज मैं आपको ऐसे खाद के बारे में बताऊंगा, जो कंद वर्गीय फसलों में बड़े अच्छे रिजल्ट निकल कर देता है। कंद का साइज बढ़ाने के साथ-साथ यह कंद का वजन बढ़ाने में भी सहायता करता है।
आईपीएम 205-07 (विराट) मूंग किस्म की विशेषताएं:Virat Moong variety characteristics.
मूंग की अनेक प्रकार की किस्में अनेक संस्थाओं द्वारा तैयार की जाती हैं। भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर ने मूंग की एक ऐसी किस्म तैयार की है। जो 50 से 52 दिन में पैक कर तैयार हो जाती है। यह मूंग किस्म विराट के नाम से जानी जाती है। इसका नाम आईपीएम 205-07 है।
गेहूं की पत्तियों बीच से मुड़कर पीलापन आने की समस्या:क्या है कारण, सस्ता इलाज जानें:Treatment of yellowing of leaves in wheat
किसी भी फसल की बिजाई से लेकर कटाई तक किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी अत्यधिक तापमान, कभी अत्यधिक ठंड, तो कभी बारिश के कारण किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसके साथ-साथ फसलों में अनेक रोग समय-समय पर लगाते रहते हैं। जिससे किसानों की लागत इन फसलों पर और भी अधिक बढ़ जाती है। फसलों में समय पर स्प्रे और खाद पानी देने पर भी किसान अपना पूरा उत्पादन नहीं ले पाते और कुछ किसानों की तो फसल नष्ट भी हो जाती है।
लहसुन में 70-80 दिनों पर करें ये काम:फिर होगी बंपर पैदावार:Things to keep in mind about garlic
लहसन की फसल एक ऐसी फसल है। जिसमें कोई कल्लों का फुटाव नहीं होता। इसमें एक ही पौधे पर 10 से 12 पत्ते आते हैं। और उन्हें पत्तों से पूरी फसल पक जाती है। इसलिए अगर लहसुन में एक दो पत्ते का भी नुकसान होता है, तो यह आपकी पैदावार को घटा या बढ़ा सकता है। इसलिए आपको लहसुन में विशेष तौर पर ध्यान रखना पड़ता है। 70 से 80 दिन में लहसुन में कंद बनने का समय होता है। इस समय आपको अपनी फसल का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।
गेहूं में प्रयोग होने वाले सबसे अच्छे फफूंदी नासक:Best fungicides for wheat
गेहूं रबी के सीजन में बोई जाने वाली एक अनाज वर्गीय फसल है। जिसकी बजाई किसान भाई अक्टूबर से नवंबर तक करते हैं। गेहूं की फसल में कई अवस्थाएं आती हैं। इन अवस्थाओं में गेहूं में तरह-तरह के फफूंदी जनक और कीट रोग लगते रहते हैं। अगर इन रोगों का समय पर समाधान नहीं करते, तो ये आपकी फसल को पूरी तरह से ख़त्म भी कर सकते है। इसलिए किसान भाई इन कीट रोगों और फफूंदी जनक रोगों के लिए समय पर कीटनाशकों और फफूंदी नाशकों का प्रयोग करते रहें।
लहसुन में पीलापन दूर करने के उपाय:Ways to remove yellowness in garlic
लहसुन में कई तरह के रोग लगातार देखने को मिलते हैं। अभी जो मौसम चल रहा है, इसमें लगातार धुंध पड़ रही है। मौसम में नमी होने के कारण लहसुन में कई तरह के रोग देखे जा रहे हैं। किसान साथी अपने खेत का निरीक्षण करते रहें और जांच रखें। अगर आपके लहसुन की पत्तियां पीली पड़ रही है, या ऊपर से नोक सूख रही है। इस समय लगातार नमी के कारण लहसुन की पत्तियों पर फंगस बन गई है। यह फंगस पत्तों पर काले रंग के धब्बे बना देती है। इसे डाउनी मिल्ड्यू रोग कहते हैं।
गेहूं में कितने दिन तक यूरिया का प्रयोग करें:बाद में करने का कितना नुकसान:Disadvantages of giving wheat late urea
गेहूं में किसान भाई आमतौर पर अपने यूरिया को तीन भागों में बांटकर अपने खेत में डालते हैं। इसमें वह दो से तीन बैग यूरिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ क्षेत्रों में तो किसान भाई तीन बैग से अधिक यूरिया भी डाल देते हैं। किसान साथियों यूरिया की अधिक मात्रा में प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके आपको कुछ नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं।
हल्की मिटटी और कम पानी वाली जमीन में करें इस गन्ना किस्म की बिजाई:गन्ने के राजा कही जाने वाली किस्म
किसान साथियों नमस्कार, गन्ना एक अधिक समय में पकने वाली फसल है। इसके अधिक समय ...
गेहूं में आखिरी खाद:वजनदार दानों के लिए यूरिया के साथ क्या मिलाए किसान:Use of urea in wheat
गेहूं की फसल में किसान भाई आमतौर पर 2 से 3 बैग यूरिया का इस्तेमाल करते हैं। इन दो से तीन बैगों को किसान भाई तीन भागों में बाँटकर अपने खेत में इस्तेमाल करते हैं। इन तीन भागों को किस-किस समय हमें गेहूं की फसल में प्रयोग करना चाहिए और किस समय के बाद हमें गेहूं की फसल में यूरिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, और आखिरी यूरिया के साथ किसानों को क्या मिलना चाहिए।
पॉपुलर लगाने वाले किसान जरूर पढ़ें:कम समय में पॉपुलर तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण बातें:Things to keep in mind while planting poplar
इस समय पॉपलुर लकड़ी के रेट काफी अधिक चल रहे हैं। किसान भाई लकड़ी लगाकर खेती से अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। कुछ किसान भाई तो लगातार पॉपुलर के पेड़ लगाकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं, और पॉपुलर को फसल की तरह तैयार हैं. पॉपुलर को लकड़ी न बोलकर अगर उसकी फसल बोलूं तो, यह फसल 3 से 4 साल में तैयार हो जाती है। यह अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग समय होता है। किसान साथियों अगर आप पॉपुलर की खेती करना चाहते हैं।
एमएच-1142 मुंग किस्म की विशेषताएं:Moong variety characteristics
मूंग की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में की जाती है। लेकिन खरीफ के सीजन में मूंग की फसल से अधिक पैदावार निकलती है। क्योंकि उसे समय मूंग की खेती के लिए मौसम अनुकूल रहता है। मूंग की काफी सारी किस्में बाजार में आपको अलग-अलग नाम से देखने को मिलेंगे। ऐसी ही एक किस्म हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार द्वारा तैयार की गई है। जो एमएच-1142 के नाम से जानी जाती है।
गेहूं की बाली में दानों की संख्या और दानों का वजन बढ़ाने के लिए करें ये स्प्रे:खर्च मात्र 150रु:Solution to increase wheat production
इस समय लगभग सभी किसानों की गेहूं 55 से 60 दिन की हो गई है। यह समय गेहूं में बालियां निकलने का होता है। गेहूं में बालियां निकालनी शुरू हो गई होती है। इस समय पौधे को पोषक तत्वों की आवश्यकता काफी अधिक मात्रा में पड़ती है। 55 से 60 दिन से पहले गेहूं में बढ़वार और फुटाव जितना होना होता है, हो जाता है। इसके बाद अब गेहूं अपनी लंबाई को खींचने लगते हैं। इस समय अगर आप यूरिया का इस्तेमाल करते हैं, तो पौधा यूरिया को अपनी लंबाई बढ़ाने के लिए प्रयोग करता है।
गेहूं वाले किसान सावधान:ठंड के मौसम में तेजी से फैल रहा है ये रोग:Cold weather diseases in wheat
इस समय गेहूं की फसल में किसानों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि मौसम में लगातार धुंध बनी हुई है, और धूप नहीं निकल रही जिससे गेहूं की फसल पर अनेक प्रभाव देखे जा सकते हैं। गेहूं की अत्यधिक ठंड की वजह से ऊपर की पत्तियों की नोक पीली पड़ रही है, और सुख रही है। यह सब ठंड के कारण है। दूसरा गेहूं की फसल में कीट रोग यानी माहु भी अधिक मात्रा में देखा जा रहा है। ये आपकी फसल का रस चूस कर आपकी फसल को नुक्सान करते है।
पॉपुलर की टॉप किस्में:सही पहचान जानें,Top Varieties of Popular
पॉपुलर की खेती इस समय किसानों की पहली पसंद बनी हुई है। क्योंकि पॉपुलर की लकड़ी की रेट काफी अच्छे चल रहे हैं। पॉपुलर एक ऐसी फसल है, जो 3 से 4 साल में तैयार हो जाती है। इससे किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। पॉपुलर की अलग-अलग क किस्में आती हैं। पॉपुलर की खेती के लिए रेताली या दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है। आज मैं आपको पॉपुलर की टॉप किस्म के बारे में बताऊंगा और उनकी आप पहचान कैसे कर सकते हैं।
गेहूं में जबरदस्त उपज और मोटे दाने के लिए करें, ये दमदार स्प्रे: कम खर्चे में शानदार मुनाफा
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2025 में पॉपुलर की खेती कितनी फायदेमंद:पॉपुलर की खेती करें या ना करें:What things should be kept in mind while planting poplar
पॉपुलर एक ऐसी फसल फसल है। अगर आपको इसका रेट सही मिल जाता है, तो यह आपको काफी अच्छी मुनाफा कमा कर देती है। पॉपुलर की खेती से मुनाफा आपका रेट पर निर्भर करता है, और आप कितने समय में पॉपुलर को तैयार करते हैं। अगर आप पॉपुलर की फसल को 3 से 4 साल में तैयार करते हैं, और आपको इसके लिए अच्छे मिल जाते हैं।