मूंग की उन्नत किस्म

SVM-66 मूंग किस्म की विशेषताएं:Features of SVM-66 Moong variety

मूंग एक दलहनी फसल है। जिसकी बिजाई मुख्य तौर पर गर्मी और खरीफ के सीजन में की जाती है। गर्मी के सीजन में मूंग की बिजाई दाल के लिए और हरी खाद के लिए किसान आम तौर पर करते हैं। लेकिन आज मैं जिस किस्म की बात कर रहा हूं। यह किस्म पकने में बड़ी अच्छी रहती है, और किसानों को काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। मूंग की यह किस्म शक्ति वर्धक सीड्स द्वारा दी जाती है यह SVM-66 के नाम से जानी जाती है।

Mh-421 मूंग किस्म की विशेषताएं:early maturing mung variety

मूंग की विभिन्न तरह की किस्में आपको बाजार में देखने को मिल जाती है। यह किस्में अलग-अलग क्षेत्र और अलग-अलग मौसमों के लिए विज्ञानकों द्वारा तैयार की जाती है। जायद यानी गर्मी के मौसम में मूंग की बिजाई के लिए ऐसी किस्म का चयन करना चाहिए। जो गर्मी को अधिक सहन करने की क्षमता रखती हो और जिनको पानी की कम आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि इन दिनों एक तो बारिश कम मात्रा में होती है, और गर्मी अधिक पड़ती है। तो किसानों को पानी अधिक मात्रा में देना पड़ता है। ऐसी ही एक किस्म जो दो से तीन सिंचाई में पैक कर तैयार हो जाती है। यह किस्म mh-421 के नाम से जानी जाती है।

पीडीएम-139 मूंग किस्म की विशेषताएं:There is no competition for this variety of Moong

मूंग की दो प्रकार की किस्में आपको आमतौर पर देखने को मिलती हैं। एक वह किस्में जिनकी बिजाई बरसात के मौसम में की जाती है, और दूसरी वह किस्में जिनकी गर्मी के सीजन में बिजाई की जाती है। खरीफ सीजन और रबी के सीजन के बीच वाले सीजन को गर्मी या जायद का सीजन कहा जाता है। इस समय मूंग की जो किस्में उगाई जाती हैं। उनका दाना थोड़ा छोटा होता है, और बरसात के दिनों में उगाई जाने वाली मूंग किस्म का दाना थोड़ा बड़ा और मोटा होता है। इसलिए जायद के सीजन वाले में किस्में 5 से 10 दिन जल्दी पक कर तैयार हो जाती हैं। भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर द्वारा एक मूंग की किस्म तैयार की गई है। जो पीडीएम-139 के नाम से जानी जाती है।

SVM-88 मूंग किस्म की विशेषताएं:Features of SVM-88 Moong variety

शक्ति वर्धक सीड्स कंपनी मूंग की अलग-अलग तरह की किस्म किसानों के लिए तैयार करती है। ऐसी ही इसकी एक मूंग की जो SVM-88 के नाम से जानी जाती है। यह मूंग किस्म गर्मी के मौसम में बिजाई के लिए सबसे उपयुक्त है, और सबसे अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। मूंग की यह किस्म रोगों के प्रति सहनशील है।

एसएमएल-668 मूंग किस्म की विशेषताएं:Features of SML-668 Moong variety

मूंग की बिजाई गर्मी और बरसात के मौसम में आमतौर पर की जाती है। मार्च से लेकर जुलाई तक आप इसकी बिजाई कर सकते हैं। मूंग एक ऐसी फसल है, जो अत्यधिक सुख और अत्यधिक पानी को भी सहन कर सकती है। मूंग की खेती के लिए जल निकास युक्त मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है। यदि आप मूंग की खेती करना चाहते हैं, तो आपको ऐसी खेत का चुनाव करना चाहिए। जिसमें पानी खड़ा ना हो। मूंग की अलग-अलग प्रकार की किस्म आपको बाजार में देखने को मिलती हैं। मैं आपको मूंग की एक ऐसी किस्म के बारे में बताऊंगा। जिसकी बाजार में बहुत ज्यादा डिमांड है। यह इसको किसान काफी ज्यादा पसंद करते हैं। यह किस्म एसएमएल-668 के नाम से जानी जाती है।

आईपीएम 410-3 (शिखा) मूंग किस्म की विशेषताएं:Best variety of Moong

मूंग की खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है। लेकिन मूंग की खेती के लिए काली मिट्टी, दोमट मिट्टी और हलकी मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है। इसलिए मूंग की बिजाई मध्य भारत में सबसे अधिक की जाती है। मूंग की बिजाई जायद और खरीफ के मौसम में कर सकते हैं।मूंग एक दाल वर्गीय फसल है। जिसको आप कम समय में तैयार कर सकते हैं। यह आपको अच्छा मुनाफा कमा कर दे सकती है। आज मैं आपको मूंग की एक ऐसी किस्म के बारे में बताऊंगा। जो भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर द्वारा बनाई गई है। यह किस्म शिखा के नाम से प्रसिद्ध है। यह आईपीएम 410-3 के नाम से भी जानी जाती है।

एसआरपीएम-26 (विजेता) मूंग किस्म की विशेषताएं:Moong variety of Shriram Seeds

मूंग की फसल जायद यानी गर्मी और खरीफ दोनों सीजन में इसकी बिजाई की जाती है। मूंग की बहुत सारी किस्में ऐसी आती है, जिनकी बजाई आप दोनों मौसमों में कर सकते हैं। और दोनों मौसमों में ये किस्में काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। ऐसे ही श्रीराम सीड्स की एक मूंग की किस्म आती है। जिसकी बजाई आप किसी भी मौसम में कर सकते हैं। यह किस्म एसआरपीएम-26 के नाम से जानी जाती है। बाजार में यह विजेता नाम से प्रसिद्ध है।