कृषि

मिर्च रोपाई में सबसे अच्छे खाद:Best fertilizer for chilli seedlings

मिर्ची एक ऐसी फसल है, जिसकी रोपाई की जाती है। मिर्च को आप पूरे साल भर में किसी भी समय उगा सकते हैं। मिर्च की रोपाई मुख्या तौर पर फरवरी में की जाती है। इस समय ज्यादातर किसान इसकी खेती करते हैं। मिर्च के बाजार में काफी अच्छे भाव देखने को मिलते हैं। मिर्च 40 से ₹50 किलो आसानी से बिक जाती है। अगर आप भी मिर्ची की खेती करना चाहते हैं, और अधिक लाभ कमाना चाहते हैं। तो आपको मिर्च लगाने से पहले खेत की तैयारी अच्छे से करनी पड़ेगी। ताकि आपकी मिर्च अच्छे से ग्रोथ करें सकें और आपको अधिक पैदावार निकला कर दे।

रीता भिंडी किस्म की विशेषताएं:Improved variety of Ladyfinger

माहिको किसानों के लिए अलग-अलग प्रकार के बीच उपलब्ध कराती है। यह कंपनी गेहूं, धान, मक्का, सरसों और सब्जियों के सभी प्रकार के बीज बनाती है। इस कंपनी ने भिंडी की भी कई प्रकार की किस्में तैयार की है। इनमें से एक किस्म किसानों द्वारा काफी ज्यादा पसंद की जाती है। यह किस्म रीता के नाम से प्रसिद्ध है।

Second main spray in onion:प्याज में भयंकर रोग:जल्दी करें दूसरा स्प्रे, सही समय पर समाधान जरूरी

फरवरी का महीना लग गया है। और मौसम परिवर्तन धीरे-धीरे बदल रहा है। पिछले 1 महीने से लगातार ठंडा मौसम था और अब धूप निकलने की वजह से दिन में गर्मी और रात को तापमान थोड़ा ठंडा रहता है। इस समय आपका प्याज की फसल भी 40 से 45 दिन की हो गई है। मौसम परिवर्तन के कारण पौधे में थोड़ा तनाव भी रहता है। इसमें फंगस, ट्रिप्स और इल्ली रोग देखने को मिलते हैं। इसलिए किसान भाई आप अपने खेत की लगातार निगरानी करते रहें और उसमें कोई भी रोग दिखाने पर तुरंत स्प्रे करें।

गेहूं में बालियां निकलने पर कौनसा स्प्रे करें:महत्वपूर्ण बातें, पैदावार बढ़ाने का सही समय:Main spray for earing in wheat

इस समय गेहूं की फसल में कुछ किसानों की बालियां निकलने को है, तथा कुछ किसानों की बालियां निकल गई। आपने अभी तक अपनी गेहूं में सभी प्रकार के खादों और न्यूट्रिशन का पर्याप्त मात्रा में प्रयोग किया होगा। लेकिन बालियां निकलने पर आपको एक से दो काम करने पड़ेंगे। जिससे आप अपनी पैदावार को दो से तीन क्वांटल प्रति एकड़ तक बढ़ा सकते हैं। इस समय गर्मी थोड़ी अधिक पड़ती है और पौधे में हीट स्ट्रेस अक्सर देखने को मिलती है।

MAH 15-84 मक्का किस्म की विशेषताएं:Maize variety of University of Agricultural Sciences

कृषि वैज्ञानिक कृषि के विकास के लिए फसलों की नई नई किस्मों को किसानों के लिए बनाते रहते हैं। वैज्ञानिक ऐसी किस्मों का निर्माण करते हैं, जो सिर्फ उपज में ही अच्छी नहीं रहती, बल्कि उसमें पौष्टिक गुण भी अधिक होते हैं। मक्का खरीफ सीजन की मुख्य फसल है। इसकी बिजाई फरवरी और मार्च में शुरू हो जाती है। कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने 2023 में मक्का की एक नई किस्म बनाई थी। जो MAH 15-84 के नाम से जानी जाती है।

MM-9333 मक्का किस्म की विशेषताएं:Maize variety of Rallis India Limited

धान्या सीड्स टाटा रैलीज इंडिया लिमिटेड का एक उत्पाद है। यह बाजार में विभिन्न तरह के बीजों को किसानों के लिए उपलब्ध कराती है। ऐसे ही इसकी मक्का की एक किस्म जो MM-9333 के नाम से जानी जाती है। यह किस्म किसानों के बीच काफी प्रसिद्ध है। किसान इस किस्म से काफी मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। जो किसान मक्का के वैज्ञानिक खेती करते हैं। वह इस किस्म को काफी ज्यादा पसंद करते हैं।

फ़र्टिलाइज़र और पेस्टिसाइड के कम रिजल्ट मिलने के मुख्या कारण:Main reasons for low results of fertilizers and pesticides

आजकल अधिकतर जमीनों में देखा जा रहा है, कि आप मिट्टी में जितने फर्टिलाइजर डालते हो। उनका आपको इतना अच्छा रिजल्ट देखने को नहीं मिलता। ऐसे ही आपको कीटनाशकों और फफूंदी नाशकों के रिजल्ट भी पहले से कम देखने को मिल रहे हैं। आपको अधिक मात्रा में इनका प्रयोग करना पड़ता है। इससे आपकी खादों और दवाइयां की लागत बढ़ गई है। और किसान को आर्थिक नुकसान हो रहा है।

मूंग में बिजाई के समय बेस्ट खाद:Which fertilizers should be applied in moong

मूंग एक दलहनी फसल है। जिसकी बिजाई का सही समय 15 फरवरी से लेकर 30 मार्च तक का रहता है। यह बजाई समय आपकी किस्म पर निर्भर करता है, कि आप कौन सी किस्म का चयन करते हो। कम से समय पकाने वाली किस्म की लेट बजाई होती है, और अधिक समय पकाने वाली किस्म की बिजाई जल्दी करनी पड़ती है। मूंग एक ऐसी फसल है, जिसको कम मात्रा में खादों की आवश्यकता पड़ती है। इसमें रोग भी बहुत कम मात्रा में लगते हैं।

फरवरी में उगाई जाने वाली मुख्या सब्जियां:Main vegetables grown in February

सब्जी की खेती से मुनाफा उसके रेट पर निर्भर करता है। अगर आपको रेट कम मिलता है तो आपको सब्जी से नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इसलिए हमें सब्जियों को ऐसे समय पर लगाना चाहिए, जब उनके बाजार में सबसे अधिक मूल्य देखने को मिलते है। आज मैं आपको फरवरी में उगाई जाने वाली ऐसी पांच सब्जियों के बारे में बताऊंगा।

डिकाल्ब-8181 मक्का किस्म:Dekalb-8181 corn variety characteristics

मक्का की बिजाई ज्यादातर किसान आलू की खुदाई के बाद करते हैं। हरियाणा और पंजाब के किसान मुख्यता इसी समय मक्का की सबसे अधिक बजाई करते हैं। यह मक्के की बिजाई का सबसे उपयुक्त समय है। मक्के की बिजाई आमतौर पर जायद और खरीफ के मौसम में की जाती है। मक्का की अनेक किस्में आपको बाजार में देखने को मिल जाती है। जो अलग-अलग सीजन के लिए बनाई जाती है। डिकाल्ब-8181 मक्का किस्म बायर सीड्स की किस्म है।

NS-862 भिंडी किस्म की विशेषताएं:High yielding variety of okra

भिंडी की अनेक किस्में आपको बाजार में देखने को मिल जाती हैं। भिंडी एक ऐसी फसल है। जिसकी बिजाई आप पूरे साल में कभी भी कर सकते हैं। भिंडी एक लंबे समय तक फल देने वाली सब्जी है। यह 5 से 6 महीने तक आसानी से फल दे देती है। फसल से अधिक पैदावार लेने के लिए हमे सही किस्मों का चुनाव करना जरूरी है। ऐसे ही नामधारी सीड्स की एक भिंडी किस्म किसानों द्वारा काफी ज्यादा पसंद की जाती है। यह भिंडी किस्म NS-862 के नाम से प्रसिद्ध है।

DKC-9144 मक्का किस्म:maize variety characteristics

मक्का की बिजाई लगभग पूरे भारत में की जाती है। मक्का का अलग-अलग कंपनी द्वारा काफी सारे बीज दिए जाते हैं। यह बीज अलग-अलग क्षेत्र और जलवायु के हिसाब से बनाए जाते हैं। बायर सीड्स द्वारा मक्का की एक किस्म बनाई गई है। जो DKC-9144 के नाम से प्रसिद्ध है। मक्का की यह किस्म किसानों द्वारा काफी पसंद की जाती है। क्योंकि यह काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती है।

गन्ना बिजाई से पहले मिट्टी शोधन कैसे करें:How to purify soil before sowing sugarcane

गन्ने में लगने वाले अधिकतर फफूंदी नाशक और कीट रोग के कीटाणु मिट्टी में लंबे समय तक पड़े रहते हैं। यह आपकी मिट्टी में बिजाई के समय से पहले ही पनपते रहते हैं। भूमि उपचार करने से हमारी मिट्टी में पड़े कीटाणु मर जाते हैं। और फसल में कोई रोग नहीं लगता। भूमि उपचार हम जैविक कीटनाशकों और फफूंदीनाशकों के द्वारा करते हैं। गन्ने में लगने वाले रेड रॉट,पोका बोईंग और टॉप बोरर जैसे खतरनाक रोगों की रोकथाम के लिए भूमि उपचार सबसे अधिक जरूरी है।

ADV-216 भिंडी किस्म की विशेषताएं:okra variety from Advanta Seeds

भिंडी की काफी सारी किस्में आपको बाजार में देखने को मिल जाती हैं। ऐसे ही एडवांटा सीड्स भी भिंडी की काफी सारी किस्म तैयार करता है। इसकी राधिका भिंडी किस्म काफी प्रसिद्ध है। लेकिन इसने अभी एक अपनी एक नई भिंडी किस्म तैयार की है। जो ADV-216 के नाम से प्रसिद्ध है। इस किस्म का बाजार में अन्य किस्म के मुकाबले भाव थोड़ा अधिक मिलता है।

प्याज में पहला मुख्य स्प्रे:First main spray in onion

पिछले 15 से 20 दिन से धुंध और ठंड अधिक पढ़ने की वजह से प्याज में इतनी अच्छी ग्रोथ नहीं दिख रही। क्योंकि आपने जमीन में जो भी खाद और न्यूट्रिएंट्स का प्रयोग किया था। धुप ना निकलने के कारण पौधे उन्हें ग्रहण नहीं कर पाया। क्योंकि सूर्य के प्रकाश के बिना पौधे जमीन से तत्वों को ग्रहण नहीं करते। इसी कारण से आपको अपने प्याज की फसल में ग्रोथ नहीं दिख रही। इस समय आपको प्याज में ग्रोथ करवाने के लिए उसमें स्प्रे के द्वारा खादों और न्यूट्रिएंट्स को देना पड़ेगा।

65 दिन में तैयार होगी गेहूं की फसल:वैज्ञानिकों रहे है नई तकनीक का बीज तैयार:What is excel breed lab

गेहूं की फसल पकने में लगभग 155 से 160 दिन का समय लेती है। लेकिन पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं। जिसमें गेहूं के ऐसे बीजों का निर्माण होगा जो 60 से 65 दिन में पैक कर तैयार हो जाएंगे। इसके लिए पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में एक एक्सेल ब्रीड लैब (excel breed lab) तैयार की है। इस लैब में वैज्ञानिक गेहूं की कम समय में पकने वाली नयी किस्म पर रिसर्च करेंगे और उनको तैयार करके किसानों तक पहुंचाने का काम करेंगे। जिससे किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके।

प्याज में पहला मुख्या खाद:ग्रोथ बढ़ाने का सबसे सही समय:Right time to give first fertilizer to onion

प्याज एक कंद वर्गीय फसल है। जिसकी रोपाई की जाती है। प्याज की रोपाई आमतौर पर पौध उखाड़ने के तुरंत बाद की जाती है। रोपाई के तुरंत बाद ही उसमें पानी भी लगते हैं। प्याज में हमें 40 से 45 दिन पर यूरिया की मात्रा को पूरा कर देना चाहिए। क्योंकि इसके बाद यूरिया देने से उसमें नुकसान होता है। प्याज में पहले खाद हमारी पैदावार को बढ़ाने का काम करता है। क्योंकि यह समय वानस्पतिक वृद्धि का होता है। पौधा उखाड़ कर लगाने के बाद इस समय पौधा अपनी जड़ों की पकड़ को बनता है। और उसे इस समय नाइट्रोजन की अधिक मात्रा की आवश्यकता पड़ती है।

SVM-66 मूंग किस्म की विशेषताएं:Features of SVM-66 Moong variety

मूंग एक दलहनी फसल है। जिसकी बिजाई मुख्य तौर पर गर्मी और खरीफ के सीजन में की जाती है। गर्मी के सीजन में मूंग की बिजाई दाल के लिए और हरी खाद के लिए किसान आम तौर पर करते हैं। लेकिन आज मैं जिस किस्म की बात कर रहा हूं। यह किस्म पकने में बड़ी अच्छी रहती है, और किसानों को काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। मूंग की यह किस्म शक्ति वर्धक सीड्स द्वारा दी जाती है यह SVM-66 के नाम से जानी जाती है।