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पौधे में कौन कौन से हार्मोन पाए जाते हैं|Hormones role in plants

पौधे में इस्तेमाल होने वाले सबसे शक्तिशाली दवाइयों का काम हमेशा हार्मोस से संबंधित होता ...

सरसों की फसल में खरपतवार नियंत्रण करने का सबसे सस्ता तरीका:Control weeds in mustard

सरसों की फसल में खरपतवार नियंत्रण दो प्रकार से किया जाता है। एक निराई- गुड़ाई द्वारा और दूसरा खरपतवार नासक दवाइयों के द्वारा। खरपतवार नासक दवाइयों के द्वारा खरपतवारों को दो तरीके से नियत्रित किया जाता है। उगने से पहले और दूसरा खरपतवारों को उगाने के बाद।

कावेरी सीड्स की काली सरसों किस्म KBH-5207 की खासियत जानें:Kaveri Seeds Top Mustard Variety

सरसों और गेहूं रबी के सीजन में बुवाई की जाने वाली मुख्य फसलें हैं। जिनकी बजाई भारत में सबसे अधिक की जाती है। आजकल किसान भाई गेहूं को छोड़कर सरसों की बिजाई अधिक मात्रा में कर रहे हैं।

कम समय में पकने वाली काली सरसों की हाइबर्ड किस्में:Hybrid varieties of black mustard

सरसों की काफी सारी हाइब्रिड किस में आती हैं। कुछ किस्में पकने में लगभग 140 से 150 दिन का समय लेती हैं, तथा कुछ किस में 110 से 120 दिन में पक जाती हैं। किसान अपनी अगली फसल के हिसाब से सरसों की किस्म को चयन करते हैं। कुछ किसानों को कम समय की किस्म पसंद है और कुछ किसान पूरे समय वाली किस्म लगते हैं। कम समय वाली किस्म अधिक समय वाली किस्म से थोड़ी कम पैदावार देते हैं।

HAU हिसार द्वारा दी गयी सरसों किस्म RH-725 और RH-1424 की विशेषताएं जानें:कम पानी में अच्छी पैदावार देने वाली सरसों किस्म

हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार किसानों के लिए सरसों व गेहूं के बीजों की अनेक इसमें तैयार करती है। यह यूनिवर्सिटी रिसर्च बीजों का उत्पादन करती है। और उन्हें किसानों को उपलब्ध कराने में मदद करती है।

सरसों वाले किसानों के लिए समस्या:तेजी से फैल रहा है ये रोग, समय पर ऐसे करें रोकथाम

सरसों में सफेद रतुआ या सफेद रोली रोग अक्सर देखने को मिलता है। जब यह रोग लास्ट स्टेज पर होता है। किसान तब देखता है, किसका क्या उपाय करें। तब लेकिन तब यह पूरी तरह से कंट्रोल नहीं होता। क्योंकि इस रोग से जो सरसों की फसल को नुकसान होना होता है। वह उसे समय तक हो जाता है।

सरसों वाले किसान सावधान:तेजी से फ़ैल रहा है ये रोग, समय पर करें रोकथाम,पहचान, रोकथाम का तरीका सम्पूर्ण जानें

सरसों की फसल में इल्ली (सुंडी) आपके बीच वाले पत्तों या उससे नीचे वाले पत्तों पर देखने को मिलेगी। इसमें आपको झुंड में पत्तों पर छोटी-छोटी सुंडियां नजर आएगी। यह सुंडियां पत्तों का रस चूस कर उसे पर छोटे-छोटे होल बना देती हैं। और धीरे-धीरे पत्ते को सूखा देती है। आप अपने खेत में इस रोग की आसानी से पहचान कर सकते हैं। सुंडियों के ऊपर हलकी हलकी धारियां होती है। इसके अंडे आपको पत्तों के निचले भाग पर देखने को मिलते है। इसके अण्डों की संख्या भर मात्रा में होती है।

सरसों वाले किसान सावधान:सरसों में जड़ गलन रोग की पहचान

जड़ गलन एक फंगस जनित रोग है। इस रोग की फंगस जमीन में रहती है। जो लम्बे समय तक जमीन में जीवत रहने की क्षमता रखती है। यह फंगस पौधों को इफेक्ट करके उनकी जड़ों को गला देती है। इस रोग में पौधे की जड़ें बारीक धागे के आकार की रह जाती हैं, और धीरे-धीरे पौधा सूख जाता है।