सरसों की बिजाई में करें इन खादों का प्रयोग, मिलेगी अच्छी पैदावार:सरसों बजाई की जानकारी

By Kheti jankari

Updated on:

सरसों की बिजाई में करें इन खादों का प्रयोग, मिलेगी अच्छी पैदावार(2023)

सरसों रबी की एक प्रमुख फसल है। जिसकी बजाई लगभग पूरे भारत में की जाती है। लेकिन हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में इसकी बिजाई मुख्य रूप से सबसे अधिक मात्रा में की जाती है। सरसों दो प्रकार की होती है–पीली सरसों और काली सरसों। कुछ किसान काली सरसों की बजाई करते हैं। और कुछ पीली सरसों को अधिक पसंद करते हैं। सरसों की काली और पीली दोनों किस्म का अपना अलग-अलग महत्व है। जहां सरसों की काली किस्में अधिक पैदावार देती हैं। वहीं इनका मंडी में भाव भी कम मिलता है। लेकिन सरसों की पीली किस्म का मंडी भाव काली किस्मों के मुकाबले अधिक मिलता है। उनके मूल्य में1000 से लेकर ₹1500 प्रति क्वांटल तक का अंतर रहता है। लेकिन सरसों की पीली किस्में काली किस्म के मुकाबले दो से तीन क्विंटल प्रति एकड़ कम पैदावार देती हैं।

सरसों की फसल में खरपतवार नियंत्रण करने का सबसे सस्ता तरीका

सरसों की बिजाई का सही समय

सरसों की बिजाई 15 सितंबर से लेकर अक्टूबर तक की जाती है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग मौसम के अनुसार इसकी बजाई होती रहती है। कुछ राज्यों में इसकी बजाई 15 सितंबर को कर देते हैं। और कुछ राज्य में इसकी बजाई अक्टूबर और नवंबर तक भी चलती है। सरसों की बाजार में अलग-अलग किस्में आती है। कुछ कम समय में पकने वाली आती है, और कुछ अधिक समय में पकने वाली आती हैं। पीली सरसों की मुख्यतः कम समय में पकती हैं। लेकिन कई काली सरसों पकने में अधिक समय लेती हैं। सरसों की खेती के लिए बुलाई दोमट मिट्टी सबसे अधिक उपयुक्त मानी गई है। सरसों की फसल को कम पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए जिन इलाकों में पानी की समस्या रहती है, वहां भी सरसों की बिजाई की जा सकती है।

सरसों बिजाई के लिए खेत की तैयारी

सरसों की बिजाई के लिए खेत में पर्याप्त नमी का होना जरूरी है। अगर आपके खेत में पर्याप्त नमी नहीं है, तो आप पहले पलेवा कर लें। और उसके बाद सरसों की बिजाई करें। सरसों की बिजाई के समय मिट्टी को भुरभुरी करना जरूरी है। पहले डिस्क हारों के साथ अच्छी तरह से गहरी जुताई कर लें और उसके बाद रोटावेटर से मिट्टी को बारीक करें। अगर हो सके तो चार ट्रॉली गोबर की गली सड़ी खाद भी जुताई से पहले डाल सकते हैं, अगर गोबर खाद ना मिले तो वर्मी कंपोस्ट के 8 से 10 बैग प्रति एकड़ डालें।

सरसों की बिजाई में खाद प्रबंधन

सरसों की बिजाई में हम 50 किलोग्राम डीएपी और 10 किलोग्राम सल्फर और 25 किलोग्राम एमओपी का प्रयोग बुवाई के समय कर देना चाहिए।

अगर अपने खेत में गोबर की खाद्य या वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल किया है। तो आप डीएपी और पोटाश की मात्रा आधी कर दें। इन खादों को आप मिट्टी में जुताई से पहले डाल दें या फिर सरसों बिजाई के समय भीं के साथ भी डाल सकते हैं।

पहले पानी 50kg यूरिया के साथ 3kg सल्फर 90% का प्रयोग करें।

सरसों बजाई में बीज की मात्रा

जैसा कि आपको पता है, कि सरसों की दो प्रकार की किस्म आती हैं– पीली सरसों और काली सरसों। दोनों किस्म में अलग-अलग मात्रा में बीज लगते हैं। अगर आप काली सरसों की हाइब्रिड किस्म का चयन करते हैं। तो आप प्रति एकड़ 800 ग्राम से 1 किलोग्राम बीज का प्रयोग करें। अगर आप काली सरसों की देसी किस्म का चयन करते हैं। तो आपको 2 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से बिजाई करनी है। पीली सरसों की सभी किस्म में प्रति एकड़ 2 से 3 किलोग्राम बीज का इस्तेमाल किया जाना जरूरी है।

सरसों की बिजाई आप सीड ड्रिल या फिर हाथ से सीधी बजाई भी कर सकते हैं। अगर आप सेट ड्रिल की मदद से सरसों की बिजाई करते हैं। तो आपको काली सरसों का 800 ग्राम बीज प्रति एकड़ प्रयोग करना है। और पीली सरसों का 2 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ प्रयोग करना चाहिए। अगर हाथ से बजाई करते हैं तो काली सरसों का 1 किलोग्राम बीज और पीली सरसों का 3 किलोग्राम बीज का प्रयोग करें।

सरसों की फसल में सिंचाई

वैसे तो सरसों को बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है। सरसों की पीली किस्म तो बिना पानी के भी हो जाती हैं। लेकिन सरसों की काली किस्म में पानी देने की आवश्यकता पड़ती है। सरसों की सभी प्रकार की किस्मों में पानी 40 से 45 दिन पर देना चाहिए। उससे पहले सरसों में पानी नहीं देना चाहिए।

सरसों की फसल में खरपतवार नियंत्रण

सरसों की फसल में खरपतवार नियंत्रण हम दो प्रकार से कर सकते हैं– उगने से पहले और उगाने के बाद। उगने से पहले खरपतवार नियंत्रण के लिए हम 1.5 लीटर से 2 लीटर तक पेंडिमेथिलन 30% प्रति एकड़ प्रयोग कर सकते हैं। और सरसों में खरपतवार उगाने के बाद टॉपिक (सिंगेंटा) 160g प्रति एकड़ या फिर एक्सियल ( एजेंट) 400ml प्रति एकड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सरसों के लिए जरूरी बातें(मेरा अनुभव)

वैसे तो किसान भाई अपने–अपने तरीके से सरसों की बिजाई करते हैं। लेकिन सरसों की हाइब्रिड किस्म का 800 ग्राम से अधिक बीज का प्रयोग नहीं करना चाहिए और पीली किस्म में 2 किलोग्राम बीज का प्रयोग करें। सरसों की बजाई के समय खेत में पर्याप्त नामी बनाई रखें। जिससे पहले पानी लेट देने की जरूरत पड़े। सरसों की बिजाई में सल्फर का प्रयोग जरूर करें। अगर आपकी सरसों की जमाव अच्छा हो गया है। और आपको लगता है कि खेत में सरसों के पौधे अधिक हैं। तो आप उन्हें बीच से उखाड़ दें। ताकि खेत में पर्याप्त हवा का संचार हो सके और सरसों की अच्छी पैदावार निकल सके।
धन्यवाद!

FAQ

Q. सरसों में कितनी बार पानी देना चाहिए?
Ans. कम समय की किस्म में 1 बार और और पूरे समय की किस्म में 2 बार पानी देने की जरूरत पड़ती है।
Q.सरसों को उगने में कितना समय लगता है?
Ans.सरसों उगने में 10 से 15 दिन का समय लगता है। कुछ किस्म कम समय लेती है और कुछ अधिक।

ये भी पढ़ें – गेहूँ की टॉप 5 रिसर्च किस्में(2023)|Top 5 research varieties of wheat

IIWBR (2023) में गेहूं की नई किस्में के लिए ऑनलाइन आवेदन शरू|यहाँ से करें अपने बीज की बुकिंग

आलू की फसल में खरपतवार नियंत्रण करने का सही तरीका जानें|Control Weeds In Potato

DBW-303, DBW-222 और DBW-187 गेहूं किस्मों की खासियत जानें|गेहूँ की उन्नत किस्में

डीएपी और एसएसपी को छोड़ गेहूं बजाई में करें इस ताकतवर खाद का इस्तेमाल

Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

Leave a Comment