Top fungicides used in agriculture:-किसान साथियों नमस्कार, आजकल फसलों में फफूंद रोग काफी अधिक मात्रा में लगने लगे हैं। अत्यधिक उर्वरकों के प्रयोग और बदलते मौसम में फफूंद रोग काफी अधिक मात्रा में लगते हैं। इनकी रोकथाम के लिए हमें फसलों में समय-समय पर फफूंदी नाशकों का प्रयोग करना पड़ता है। खेती में फफूंदी नासकों काफी अधिक प्रयोग बढ़ गया है। कुछ फसलों में तो फफूंदी नासकों का प्रयोग हर 10 से 15 दिन पर करना पड़ता है। खेती में प्रयोग होने वाले फफूंदीनासकों की बात करें। तो आपको बाजार में कईं प्रकार के फूफूंदीनासक देखने को मिलते हैं। इस लेख में मैं आपको कुछ ऐसे फफूंदी नाशकों के बारे में बताऊंगा। जो काफी सस्ते होते हैं। यह फफूंद रोगों को लगभग पूरी तरह से रोकथाम कर लेते हैं। इन फफूंदीनासकों के बारे में जानने के लिए कृपया पुरा लेख पढ़ें।
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खेती में प्रयोग होने वाले टॉप फंगीसाइड
इंडोफिल (एम-45):- इस फफुंदीनाशक में मैन्कोज़ेब 75% WP टेक्निकल पाया जाता है। यह कांटेक्ट फंगीसाइड है। जो फसलों पर लगे हुए फफूंद रोगों को तुरंत खत्म करता है। इसका प्रयोग तभी किया जाता है। जब आपकी फसल पर फफूंद रोग लगा चुके हो। यह काफी सस्ता फफूंदी नाशक है। इसकी एक किलोग्राम का पैकेट की मात्रा 350 से 400 रुपए तक आसानी से मिल जाती है। इसकी 5 से 10 ग्राम मात्रा प्रति लीटर प्रयोग की जाती है।
बायोस्टैड्ट (रोको):- इस फफुंदीनाशक में थियोफैनेट मिथाइल 70% W/W टेक्निकल पाया जाता है। थियोफैनेट मिथाइल 70% W/W एक सिस्टमैटिक फंगीसाइड है। जो मुख्य रूप जड़ में लगने वाले फफूंद रोगों के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग आप स्प्रे में और खाद के साथ मिट्टी में भी कर सकते हैं। यह फफूंदीनाशक जड़ में लगने वाले फफूंदी रोगों को खत्म करता है। और उन्हें आने से भी रोकता है। इसलिए इसका प्रयोग सबसे अधिक मिट्टी में किया जाता है।
क्रिस्टल (ब्लू कॉपर):- इस फफुंदीनाशक में कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% WP टेक्निकल पाया जाता है। कॉपर ऑक्सीक्लोराइड नीला थोथा के नाम से भी जाना जाता है। यह नीले थोथे के नाम से आपको पंसारी की दुकान पर आसानी से मिल जाता है। इसमें कॉपर की मात्रा पाई जाती है। यह एक कांटेक्ट फंगीसाइड है। जो वायरस रोगों को मुख्य रूप से कंट्रोल करता है। इसका प्रयोग आप स्प्रे में या जड़ के माध्यम से कर सकते हैं। इस फफूंदीनाशक का प्रयोग तभी किया जाता है। जब आपकी फसल पर किसी प्रकार का फूल या फल ना हो।
सिंजेन्टा (क्यूमन एल):- इस फफुंदीनाशक में ज़ीरम 27% टेक्निकल पाया जाता है। इसका का सबसे अधिक प्रयोग भी बीज उपचार के लिए किया जाता है। यह कांटेक्ट फंगीसाइड है। लेकिन इसका प्रयोग आप स्प्रे में या मिट्टी में भी कर सकते हैं। यह एक जिंक बेस्ड फंगीसाइड है। जिसमें जिंक की मात्रा पाई जाती है। यह फसलों में हरापन लाने का काम करता है।
बेयर (एन्ट्राकोल)- इस फफुंदीनाशक में प्रोपीनेब 70% WP टेक्निकल पाया जाता है। यह एक जिंक बेस्ड कांटेक्ट फफूंदी नाशक है। जो सब्जी वर्गीय फसलों में सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। यह फसलों में लगने वाले पाउडर मिल्डू रोग और ब्लास्ट रोगों में काफी अच्छी रोकथाम करता है। इसकी 500 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है।
यूपीएल (साफ):- इस फफुंदीनाशक में कार्बेन्डाजिम 12% + मैन्कोजेब 63% WP टेक्निकल पाया जाता है। यह एक कांटेक्ट और सिस्टमैटिक फफूंदी नाशक है। इसमें दो फफूंदीनाशकों का मिश्रण होता है। यह बाजार में सबसे अधिक बिकने वाला फफूंदीनाशक है। यह सभी प्रकार की अनाज वर्गीय फसलों और सब्जी वर्गीय फसलों में प्रयोग किया जाता है। यह एक अच्छा और सस्ता फफूंदीनाशक है। इसकी 5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर प्रयोग की जाती है।
सिंजेन्टा (रिडोमिल गोल्ड):- इस फफुंदीनाशक में मेटालैक्सिल 4% और मैन्कोनजेब 64% टेक्निकल पाया जाता है। यह झुलसा रोगों में सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। इसकी 400 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है। इस फफूंदीनासकों का प्रयोग आप सभी प्रकार की फसलों में कर सकते हैं।
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