फसल में लकड़ी की राख का प्रयोग करें या नहीं:uses of wood ash

By Kheti jankari

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फसल में लकड़ी की राख का प्रयोग करें या नहीं(2023)

फसल में लकड़ी की राख का प्रयोग करें या नहीं:- नमस्कार किसान साथियों, फसल में लकड़ी की राख का उपयोग करें या ना करें। या फिर लकड़ी की राख का इस्तेमाल हम फसल में किस प्रकार कर सकते हैं, और किन-किन फसलों में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके बारे में पूरी जानकारी नीचे दी गई है।

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लकड़ी को जलाने पर जो अवशेष बचते हैं वह राख कहलाते हैं। लकड़ी की राख में उपलब्ध तत्वों की मात्रा कई मानकों के आधार पर तय होती है। जैसे–
1.राख का आकार
2.तापमान
3.समय
4.लकड़ी का प्रकार
यह चारों मानक राख भौतिक और रासायनिक अवस्थाओं में काफी बदलाव ला सकते हैं।

राख के आकार आधार पर

जब राख महीन पाउडर के रूप में नहीं हो तो इसके दो कारण हो सकते हैं, या तो लकड़ी में कुछ मिलावट को जैसे पेंट, केमिकल या धातु की किले इत्यादि। या फिर हो सकता है कि वह ठीक से जली न हो, इसके राख कि सरचना में अंतर आना स्वाभाविक है।

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जलने के तापमान के आधार पर

राख को जलाने के तापमान के कारण इसमें अनेक बदलाव बड़ी तेजी से होते हैं। और आपको इन बदलावों को समझना बड़ा जरूरी है। जैसे– कुछ रिपोर्ट में आपको राख में सबसे ज्यादा कैल्शियम कार्बोनेट बताया जाएगा, और कुछ रिपोर्ट में सिर्फ कैल्शियम ऑक्साइड दिखाया जाएगा। लेकिन मजेदार बात तो यह है, दोनों सही है, क्योंकि इसके अंतर का मुख्य कारण तापमान है।
शुरुआत में जब लकड़ी जलती है, तो 750 डिग्री के नीचे तक लकड़ी कैल्शियम अपने कार्बोनेट रूप में रहता है। लेकिन 900 डिग्री के ऊपर कैल्शियम कार्बोनेट से परिवर्तित होकर ऑक्साइड फॉर्म में चला जाता है।
लेकिन प्राकृतिक तौर पर लकड़ी को जलाने पर तापमान मात्र 600 डिग्री के आस पास ही रहता है। इसलिए घरेलू राख में आपको मात्र कैल्शियम कार्बोनेट ही मिलेगा। इसी प्रकार ज्यादा तापमान पर पोटैशियम, सल्फर, कैल्शियम, सोडियम और कॉपर वाष्पित होने लगेंगे और रख से इनकी मात्रा भी घट जाएगी। लेकिन मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैगनीज, अल्मुनियम, आयरन और सिलिकॉन की मात्रा अधिक तापमान पर ज्यादा नहीं बढ़ती लेकिन अधिक तापमान पर सभी अपने ऑक्साइड रूप में ही होंगे।
इसी प्रकार 465 डिग्री सेल्सियस के ऊपर आर्सेनिक अपने ऑक्साइड रूप में परिवर्तित होकर वाष्पित हो जाते हैं। इसलिए तापमान बनने पर राख की मात्रा जरूर घटेगी।

समय के आधार पर बदलाव

जवाब लकड़ी को जलाते हैं और राख बुझने के बाद और राख को ठंडा होने के बाद भी राख सरंचना में बदलाव होते रहते हैं। यदि वह वातावरण के सीधे संपर्क में है। क्योंकि धीरे-धीरे समय के साथ राख में मौजूद ऑक्साइड अपने कार्बनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। और धीरे-धीरे समय के साथ राख का पीएच भी घट जाता है। इसके साथ धीरे-धीरे राख में फंसी गैसे भी निकलने लगती हैं। जिससे राख कम हानिकारक हो जाती है। लेकिन यह सब कुदरती तौर पर होने के लिए कई साल भी लग सकते हैं। इसलिए राख जितनी पुरानी हो, उतनी सुरक्षित होगी सीधे इस्तेमाल के लिए। वैसे राख का प्रयोग सीधे तौर पर नहीं करना चाहिए। निश्चित परिस्थितियों में ही राख का प्रयोग करना चाहिए। गर्म राख को कभी जिंक कोटेड और अल्मुनियम के बर्तन में रखें नहीं रखना चाहिए। क्योंकि राख रिएक्शन करके जहरीली गैस पैदा करती है। और यह आपकी सेहत के लिए हानिकारक होता है।

लड़की के प्रकार के आधार पर

अलग-अलग लकड़ी की राख कई रूप रंग और प्रकार की हो सकती है। कई परिस्थितियों के आधार पर जैसे हल्की लकड़ियां, पत्तियां, कम उम्र की कहानियां और बाहर की परत यानी छिलके में राख की मात्रा ज्यादा होगी और भारी लकड़ी में और अधिक उम्र की लकड़ी को जलाने से कम राख निकलेगी। इसलिए ठोस पुरानी लकड़ी की राख का इस्तेमाल खेत में उचित होता है।

राख में कौन–कौन तत्व पाए जाते है

1kg सूखी लकड़ी जलाने पर 4 से 18 ग्राम राख निकलेगी। जो लकड़ी के घनत्व का मात्र 6 से 10 परसेंट ही होगा। और इसमें तत्वों की मात्रा कुछ इस प्रकार होगी–
कार्बन 5% से 30%
कैल्शियम 7% से 33%
पोटैशियम 3% से 4%
मैग्नीशियम 1% से 4%
मैग्नीज 0.3% से 1.3%
फास्फोरस 0.5% से 1.4%
सोडियम 0.2% से 0.5% तक हो सकता है।
इनके साथ मोलिबेडनम, बोरोन, सल्फर, क्लोरीन, सिलिकॉन और जिंक आदि सूक्ष्म पोषक तत्व भी इसमें होते हैं। लेकिन साथ में हानिकारक तत्व जैसे आर्सनिक, कोडियम, क्रोमियम और निकल भी मौजूद होते हैं। इस पर कई शोधों में यह पाया गया है कि अगर लकड़ी में पेंट लगा है, या केमिकल का इस्तेमाल हुआ है। तो इन हानिकारक तत्वों की संख्या दुगनी हो जाती है। लेकिन इन हानिकारक तत्वों की मात्रा तय सीमा से कम ही होती है। लेकिन इसके लगातार प्रयोग से इन तत्वों की मात्रा मिट्टी में अधिक हो जाती है। जिससे मिट्टी की गुणवत्ता समय के साथ साथ खत्म हो जाएगी फल स्वरूप मिट्टी बंजर हो जाएगी। इसलिए आज भी ज्यादातर राख का इस्तेमाल सड़कें बनाने के लिए किया जाता है। ताकि यह कृषि योग्य भूमि को खराब ना करें। ताजे राख का pH 13 तक भी हो सकता है। इसलिए आपकी मिट्टी का pH लेवल ज्यादा है तो आपको राख का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

राख का प्रयोग में सावधानियां

राख का इस्तेमाल नए पौधे और अंकुरित बीजों पर नहीं करना चाहिए। इससे बीजों के जमाव में रुकावट आ सकती है। लेकिन कई लोग इसको सीधे पौधे में इस्तेमाल करने के लिए कहते हैं। इसमें मौजूद तत्वों का हवाला देकर लेकिन तत्वों के मौजूद होने और पौधे के उपलब्ध होने में बहुत ज्यादा अंतर होता है। यह सबसे बड़ी गलती है, जो हर कोई करता है। उदाहरण के तौर पर– हवा में सबसे ज्यादा नाइट्रोजन होता है,लेकिन फिर भी मिट्टी में हम सबसे ज्यादा नाइट्रोजन का इस्तेमाल करते हैं।

कोई भी खाद्य पदार्थ चाहे वह जैविक या रसायनिक हो उसे पर्याप्त मात्रा में घोलने पर जितना हिस्सा पानी में घुलेगा। पौधा हमेशा उससे कम ही लेता है। क्योंकि पौधा तो तत्वों को उनके घुलनशील अवस्था में ही ले सकता है। लेकिन घुलने वाले सभी तत्वों को पौधा ले यह जरूरी नहीं, क्योंकि पृथ्वी पर अब तक खोजे गए 118 तत्वों में से सिर्फ 17 तत्व पौधों के लिए जरूरी होते हैं। बाकी 101 तत्व पौधे के लिए बेकार हैं।

लेकिन इस घोलने वाले तरीके से आप मार्केट में उपलब्ध हर पदार्थ और इंटरनेट पर उपलब्ध किसी भी नुक्से से बनी साधारण खाद की साधारण जांच आप घर पर ही कर सकते हैं। इसके लिए आपको पहले सूखे पदार्थ का वजन और फिर उसे हल्के गर्म पानी में घोलना होगा और पानी को ठंडा होने के बाद बाकी बचे पदार्थ को छान कर सुखा लीजिए और फिर उसका वजन कीजिए वजन में अंतर ही अधिकतम मात्रा है, तत्काल उपलब्ध तत्वों की उस पदार्थ में।

राख के पानी में कौन–कौन से तत्व होते है

इसके अलावा राख को पानी से भी नहीं बुझाना चाहिए और बारिश में भी इसे नहीं रखना चाहिए। इससे उसमें उपलब्ध तत्व पानी में धुलकर बह जाते हैं। राख को पानी में घोलने पर पानी में आपको मुख्य तौर पर सोडियम कैल्शियम और पोटेशियम के कार्बोनेट और क्लोराइड मिलेंगे क्योंकि यही घुलनशील अवस्था में होते हैं। राख के पानी मे–
सोडियम क्लोराइड(नमक)
सोडियम कार्बोनेट(घुलने वाला सोडा)
पोटैशियम क्लोराइड(mop खाद)
पोटैशियम कार्बोनेट(पोटाश खाद)
कैलशियम क्लोराइड(कैल्शियम खाद)
कैलशियम कार्बोनेट(चुना पत्थर) होते हैं।
इसके अलावा हाइड्रोक्साइड भी होते हैं लेकिन ये बहुत कम मात्रा में होते हैं। सोडियम क्लोराइड (नमक) और सोडियम कार्बोनेट (घुलने वाला सोडा) यह दोनों अधिकतर पौधे के लिए हानिकारक होते हैं।

राख के पानी को शुद्ध करने का तरीका

राख के पानी को शुद्ध करने के लिए पहले राख और गर्म पानी बराबर मात्रा में लेना है। इसको किसी स्टील या मिट्टी के बर्तन में अच्छे से घोल लें। 1kg राख को 1 लीटर गर्म पानी में खोलना है, पानी को गर्म रहते हुए ही इसको छान लीजिए किसी पतले कपड़े से, यह प्रक्रिया आपको तीन बार करनी है। ताकि घुलनशील पदार्थ पूरी तरह से खुल जाए और पानी के साथ निकल जाए। गर्म पानी इसमें इसलिए लिया गया है, क्योंकि गर्म पानी में कई तत्वों की घुलनशीलता बढ़ जाती है।

राख से पोटाश बनने का तरीका

इस पानी को आपको स्टील या मिट्टी के बर्तन में तब तक उबालना है। जब तक पानी आधा सूख ना जाए, इस पानी को ठंडा करने पर आप पाएंगे। कि कुछ चीज नीचे बैठ गई हैं यह होगा वह वाशिंग सोडा जिसको छानकर हमें बाहर निकाल लेना है। वॉशिंग सोडा की घुलनशील तक गर्म पानी में ठंडे पानी की अपेक्षा 10 गुना से भी अधिक होती है। इसलिए गरम पानी ठंडा होने पर यह घुलनशील नहीं रहेगा। बाकी बचे पानी को आपको थोड़ा और गर्म कर लेना है, और फिर इसे ठंडा होने के लिए रख देना है। फिर से आप वही पाएंगे कुछ चीजें नीचे बैठ गई हैं। और फिर से आपको इसे छान लेना है। यह प्रक्रिया दो से तीन बार करनी पड़ेगी मायने यह रखता है, कि आप इस पानी को कितना शुद्ध करना चाहते हो और इसी पानी को पूरी तरीके से सुखा दिया जाए तो यह बन जाएगा पोटाश।लेकिन खेती में इस्तेमाल करने के लिए यह गाड़ा पानी पोटाश की अपेक्षा अधिक ताकतवर होगा। इस पानी का को आप राख का अर्क भी कह सकते हैं। यह एक शानदार जैविक वाटर सॉल्युएबल खाद होगी।जिसको आप स्प्रे द्वारा अपने खेत में दे सकते हैं। इसका NPK रेशा 0.0.4 के आस पास होगा। इसलिए सपरे में इसकी मात्रा 20G प्रति लीटर रखनी पड़ेगी। 1kg राख से 40 से 50 ग्राम पोटाश बनेगा और यदि इसमें पाउडर की मात्रा ज्यादा है, तो ये पूरे तरीके से शुद्ध नहीं है।

किसान भाइयों आपको यह मेरा लेख कैसा लगा कृपया कमेंट के माध्यम से मुझे बताइए। मेरा प्रयास आप तक सही और सटीक जानकारी पहुंचाना है। धन्यवाद

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FAQ

1.क्या राख से अच्छी खाद बनती है?
ans. राख से अच्छी खाद बनने के लिए हमें उसे शुद्ध करना पड़ेगा। आप राख को सीधा अपने खेत में प्रयोग नहीं कर सकते।
2. क्या हम पौधे में राख का इस्तेमाल कर सकते है?
ans. हम राख को सीधा पौधे में इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसके लिए रख को शुद्ध करना पड़ेगा।

Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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