फ़र्टिलाइज़र और पेस्टिसाइड के कम रिजल्ट मिलने के मुख्या कारण:- किसान साथियों नमस्कार, आजकल अधिकतर जमीनों में देखा जा रहा है, कि आप मिट्टी में जितने फर्टिलाइजर डालते हो। उनका आपको इतना अच्छा रिजल्ट देखने को नहीं मिलता। ऐसे ही आपको कीटनाशकों और फफूंदी नाशकों के रिजल्ट भी पहले से कम देखने को मिल रहे हैं। आपको अधिक मात्रा में इनका प्रयोग करना पड़ता है। इससे आपकी खादों और दवाइयां की लागत बढ़ गई है। और किसान को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसके लिए क्या करें, क्यों ऐसा हो रहा है। इस संपूर्ण के बारे में जानकारी के लिए कृपया पूरा लेख पढ़ें।
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फ़र्टिलाइज़र और पेस्टिसाइड के कम रिजल्ट मिलने के मुख्या कारण
फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड के कम रिजल्ट मिलने के मुख्य कारण है, आपकी मिट्टी में ऑर्गेनिक तत्वों की कमी होना। अगर अपने लंबे समय से हरी खाद या गोबर की खाद का अपने खेत में इस्तेमाल नहीं किया है। तो आपको यह कमी अधिक मात्रा में देखने को मिल सकती है। मित्र कीट हमारी फसल में लगने वाले रोगों से लड़ने में सहायता करते हैं। हमारी फसल में रोग जल्दी खत्म हो जाते हैं। ऐसे ही ऑर्गेनिक तत्व मिट्टी में दिए गए खादों को पौधे तक पहुंचाने का काम करता है। जिससे मिट्टी में सभी तत्व आसानी से पौधे तक पहुंच जाते हैं। विज्ञानकों के अनुसार केमिकल खादों और पेस्टिसाइड के इस्तेमाल से मिटटी में पढ़े आर्गेनिक तत्व अधिक मात्रा में प्रयोग होते है। क्यूंकि आर्गेनिक तत्वों के बिना ये खाद पौधे को नहीं मिल पाते। इनकी कमी भारत की अधिकतर जमीनों में देखने को मिलती है।
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पेस्टिसाइड और फ़र्टिलाइज़र के रिजल्ट लेने के लिए क्या करें
किसान साथियों आप फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड के अधिक रिजल्ट लेने के लिए नीचे बताए गए 2 से 3 काम कर सकते है। अगर आप इनमें से कोई एक भी काम कर लेते हो तो आपको 100% रिजल्ट देखने को मिलेंगे। यह काम अपने खेत में 2 साल में एक बार अवश्य करना चाहिए।
- किसान साथियों आप बरसात के मौसम में अपने खेत को खाली छोड़ सकते हैं। और उसकी लगातार जुताई करते रहें। इससे भी आपकी खेत की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है। आपको 4 से 5 साल में एक बार यह काम अवश्य करना चाहिए।
- आपको एक से दो साल बाद अपने खेत में गोबर की खाद या फिर वर्मी कंपोस्ट अवश्य डालना चाहिए। इसके आपको काफी बेहतर रिजल्ट देखने को मिलते हैं। और आपकी मिटटी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है।
- खेतों में हरी खाद की बिजाई अवश्य करें। हरी खाद में ढांचा और मूंग की फसल मुख्य रूप से बिजाई की जाती है। इसकी बिजाई आप गेहूं कटाई के तुरंत बाद कर सकते हैं। ढांचे को अपने 55 से 60 दिन पर जुताई कर देनी चाहिए। अगर आप हरी खाद की जुताई से पहले वेस्ट डी-कंपोजर को खेत में छिड़काव करके उसकी जुताई करते हैं। तो इसके आपको और भी बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं।
- बरसात के मौसम में आपको खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए। इससे आपकी मिटटी में नीचे वाले मित्र किट जमीन के ऊपर आया जायेंगे।
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