इस वैज्ञानिक तरीके से करें गेहूं बिजाई से पहले बीज उपचार। F.I.B तरीके से करें बीज उपचार। फफूंदनाशक से बीज उपचार। कीटनाशक से बीज उपचार। जीवाणु से बीज उपचार। गेहूं की बजाई का तरीका। गेहूं से अधिक पैदावार लेने के लिए ये काम करें। Treat seeds using F.I.B method.
गेहूं में बिजाई के तुरंत बाद खरपतवारों को उगने से रोकने वाली इस सस्ती दवाई का इस्तेमाल करें
किसान साथियों नमस्कार, गेहूं की बिजाई शुरू हो चुकी है। गेहूं की अगेती बजाई 25 अक्टूबर से 5 नवंबर तक, समय पर बजाई 5 नवंबर से 20 नवंबर तक, और पिछेती बजाई 20 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलती रहती है। कुछ किसानों ने गेहूं की बिजाई करना आरंभ कर दिया है। गेहूं की बिजाई करते समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। जिससे हमारी फसल रोगों से बची रहे और हमें अच्छी पैदावार मिले। गेहूं बिजाई करते समय बीज उपचार बहुत महत्वपूर्ण है। बीज उपचार करने से हमारी गेहूं की फसल में फंगस जनित और कीट जनित बीमारियां कम लगती हैं। बीज उपचार में फूफंदी नाशक, कीटनाशक और जीवाणुनाशक की परत बीज के ऊपर चढ़ा देते है। जिससे बीज में किसी प्रकार का कोई रोग नहीं लगता। गेहूं में बजाई करते समय बीज उपचार करने का सही तरीका नीचे से जानें-
बीज उपचार करने का F.I.B तरीका
F.I.B का मतलब फंगीसाइड, इंसेंटिसाइड और बैक्टीरियासाइड यानी फूफंदी नाशक से बीज उपचार, कीटनाशक से बीज उपचार और जीवाणुनाशक से बीज उपचार करना। इसमें सबसे पहले आपको फफूंदी नाशक से, उसके बाद कीट नाशक से और बाद में जीवाणु नाशक से इन तीनों से बीज उपचार करना चाहिए। इस प्रकार बीज उपचार करने से बीजों का जमाव अच्छा होगा और उसमें किसी प्रकार का फंगस जनित या कीट जनित रोग नहीं लगेंगे। बीज उपचार करने का ये तरीका सबसे अच्छा है। इन तरीकों से बीज उपचार करने के लिए आप नीचे बताई गयी दवाइयों का इस्तेमाल कर सकते है।
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फफूंदनाशक से बीज उपचार
गेहूं का बीज उपचार करने के लिए आप बाविस्टिन (कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू.पी) 3 ग्राम प्रति 1 किलो बीज या फिर टेबुकोनाज़ोल 2% डीएस 2 ग्राम प्रति 1 किलो बीज के लिए ले सकते हैं। फफूंदी नाशक से बीज उपचार करने से बीज और पौधे को फंगस जनित बीमारियां नहीं लगेंगे। इसके इस्तेमाल से बीजों का जमाव भी अच्छा होगा।
कीटनाशक से बीज उपचार
कीटनाशक से बीज उपचार करने से मिट्टी में लगने वाले कीड़े जैसे-दीमक आदि की रोकथाम आसानी से हो जाती है। इसके लिए आप थियामेथोक्सम 30% एफएस 2ml प्रति 1 किलोग्राम बीज या फिर क्लोरपाइरीफॉस 20% ईसी 2ml प्रति 1 किलोग्राम बीज के लिए प्रयोग कर सकते हैं।
जीवाणु से बीज उपचार
जीवाणु से बीज उपचार करने से आपके बीजों का जमाव अच्छे से होता है। मिटटी में पड़े फॉस्फोरस और कार्बन तत्वों को जीवाणु घोल कर बीजों को लेने में मदद करते है, जिससे बीजों का जमाव अच्छे से और जल्दी होता है। जीवाणु से बीज उपचार करना जरूरी होता है। जीवाणुओं से बीज उपचार करने के लिए आप एजोटोबेक्टर या फिर पीएसबी कल्चर (फ़ॉस्फ़ेट घुलनशील बैक्टीरिया) या फिर ह्यूमिक एसिड से बीज उपचार कर सकते हैं।
नोट- बीज उपचार करते समय बीज और दवाई को पर्याप्त मात्रा में मिले। ताकि बीज और मिटटी को कोई नुकसान ना हो।
जो किसान भाई इस तरीके से अपनी गेहूं के बीज को उपचार करते हैं। उनकी फसल में रोग कम लगते हैं, और पैदावार अधिक निकलती है। इसलिए सभी किसानों को बीज उपचार आवश्यक करना चाहिए। धन्यवाद!
FAQ
बीज उपचार कितने दिन पहले करना चाहिए?
बीज उपचार बीज बोन के 1 घण्टे पहले करें तो जय अच्छा रहता है। लेकिन बीज उपचार के तुरंत बाद भी बीज को बो सकते है।
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