बंपर पैदावार के लिए इस समय करें गेहूं की बिजाई(2023):Right time to sow wheat

By Kheti jankari

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बंपर पैदावार के लिए इस समय करें गेहूं की बिजाई(2023)

बंपर पैदावार के लिए इस समय करें गेहूं की बिजाई(2023)। Right time to sow wheat.गेहूं बिजाई करने का सही समय। पहले चरण- गेहूं की अगेती बजाई। दूसरा चरण- गेहूँ की समय पर बजाई। तीसरा चरण- गेहूं की पिछेती बजाई। ऐसे करें गेहूं की बजाई। गेहूं की बजाई कब करें।

PBW UNAT-343 Wheat Variety

किसान साथियों नमस्कार, फसलों की बुवाई को लेकर किसानों के मन में कई तरह के शंकाएं रहती हैं। जैसे कौन से बीज की बजाई करें, बजाई कब करें और बजाई किस विधि से करें। गेहूं के किसानों के लिए भी इस तरह की समस्या आम रहती है। लेकिन गेहूं की बिजाई एक लंबे समय तक चलने वाली बजाई है। गेहूं की बिजाई लगभग 60 दिन तक चलती रहती है। गेहूं की विभिन्न तरह की किस्में आपको बाजार में देखने को मिलती मिलती हैं। कुछ किस्में जल्दी पकती हैं, और कुछ किस्में अधिक समय में पकती हैं। ऐसे ही हमें अधिक समय में पकने वाली किस्म को जल्दी और कम समय में पकने वाली किस्म की लेट तक बजाई कर सकते हैं। जैसे-जैसे गेहूं की बिजाई में देरी होती है, गेहूं की पैदावार घट जाती है। क्योंकि मार्च के महीने में गर्म हवाएं दाने को सुकड़ कर पैदावार को कम कर देती हैं। जिससे दाने का वजन कम हो जाता है। अगर आपकी फसल पकने में ज्यादा समय लेती हैं तो वह मिट्टी से सभी तरह के खाद और न्यूट्रिशन को पर्याप्त मात्रा में ग्रहण करती हैं, और भरपूर पैदावार मिलती है।

गेहूं बिजाई करने का सही समय

गेहूं की बिजाई हम तीन चरणों में करते हैं- पहले चरण अगेती बजाई के लिए, दूसरा चरण समय पर बिजाई के लिए और तीसरा चरण पिछेती बिजाई के लिए। पहले चरण में हम उन किस्मों का चयन करना चाहिए हैं, जो पकने में अधिक समय लेती हैं। दूसरे चरण में हम मध्य समय में पकने वाली किस्म का प्रयोग करते हैं, और तीसरा चरण में हम कम समय में पकने वाली किस्म का प्रयोग करते हैं। गेहूं की बजाई करने के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तक होता है।

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पहले चरण- गेहूं की अगेती बजाई

गेहूं की बिजाई का पहला चरण 25 अक्टूबर से 10 नवंबर तक होता है। इस चरण में हम अधिक समय में पकने वाली गेहूं किस्म का प्रयोग करते हैं। जैसे- DBW- 303, DBW- 327, DBW- 332, और HD-2967 इत्यादि। यह गेहूं किस्में पकने में 150 दिन से 160 दिन का समय लेती हैं। इसलिए मार्च में चलने वाली गर्म हवाओं से बचाने के लिए इन्हें अगेती बिजाई करनी जरूरी है। अगेती बजाई की गई किस्में सबसे अधिक पैदावार निकाल कर देती हैं। क्योंकि इन्हें मिटटी से खाद और पानी लेने के लिए पर्याप्त मात्रा में समय मिल जाता है।

दूसरा चरण- गेहूँ की समय पर बजाई

गेहूं की बिजाई का दूसरा चरण 11 नवंबर से 25 नवंबर तक होता है। इस चरण में गेहूं की उन किस्मों का चयन किया जाता है। जो माध्यम समय में पकती हैं, यानी 130 से 140 दिन में पकने वाली किस्मों की इस समय बिजाई की जाती है। कुछ किसान भाई इस समय अगेती किस्मों की भी बजाई करते हैं। लेकिन वह इतनी अच्छी पैदावार निकाल कर नहीं देती। इस समय बिजाई करने पर आपकी गेहूं की फसल सबसे अधिक पैदावार देती है। क्योंकि यह गेहूं बिजाई करने का सबसे अच्छा समय है। इस समय गेहूं की बिजाई करने के लिए अनुकूल वातावरण रहता है। इस समय बीज में जमाव अच्छा रहता है, और पैदावार अधिक निकलती है। इस समय किसान भाई सबसे अधिक गेहूं की बिजाई करते है।

तीसरा चरण- गेहूं की पिछेती बजाई

गेहूं की बिजाई का तीसरा चरण 26 नवंबर से 20 दिसंबर तक रहता है। इस समय गेहूं की उन किस्म का चयन किया जाता है। जो सबसे कम समय में पकती हैं। जैसे श्रीराम-111, श्रीराम-231 और HD-2851 यह किस्में पकने में 115 से 125 दिन का समय लेती है। यह किस्मे समय और अगेती बजाई में अच्छी पैदावार निकल के नहीं देती। जिन किसान भाइयों ने गन्ने की खेती करते हैं, वह गन्ना कटाई के बाद दिसंबर में गेहूं की बिजाई करते हैं। तीसरे चरण में बजाई करने के लिए हमें सबसे कम समय में पकाने वाले किस्म का चुनाव करना चाहिए। इस समय अगर आप समय पर अधिक समय पकाने वाली किस्म का चुनाव करते हैं। तो वो किस्में पैदावार निकाल कर नहीं देती।

नोट-किसान भाई गेहूं की बिजाई करते समय बीज उपचार फफूंदीनाशक और कीटनाशक से अवश्य करें।

अगर आप अच्छी पैदावार लेना चाहते हैं, तो गेहूं बिजाई के समय बीजों का चुनाव समय के हिसाब से करें। ताकि आपकी फसल समय पर पक कर तैयार हो जाये और आपको अधिक पैदावार निकाल कर दे। धन्यवाद!

FAQ

गेहूं की बुवाई के कितने दिन बाद पानी देना चाहिए?
गेहूं बजाई के 20 से 25 दिन पर पहला पानी देना चाहिए। अगले पानी हमे 20 से 25 दिन के अंतराल पर देते रहना है।

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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