गन्ना के बीज का उपचार कैसे करें, संपूर्ण जानें:How to do seed treatment in sugarcane sowing

By Kheti jankari

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गन्ना के बीज का उपचार कैसे करें

गन्ना के बीज का उपचार:- किसान साथियों नमस्कार, आजकल गन्ने की फसल में कीट और फंगस रोग काफी अधिक मात्रा में लगते हैं। कीट और फंगस रोगों से बचाव के लिए किसान साथी गन्ना बिजाई के समय कीटनासकों और फफूंदीनासकों को खाद में मिलाकर खूडों में प्रयोग करते हैं। लेकिन गन्ने में बुवाई के समय बीज उपचार भी उतना ही जरूरी है, जितना गन्ना बिजाई के समय कीटनासकों और फफूंदीनासकों का प्रयोग। गन्ने की फसल में अधिक उपज और बेहतर गुणवत्ता प्रदान करने के लिए बीज उपचार बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। गन्ना बिजाई से पहले बीज उपचार करने से बीमारियों और कीट रोगों से बचाव होता है, और फसल का विकास भी अच्छा होता है। गन्ने में अच्छे जमाव के लिए बीज उपचार सबसे ज्यादा जरूरी होता है। गन्ने की फसल में बीज उपचार कैसे करें, इस बारे में जानकारी आपको नीचे इस लेख में बताई गई है।

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गन्ना के बीज उपचार से पहले सावधानियां

किसान साथियों गन्ने के बीज का उपचार करने से पहले आपको कुछ सावधानियां अपनानी पड़ेगी। जिससे आपकी गन्ने की फसल का जमाव अच्छे से हो और बीज उपचार करने का आपको पूरा लाभ मिले।

  • गन्ने का बीज ऐसे खेत से लें, जिसमें किसी प्रकार का कोई फंगस या कीट रोग देखने को ना मिले।
  • गन्ना बुवाई में गन्ने के ऊपरी आधे हिस्से का प्रयोग करें, नीचे वाले आधे हिस्से को गन्ना मिल में भेज दें।
  • गन्ना बुवाई में एक या दो आंख के टुकड़े का प्रयोग करें।
  • 8 से 9 महीने पुराने गन्ने का ही बीज प्रयोग करें।
  • जैविक और रासायनिक बीज उपचार अलग-अलग करें। दोनों के बीच कम से कम 24 घंटे का अंतराल रखें।
  • गन्ने की ऐसी किस्म का चुनाव करें, जिसमें रोग कम मात्रा में लगते हो।
  • गन्ना उपचार के बाद बुवाई में जल्दी ना करें, क्योंकि इससे आंख को नुकसान हो सकता है।
  • गन्ना बिजाई में रासायनिक खादों और जैविक खादों का प्रयोग करें। जिस मिट्टी की उर्वरक शक्ति बनी रहे।

गन्ना के बीज का उपचार कैसे करें

किसान साथियों गन्ना बुवाई में बीज उपचार आप रासायनिक तरीके और ऑर्गेनिक तरीके दोनों से कर सकते हैं। दोनों तरीके से बीज उपचार करने के तरीके नीचे बताए गए है।

रासायनिक तरीके से बीज उपचार

रासायनिक तरीके से बीज उपचार की बात करें, तो इसमें आपको फफूंदी जनक रोगों से बचाव के लिए कार्बेन्डाजिम (Carbendazim) 50 WP की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर या मेंकोजेब (Mancozeb) की 2.5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर और कीट रोगों से बचाव के लिए आपको क्लोरोपाइरीफॉस 20 ईसी 4ml मात्रा प्रति लीटर या फिर थियामेथोक्साम 2ml मात्रा प्रति लीटर को आपस में घोल बनाकर। इसमें गन्ने के टुकड़ों को 10 से 15 मिनट तक डुबोकर रखें। इसके बाद आप अपने गन्ने की बुवाई कर सकते हैं।

ऑर्गेनिक तरीके से बीज उपचार

ऑर्गेनिक तरीके से बीज उपचार के लिए आप ट्राइकोडर्मा 5 ग्राम प्रति लीटर और इसके साथ गोमूत्र या नीम के तेल का घोल बनाकर। इसमें अपनी गन्न के टुकड़ों को 10 से 12 घंटे तक डुबोकर रखें। इसके साथ-साथ आप गन्ने के टुकड़ों को गर्म पानी में डुबोकर भी अपने गन्ने का बीज उपचार कर सकते हैं। इसके लिए आपको 52 डिग्री तापमान पर पानी को गर्म करके, इसमें अपनी गन्ने के टुकड़ों को 30 मिनट तक डालें। यह मुख्य रूप से लाल सड़न और फंगस रोगों के लिए प्रभावी होता है।

किसान साथियों आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी। कृपया कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और इसे आगे अन्य किसानों तक अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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