गन्ने में खरपतवार उगने से रोकने का आसान तरीका:Easy way to prevent weeds in sugarcane

By Kheti jankari

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गन्ने में खरपतवार उगने से रोकने का आसान तरीका

गन्ने में खरपतवार उगने से रोकने का आसान तरीका:- किसान साथियों नमस्कार, खेती में किसानों के लिए खरपतवार एक बड़ी समस्या शुरू से ही बनी हुई है। खरपतवार उगने से किसानों को आर्थिक लाभ तो होता ही है, इसके साथ-साथ उनका जमीन में पड़े खादों को भी खरपतवार ग्रहण करते हैं। जिससे पौधे को पूरा पोषण नहीं मिल पाता। गन्ने में अक्सर देखा जाता है, की गन्ने के जमाव से पहले ही खरपतवार उग जाते हैं। खरपतवार फंगस और कीट रोग फैलने का भी मुख्य कारण होता है। कीट और फंगस खरपतवारों में पनपते रहते हैं। जो धीरे-धीरे फसल में लगकर उसको नष्ट करने का काम करते हैं। आज मैं आपको गन्ने में खरपतवारों को उगने से रोकने के लिए कुछ तरीकों या दवाइयां के बारे में बताऊंगा। जिनका प्रयोग करके आप अपनी फसल से खरपतवारों को आसानी से नष्ट कर सकते है।

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गन्ने में खरपतवार उगने से रोकने का आसान तरीका

जो किसान भाई गन्ने की फसल उगाते हैं। उनके सामने खरपतवार एक मुख्य समस्या रहती ही है। गन्ना एक लंबे समय तक चलने वाली फसल है, और इसमें खरपतवार बार-बार उगते रहते हैं। गन्ने में मुख्य रूप से मोथा, दुब, पुदीना, और कुछ अन्य खरपतवार आदि मुख्य रूप से उगते हैं। कुछ खरपतवार तो गन्ना उगने से पहले ही खेत में उग जाते हैं, और आपकी फसल को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। आज मैं आपको इस लेख में कुछ ऐसी दवाइयां के बारे में बताऊंगा। जिनका प्रयोग करके आप अपनी गन्ने की फसल में खरपतवारों को उगने से रोक सकते हैं। इनके प्रयोग से लंबे समय तक खरपतवार नहीं होते।

गन्ने में आपको इन दवाइयां का बिजाई के समय प्रयोग करना पड़ता है।गन्ना बिजाई के तुरंत बाद अगर आप इन दवाइयां का छिड़काव कर देते हैं। तो आपकी फसल पर 70 से 80% तक खरपतवार नहीं उगते और जो खरपतवार उग भी जाते हैं। वह पनप नहीं पाते।

गन्ने में खरपतवार उगने से रोकने वाली मुख्य दवाइयां

गन्ने में खरपतवारों को उगने से रोकने के लिए आप गन्ना बिजाई के तुरंत बाद 1kg से 1.5kg एट्राजिन को 250 से 300 लीटर पानी में घोलकर अपनी गन्ने की फसल में प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव कर सकते हैं। इसके साथ ही अगर आप एट्राजिन का प्रयोग नहीं करना चाहते। या अपने अपने खेत पॉपलुर लगे हुआ है, तो आप पेंडीमेथालिन 30% ईसी की 2 लीटर मात्रा और 200 ग्राम सेंकोर को साथ में मिलकर प्रति एकड़ स्प्रे कर सकते हैं। इसके भी काफी अच्छे रिजल्ट आपको देखने को मिल जाते हैं। इन दोनों दवाइयों के इस्तेमाल करते समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। अगर आप सूखे में बिजाई करते है, तो आप पानी देने के बाद भी इनका छिड़काव कर सकते है।

नोट- किसान साथी अगर आप गन्ने के साथ कोई अन्य फसल यानी उड़द या मूंग की फसल उगाते हैं। तो आप इन दवाइयां का प्रयोग ना करें आप इनमें से केवल पांडा मैथिली 2 लीटर प्रति एकड़ के हिसाब से ही स्प्रे कर सकते हैं।

इन दवाइयां के रिजल्ट आपको तब तक देखने को मिलते हैं। जब तक आप अपने खेत में किसी प्रकार की निराई गुड़ाई या फिर उसमें हाल से जुताई नहीं करवाते। अगर आप हाल से या निराई गुड़ाई कर देते हैं, तो इनके रिजल्ट खत्म हो जाते हैं। क्योंकि यह मिट्टी के ऊपर एक परत बनाते हैं। जो टूट जाती है और खरपतवार जमने लगते हैं। आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी। कृपया कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और इसे आगे अन्य किसानों तक अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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