खेतों की फसलों को पशुओं से बचाने के देसी और आधुनिक उपाय:Indigenous and modern methods to protect crops from animals

By Kheti jankari

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खेतों की फसलों को पशुओं से बचाने के देसी और आधुनिक उपाय

खेतों की फसलों को पशुओं से बचाने के देसी और आधुनिक उपाय:- खेती-बाड़ी में मेहनत से उगाई गई फसलों को देखकर हर किसान का मन प्रसन्न होता है। दिन के समय तो इन लहलहाती फसलों की देखभाल और रखवाली आसानी से हो जाती है, लेकिन रात का समय किसानों के लिए चुनौती बन जाता है। अक्सर रात के अंधेरे में आवारा पशु खेतों में घुस आते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचा देते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए किसानों को रात-रात भर जागना पड़ता है, जिससे उनकी सेहत और समय दोनों प्रभावित होते हैं। लेकिन अगर कुछ देसी जुगाड़ और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए, तो न सिर्फ फसलों को पशुओं से बचाया जा सकता है, बल्कि किसानों को रात भर जागने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। आइए जानते हैं कुछ आसान और कारगर उपायों के बारे में।

देसी जुगाड़ से फसलों की सुरक्षा

  1. खेतों के चारों ओर मजबूत बाड़ लगाएं
    खेत की घेराबंदी करना सबसे पुराना और प्रभावी तरीका है। इसके लिए कटीले तार, मोटी रस्सियां या फिर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध लकड़ियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह बाड़ इतनी मजबूत होनी चाहिए कि बड़े जानवर जैसे गाय, भैंस या हिरण इसे पार न कर सकें। यह तरीका सस्ता और टिकाऊ है।
  2. पौधों को ढकने के लिए नेट या मेश का प्रयोग
    बाजार में आजकल पौधों को ढकने के लिए हल्के जाल या नेट आसानी से मिल जाते हैं। इनका इस्तेमाल करके छोटे पौधों को पक्षियों और छोटे जानवरों से बचाया जा सकता है। अगर पूरी फसल को ढकना हो, तो हल्की प्लास्टिक शीट या पारदर्शी कवर का उपयोग भी किया जा सकता है। यह न सिर्फ जानवरों से बचाता है, बल्कि मौसम की मार से भी फसलों को सुरक्षा देता है।
  3. प्राकृतिक गंध से जानवरों को भगाएं
    कुछ जानवर तेज गंध से डरते हैं। खेतों के किनारे मानव बाल, पुराने साबुन के टुकड़े या नीम की पत्तियों को बांधा जा सकता है। साबुन की तेज महक और इंसानी गंध से हिरण जैसे जानवर दूर भागते हैं। यह बेहद सस्ता और आसानी से उपलब्ध उपाय है।

आधुनिक तकनीक का सहारा

  1. मोशन-एक्टिवेटेड स्प्रिंकलर
    आजकल बाजार में स्मार्ट तकनीक से लैस स्प्रिंकलर उपलब्ध हैं, जो सिंचाई के साथ-साथ फसलों की रखवाली भी करते हैं। ये मशीनें गति को भांपकर पानी का छिड़काव शुरू कर देती हैं। जैसे ही कोई जानवर खेत के पास आता है, यह स्प्रिंकलर सक्रिय हो जाता है और पानी की बौछार से जानवर डरकर भाग जाता है। यह उपकरण कुछ हजार रुपये में मिल जाता है और लंबे समय तक चलता है।
  2. अल्ट्रासाउंड मशीनें
    अल्ट्रासोनिक तकनीक पर आधारित मशीनें भी फसलों की सुरक्षा के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। ये मशीनें ऐसी ध्वनि उत्पन्न करती हैं, जो इंसानों को सुनाई नहीं देती, लेकिन जानवरों के लिए परेशान करने वाली होती है। इसे खेत के कोनों में लगाकर पशुओं को दूर रखा जा सकता है।
  3. सेंसर वाली लाइटें
    खेतों के आसपास मोशन-सेंसर वाली लाइटें लगाना भी एक अच्छा उपाय है। जैसे ही कोई जानवर या इंसान खेत के पास आता है, ये लाइटें अपने आप जल उठती हैं। अचानक रोशनी होने से पशु डरकर भाग जाते हैं। यह तकनीक बिजली की बचत भी करती है।

ध्वनि का इस्तेमाल

खेतों में रेडियो या टेप रिकॉर्डर पर तेज आवाज में जानवरों को डराने वाली रिकॉर्डिंग चलाई जा सकती है। शेर की दहाड़, कुत्तों के भौंकने की आवाज या इंसानी शोर वाली रिकॉर्डिंग से पशु खेतों से दूर रहते हैं। यह तरीका आसान और प्रभावी है।

फसलों को आवारा पशुओं से बचाना किसानों के लिए बड़ी चुनौती है, लेकिन देसी जुगाड़ और आधुनिक तकनीकों के मिश्रण से इस समस्या का समाधान संभव है। ये उपाय न सिर्फ फसलों की रक्षा करते हैं, बल्कि किसानों को रात में चैन की नींद सोने का मौका भी देते हैं। सही योजना और थोड़े से निवेश से किसान अपने खेतों को सुरक्षित रख सकते हैं और आर्थिक नुकसान से बच सकते हैं। तो क्यों न इन तरीकों को आजमाकर देखा जाए और खेती को और आसान बनाया जाए?

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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