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कावेरी-471 धान किस्म की विशेषताएं:kaveri 471 paddy seeds

कावेरी-471 धान किस्म:- भारत में बीज बनाने वाली कंपनियों में कावेरी सीड्स का काफी अच्छा ...

गन्ने में मोथा घास को जड़ से खत्म कैसे करें:medicine to root out motha grass

गन्ने में मोथा घास को जड़ से खत्म कैसे करें:- किसान साथियों नमस्कार, गन्ना एक ...

सवा-7501 धान किस्म की विशेषताएं:Sava-7501 Paddy seeds

सवा-7501 धान किस्म की विशेषताएं:- किसान साथियों नमस्कार, धान की किस्मों की बात करें, तो ...

गन्ने में कल्लों के फुटाव के लिए सबसे दमदार दवाई:गन्ने में एथ्रेल का प्रयोग

गन्ने में एथ्रेल का प्रयोग:- किसान साथियों नमस्कार, प्रत्येक किसान यह चाहता है, कि उसकी ...

कपास में पानी देने का सही तरीका:कपास में कितनी बार पानी देना चाहिए

कपास में पानी देने का सही तरीका:- किसी भी फसल में पानी देने का तरीका ...

कपास में खाद कैसे डालें:कपास में खाद डालने का सही तरीका, How to fertilize cotton

कपास में खाद कैसे डालें:- किसान साथियों नमस्कार, किसी भी फसल में सही समय पर ...

MR-8222 हाइब्रिड धान किस्म:गिरने के प्रति सहनशील, मुख्या विशेषताएं जानें

MR-8222 हाइब्रिड धान किस्म:- किसान साथियों नमस्कार, धान्य सीड्स जो टाटा का एक उत्पाद है। ...

मक्का का सबसे खतरनाक कीट रोग:समय पर कंट्रोल जरूरी, सावधान रहे किसान

मक्का का सबसे खतरनाक कीट रोग:- किसान साथियों नमस्कार, मक्का की बिजाई लगभग पूरे भारत ...

सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण करने का सही तरीका:बेस्ट खरपतवार नाशक, किस समय प्रयोग करें, संपूर्ण जाने

सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण करने का सही तरीका:- सोयाबीन एक ऐसी फसल है। जिसमें खरपतवारों ...

सोयाबीन की खेती कैसे करें:सही समय, कौन सा खाद डालें, बीज मात्रा, संपूर्ण जाने

सोयाबीन की खेती कैसे करें:- सोयाबीन की खेती सबसे अधिक मात्रा में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश ...

मक्का में खरपतवार नाशकों का प्रयोग करते समय ध्यान रखने योग्य मुख्य बातें:Main precautions while using herbicides in maize

मक्का में खरपतवार नाशकों का प्रयोग करते समय ध्यान रखने योग्य मुख्य बातें:- मक्का की ...

मक्का में खरपतवार नियंत्रण की सबसे बेस्ट दवाइयां:Main herbicides in maize

मक्का में अलग-अलग प्रकार के सकरी पत्ती वाले खरपतवार पाए जाते हैं। इन सकरी पत्ती वाले खरपतवारों को नष्ट करने के लिए कई प्रकार की दवाइयां बाजार में मिलती है। इनमें मुख्य रूप से लौडिस (बयार), टाइनज़र (बास्फ़) और एट्राज़िन का इस्तेमाल किया जाता है।

गर्मियों में ककड़ी की खेती कैसे करें:how to cultivate cucumber

ककड़ी की खेती कड़ी एक बेल वर्गीय फसल है। जिसकी बिजाई आप फरवरी, मार्च और अप्रैल के महीने में कर सकते हैं। ककड़ी की फसल बहुत ही कम खर्चे में तैयार होती है। आप इससे एक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसके बाजार भाव 20रु 40रु किलो तक आसानी से मिल जाते हैं। ककड़ी सलाद के रूप में भारत में काफी अधिक मात्रा में प्रयोग की जाती है। लगभग हर क्षेत्र में ककड़ी की खेती भी जाती है। ककड़ी की खेती करने के लिए 25 से 35 डिग्री तक का तापमान सबसे अच्छा रहता है।

गन्ना बिजाई की पेट्रो विधि:Petro method of sugarcane sowing

इस विधि में किसान सामान्य हाल से 28 इंच से 30 इंच पर खूड़ निकल कर, दो खूडों की बिजाई करते हैं, और एक खूड़ को बीच में छोड़ देते हैं। ऐसे ही पूरे खेत की बिजाई की जाती है। इस विधि का प्रबंधन आप बहुत आसानी से कर सकते हो। सामान्य विधि से बजाई वाला यंत्रों से इसके सभी कार्य हो जाते हैं, और इसकी पैदावार भी काफी अच्छी निकलती है। इस समय काफी किसान इस विधि से बिजाई करने लगे है।

प्याज में कंद का साइज बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण खाद:Important fertilizer to increase the size of onion

प्याज में कांड का साइज बढ़ाने के लिए हमें दो से तीन खादों का प्रयोग करना है। इसमें पहले खाद के रूप में हम कैल्शियम नाइट्रेट 20 से 25 किलोग्राम प्रति एकड़, बोरोन एक किलोग्राम प्रति एकड़ और इसके साथ NPK 12-32-16 50 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से लेकर आपस में मिलकर अपने खेत में छिड़काव कर सकते हैं। यह खाद डालने से आपके सभी पोषक तत्वों की पूर्ति आसानी से हो जाती है। कैल्शियम नाइट्रेट जमीन में पड़े तत्वों को पौधे तक पहुंचने का कार्य करता है। बोरोन आपके प्याज को मजबूत बनाता है और उसका छिलका उतारने की प्रॉब्लम को भी दूर करता है। आपको यह कार्य 90 से 100 दिन पर कर देना चाहिए। जिससे पौधे 30 से 40 दिन तक लगातार इस खाद का प्रयोग कर सके और अपने खाद कंद को अच्छे से बढ़ा सकें।

डब्ल्यूएच-1402 गेहूं किस्म की विशेषताएं:रेतली मिटटी और कम पानी में बम्पर उत्पादन:WH-1402 wheat variety

कृषि वैज्ञानिक डॉ ओमप्रकाश बिश्नोई के अनुसार डब्ल्यूएच-1402 गेहूं किस्म दो पानी में भी रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन देने की क्षमता रखती है। यह गेहूं किस्म रेताली मिट्टी में भी काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। इस गेहूं किस्म में पहला पानी 20 से 25 दिन पर और दूसरा पानी 80 से 85 दिन पर देना है।

PDN-15012 गन्ना किस्म की विशेषताएं:PDN-15012 Sugarcane Variety Characteristics

भारत में गन्ना उत्पादन की बात करें, तो महाराष्ट्र में यूपी बाद सबसे ज्यादा गन्ने ...

शिमला मिर्च में खेत तैयारी के समय मुख्य खाद:कृषि वैज्ञानिक ने बताया कैसे करें खेती, संपूर्ण जानें:Main fertilizer at the time of sowing of capsicum

शिमला मिर्च में हमें बिजाई के समय नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का एक मिक्सर देना पड़ता है। इसको आप कहीं तरीके से दे सकते हैं। आप अपने खेत की गहरी जुताई कराकर। उसमें वर्मी कंपोस्ट या चार ट्रॉली गोबर की खाद अवश्य डालें। ताकि खेत में ऑर्गेनिक कार्बन की पूर्ति हो सके। इसके बाद आप अपने खेत की आखिरी जुताई कर सकते हैं। मिट्टी को भूरपुरी बना लें। इसके बाद बेड बनाकर आप उसमें 50 किलोग्राम डीएपी, 25 किलोग्राम पोटाश और 25 किलोग्राम कैल्शियम नाइट्रेट को आपस में मिलाकर बेड पर छिड़काव कर दें और उसके बाद आप अपनी मिर्च की पौध की रोपाई कर सकते हैं।