farming

एक आंख के गन्ने की बिजाई करते समय मुख्य सावधानियां:Main precautions while planting single eyed sugarcane

एक आंख के गन्ने की बिजाई करते समय हमें कुछ सावधानियां का इस्तेमाल करना पड़ता है।षि वैज्ञानिक भी एक आंख के गन्ने की बिजाई करने की सिफारिश करते है। एक आंख के गन्ने की बिजाई करते समय किसान अक्सर कुछ गलतियां कर बैठते हैं। जिससे उनका 100% तक जमाव नहीं होता और उनकी पैदावार कहीं ना कहीं घट जाती है।

मूंग की 5 टॉप किस्में:गर्मी में बिजाई के लिए सबसे अच्छी मूंग किस्में:Top 5 varieties of moong

मूंग की बिजाई की बात करें, तो मूंग की बिजाई जायद और रबी दोनों सीजन में की जाती है। जायद का सीजन गर्मी वाला यानी के मार्च अप्रैल वाला मौसम होता है। मूंग एक दलहनी फसल है। जिसको दाल के रूप में प्रयोग किया जाता है। कुछ किसान इसकी बिजाई हरी खाद के लिए भी करते हैं। मूंग की काफी सारी किस्में बाजार में आपको देखने को मिल जाती है। जो किसानों को काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। यह किस्में एक साथ पकाने वाली किस्म है। इनमें कुछ फलियां आगे पीछे नहीं पकती और किसान भाई इससे काफी अच्छी पैदावार ले रहे हैं।

मक्का की टॉप 5 हाइब्रिड किस्में:Top 5 hybrid varieties of maize

मक्का एक ऐसी फसल है। जिसकी बिजाई पूरे वर्ष भर की जाती है। मक्का की खेती भारत के लगभग सभी हिस्सों में की जाती है। आजकल मक्का के काफी ज्यादा रेट भी बाजार में देखने को मिल रहे हैं। मक्का से इथेनॉल बनाया जाता है। जिसकी बाजार में काफी ज्यादा डिमांड है। जो तेल में मिक्स होकर प्रयोग होता है। मक्का की तरफ किसानों का रुझान बढ़ता जा रहा है। क्योंकि इसकी बाजार में मांग भी काफी बढ़ी है।

भिंडी की टॉप 5 किस्में:Top 5 varieties of Ladyfinger

किसी भी फसल से हमें अच्छी पैदावार के लिए एक अच्छी किस्म का चुनाव करना पड़ता है। क्योंकि किस्म से ही आपकी पैदावार कम या ज्यादा हो सकती है। भिंडी की भी हमें ऐसी ही किस्म की बिजाई करनी चाहिए। जो हमें अधिक उत्पादन निकाल कर दें। भिंडी किस्म का चयन करते समय हमें दो-तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले आपको ऐसी किस्म का चयन करना है, जो रोग प्रतिरोधक हो। जिसमें रोग बहुत कम मात्रा में लगते हो। दूसरा भिंडी ऐसी किस्म का चयन करें, जिसका बाजार भाव अन्य किस्म के मुकाबले अधिक मिलता हो और तीसरा भिंडी की किस्म लम्बे लंबे समय तक फल देने वाली हो।

मक्का में खरपतवार नियंत्रण करने का सही तरीका:मक्का में खरपतवार के नुक्सान से कैसे बचें:weed control in maize

मक्का की बिजाई कुछ किसानों ने शुरू कर दी है, और कुछ किसान बिजाई करने वाले हैं। खेती में खरपतवार एक मुख्य समस्या शुरू से ही रही है। इसमें आप किसी भी फसल की बात करें, तो उसमें खरपतवार काफी जो ज्यादा नुकसान करते हैं। आप जो खादो और न्यूट्रिशन को मिट्टी में देते हैं, उनको खरपतवार ग्रहण करके आपकी फसल को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे ही मक्का की फसल में भी खरपतवार बिजाई के तुरंत बाद ही उगने लग जाते हैं, और कई बार तो मक्का उगने से पहले ही खरपतवार इतने बड़े हो जाते हैं। कि वह आपकी फसल को काफी ज्यादा नुकसान करते हैं।

COPB-95 अर्ली गन्ना किस्म की विशेषताएं(2023)|COPB-95 Early Sugarcane Variety

गन्ना एक प्रमुख व्यावसायिक फसल है। जो विषम परिस्थितियों में भी किसानों को एक अच्छी पैदावार निकाल के देती है। गन्ने की खेती अपने आप में सुरक्षित और लाभकारी खेती होती है। दोमट मिट्टी जिसमें सिंचाई की उचित व्यवस्था हो। और भूमि का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच हो गन्ने के लिए सर्वोत्तम रहती है। गन्ने की फसल में अधिक पानी की जरूरत होती है। होती है। गन्ना चीनी का मुख्य स्रोत है। लगभग पूरे भारत में गन्ने की खेती की जाती है।

प्याज में तीसरा मुख्या स्प्रे:Third main spray in onion

प्याज की फसल में इस समय कीट जैसे-थ्रिप्स और मच्छर का प्रकोप काफी अधिक मात्रा में देखा जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में हल्की-फुल्की बारिश होने से इसमें फंगस रोग भी देखे जा रहें हैं। खेत और मौसम में नमी होने पर फंगस रोग अधिक मात्रा में फैलते हैं। प्याज के नीचे वाली पत्तियां ऊपर से नीचे की ओर धीरे-धीरे सुखना शुरू करती हैं। यह फंगस पूरे पौधे मैं फैल जाती है। इसलिए इस समय हमें फफूंदीनाशक का प्रयोग भी करना पड़ता है।

गन्ना नर्सरी:कैसे है लाभकारी,संपूर्ण जाने, प्रगतिशील किसानों की पहली पसंद क्यों बना ये तरीका:Benefits of preparing sugarcane nursery

गन्ने की वैसे तो अनेक विधियां देखी जाती हैं, और उनसे गन्ने की बिजाई भी किसान लंबे समय से करते आ रहे हैं। लेकिन पिछले 1 से 2 सालों में गन्ना नर्सरी तैयार करने का चलन काफी बढ़ गया है। गन्ना नर्सरी से बिजाई करने पर किसानों को काफी ज्यादा लाभ भी देखने को मिल रहे हैं। गन्ना नर्सरी क्यों लाभकारी है, अगर इस पर बात करें तो इसके अनेक लाभ हैं। जो आप नीचे इस लेख में बताये गए है। प्रगतिशील किसान इस समय गन्ने की नर्सरी से काफी अच्छी पैदावार ले रहे हैं।

गेहूं में पीला रतुआ रोग:Identification of yellow rust disease in wheat

गेहूं में रतुआ रोग एक मुख्य रोग है। गेहूं में रतुआ रोग कईं प्रकार का होता है। जो भूरा रतुआ, काला रतुआ और पीला रतुआ के नाम से जानें जाते है। रतुआ रोग एक फंगस जनित बीमारी हैं। रतुआ रोग हर वर्ष गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचता है। रतुआ रोग में सबसे प्रमुख पीला रतुआ रोग है, और यही सबसे अधिक मात्रा में फैलता है। सबसे अधिक नुकसान पीला रतुआ ही करता है। गेहूं में पीला रतुआ के फैलना की बात करें, तो इसके कई कारण होते हैं। जिसके कारण यह फैलता है।

CO-5011 गन्ना किस्म की विशेषताएं:CO-5011 Sugarcane Variety Characteristics

गन्ने की अनेक किस्म में अलग-अलग खूबियां पाई जाती हैं। जिसके कारण वह अलग-अलग क्षेत्र में काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देते हैं। वैज्ञानिकों ने 2016 में गन्ने की एक नई किस्म तैयार की थी। जो CO-5011 के नाम से प्रसिद्ध है। गन्ने की इसकी किस्म की काफी सारी विशेषताएं हैं। किसान भाई इस किस्म से काफी अच्छी पैदावार ले रहे हैं। इस गन्ना किस्म को बनाने में वैज्ञानिकों को 8 से 10 साल लगे हैं। यह अगेती गन्ना किस्म है।

पैड़ी गन्ने में पहला मुख्या खाद:अधिक कल्लों और मजबूत गन्ने के लिए मुख्या खाद:First main fertilizer in paddy sugarcane

आज इस लेख में आपको गन्ने में अच्छी और अधिक टेलरिंग के लिए कौन सी खाद का प्रयोग करना है, इस बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी। गन्ने की खेती के लिए जल निकास वाली 2 दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। जब हम पौधा गन्ने की बिजाई करते हैं। तो उससे किसानों को ज्यादा पैदावार देखने को मिलती है। लेकिन पैड़ी गन्ना में पैदावार थोड़ी घट जाती है। इसका मुख्य कारण होता है। कि शुरू में समय पर खादों का सही प्रयोग ना करना।

गन्ना बोने की वर्टिकल विधि:बंपर पैदावार का लेने का आसान तरीका:What is vertical method of sugarcane

गन्ने बिजाई की रोज नई-नई विधियां आपको देखने को मिल रही है। जिसमें मुख्य विधियां रिंग पिट विधि, ट्रैंच विधि और पौधा नर्सरी से गन्ने की बिजाई की जाती है। लेकिन गन्ने की एक नई विधि काफी प्रचलित है। यह विधि सबसे पहले यूपी के किसानों द्वारा अपनायी गयी थी। इसमें बीज कम मात्रा में लगता है। इस विधि से किसान बड़ी अच्छी पैदावार निकल के दे रहे है। गन्ने की यह विधि वर्टिकल विधि के नाम से जानी जाती है।

गन्ने की टॉप 10 किस्में:Top 10 varieties of sugarcane

गन्ने की अनेक इसमें भारत में बिजाई की जाती है। इनमें से कुछ किस्में किसान भाई लंबे समय से प्रयोग करते आ रहे हैं। लेकिन अब वह इतनी अच्छी पैदावार निकाल कर नहीं देती या ये कहें की नई-नई किस्में उनसे ज्यादा पैदावार निकाल कर देती हैं। पुरानी किस्मों में रोग भी बहुत कम मात्रा में लगते हैं।

गन्ने की खेती से अधिक पैदावार लेने के सिंपल तरीके:प्रगतिशील किसान का अनुभव:how get more yield from sugarcane farming

गन्ने की अनेक विधियों से बजाई की जाती है। लेकिन गन्ने की जो पुरानी और परंपरागत विधि है, उसमें किसान 28 इंच की दूरी पर बिजाई करते है। भारत के ज्यादातर किसान इसी विधि से बिजाई करते हैं। लेकिन अब कुछ किसान रिंग फिट विधि, वर्टिकल विधि और ट्रेंच विधि से भी गन्ने की बिजाई करने लगे हैं। आजकल गन्ने की पौध तैयार करके भी बिजाई की जाती है। गन्ने की लगभग सभी विधियां एक जैसी ही पैदावार निकाल कर देती हैं। 10% किसानों पर ही गन्ने की पैदावार अधिक निकलती है।

गेहूं में आखिरी सिंचाई कब करें:Things to keep in mind while doing last irrigation in wheat

गेहूं में पानी देने का तरीका आपकी पैदावार को बढ़ा या घट सकता है। जितना जरूरी फसल में खाद और न्यूट्रिएंट्स होते हैं। उतना ही जरूरी सही समय पर पानी को चलाना भी होता है। बाली बनने के समय पौधे को पर्याप्त मात्रा में नमी की आवश्यकता होती है। लेकिन फिर भी किसान अक्सर इस समस्या में गिरे रहते हैं। कि वह आखिरी पानी कब चलाएं या आखिरी पानी कब बंद करें। इसके लिए मैं आपको कुछ तरीका बताऊंगा। जिसको ध्यान में रखकर आप आखरी पानी दे सकते हैं।

गन्ने में खरपतवार उगने से रोकने का आसान तरीका:Easy way to prevent weeds in sugarcane

खेती में किसानों के लिए खरपतवार एक बड़ी समस्या शुरू से ही बनी हुई है। खरपतवार उगने से किसानों को आर्थिक लाभ तो होता ही है, इसके साथ-साथ उनका जमीन में पड़े खादों को भी खरपतवार ग्रहण करते हैं। जिससे पौधे को पूरा पोषण नहीं मिल पाता। गन्ने में अक्सर देखा जाता है, की गन्ने के जमाव से पहले ही खरपतवार उग जाते हैं। खरपतवार फंगस और कीट रोग फैलने का भी मुख्य कारण होता है। कीट और फंगस खरपतवारों में पनपते रहते हैं। जो धीरे-धीरे फसल में लगकर उसको नष्ट करने का काम करते हैं।

colk-15201 गन्ना किस्म की विशेषताएं:Indian Sugarcane Research Institute Lucknow variety

गन्ना वैज्ञानिक समय समय पर किसानों के लिए नई-नई किस्म बनाते हैं। जिससे किसान कम खर्चे में अधिक पैदावार ले सकें। गन्ने की कुछ पुरानी किस्म किसानों को काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देख रही हैं। लेकिन उनमें अब रोग अधिक मात्रा में देखने को मिलते हैं। जिससे किसानों का इन किस्म पर खर्च थोड़ा अधिक बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश के उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिकों ने गन्ने की एक नई किस्म बनाई है। जो colk-15201 के नाम से जानी जाती है। यह किस्म वर्ष 2023 में तैयार की गई थी

प्याज में बैंगनी धब्बा रोग (पर्पल ब्लॉच) की पहचान:Identification of fungus in onion

प्याज एक कंद वर्गीय फसल है। लेकिन इसमें रोग भी काफी अधिक मात्रा में देखे जाते हैं। आजकल अधिक नाइट्रोजन और रासायनिक खादों के प्रयोग से फसलों में रोग की मात्रा तो बढ़ ही गई है। लेकिन उनको रोकने के लिए भी तरह-तरह की दवाइयां बाजार में उपलब्ध रहती हैं। ऐसे ही प्याज का एक बहुत ही खतरनाक रोग है, जो बैंगनी धब्बा रोग (पर्पल ब्लॉच) के नाम से जाना जाता है। जब यह रोग आपको दिखाई देता है, इससे तीन से चार दिन पहले ही इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। किसान भाई इसका ध्यान तब देते हैं, जब यह पूरी तरह से फैल जाता है।