गन्ना बिजाई से पहले मिट्टी शोधन कैसे करें:- गन्ना एक ऐसी फसल है। जो 10 से 12 महीने में तैयार होती है। गन्ने की फसल पर किसानों का खर्च अधिक होता है। क्योंकि यह लंबे समय मैं तैयार होने वाली फसल है। पिछले सालों में गन्ने में पोका बोइंग, रेड रॉट और टॉप बोरर जैसे रोग लगातार देखने को मिल रहे हैं। इन रोगों की रोकथाम के लिए हमें बिजाई के समय से ही उपचार करने पड़ेंगे। तभी इन रोगों को पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है। आज मैं आपको गन्ने की बिजाई से पहले मिट्टी शोधन कैसे करें और इसके क्या-क्या फायदे हैं। इस बारे में संपूर्ण जानकारी आपको मिलेगी। कृपा पुरा लेख पढ़ें।
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गन्ना बिजाई से पहले भूमि उपचार के फायदे
गन्ने में लगने वाले अधिकतर फफूंदी नाशक और कीट रोग के कीटाणु मिट्टी में लंबे समय तक पड़े रहते हैं। यह आपकी मिट्टी में बिजाई के समय से पहले ही पनपते रहते हैं। भूमि उपचार करने से हमारी मिट्टी में पड़े कीटाणु मर जाते हैं। और फसल में कोई रोग नहीं लगता। भूमि उपचार हम जैविक कीटनाशकों और फफूंदीनाशकों के द्वारा करते हैं। गन्ने में लगने वाले रेड रॉट,पोका बोईंग और टॉप बोरर जैसे खतरनाक रोगों की रोकथाम के लिए भूमि उपचार सबसे अधिक जरूरी है। इस समय गन्ने की फसल में रोग काफी अधिक मात्रा में देखे जा रहे हैं। गन्ने की किस्म co-0238 तो रोगों से ग्रस्त हो चुकी है। हम भूमि उपचार करके ही अपनी फसल को रोगों से बचा सकते हैं।
गन्ना बिजाई से पहले मिट्टी शोधन कैसे करें
किसान साथियों मिट्टी शोधन हम ट्राइकोडर्मा पाउडर और स्यूडोमोनास पाउडर की सहायता से करते हैं। ट्राइकोडर्मा जैविक फफूंदीनाशक और स्यूडोमोनास फ्लूरसेंस जैविक कीटनाशक है। यह आपकी मिट्टी से कीटों और फफूंदी जनक रोगों को खत्म करने में सहायता करते हैं। यह मिटटी में पढ़े रोगों की फ़ैलाने वाली कीटाणुओं को खत्म करते है। ट्राइकोडर्मा पाउडर और स्यूडोमोनास फ्लूरसेंस पाउडर को हमें गोबर की खाद के साथ मिलकर अपने खेत में डालना पड़ता है।
गन्ना में कितनी मात्रा प्रयोग करें
स्यूडोमोनास फ्लूरसेंस 1% डब्ल्यु.पी. 2 किलोग्राम मात्रा को 2 से 3 क्वांटल गोबर की खाद में मिला कर 7 से 8 दिन के लिए छाओं में रख दें। ऐसे ही ट्राइकोडर्मा विरिडी 1% WP की 2 किलोग्राम मात्रा को 2 से 3 क्वांटल गोबर की खाद में मिला कर 7 से 8 दिन के लिए पेड़ या शेड के नीचे रख दें। इसके बाद खेत की आखरी जुताई से पहले इस गोबर की खाद को खेत में बिखेर कर जुताई कर दें। आपको इन दोनों के लिए अलग अलग गोबर की खाद का इस्तेमाल करना है।
नोट-बिजाई करने से पहले बीज उपचार भी आवश्यक कर ले। बीज उपचार फफूंदीनाशक और कीटनाशक से करें।
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