गन्ने में जड़ बेधक का नियंत्रण कैसे करे:- गन्ना एक ऐसी फसल है, जो 10 से 12 महीने में पककर तैयार होती है। आमतौर पर गन्ने की बिजाई अक्टूबर नवंबर से शुरू होकर मार्च अप्रैल तक चलती रहती है। ऐसे में कुछ किसानों ने अपने गन्ने की बिजाई मार्च अप्रैल में की होगी, उनकी गन्ने की फसल अभी जो यह 9 से 10 महीने की होगी और कटाई के लिए लगभग तैयार है। लेकिन गन्ने में कीट रोग इस समय भी किसानों का पीछा छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। गन्ने में कीट रोग इस समय भी देखे जा रहे हैं। ऐसा ही एक रोग जड़ बेधक जो गाने में इस समय गन्ने की फसल में देखा जा रहा है। यह हमारी गन्ने की पैदावार को घटा रहे हैं। जड़ बेधक की पहचान, रोकथाम का तरीका के बारे में संपूर्ण जानकरी के लिए आगे पूरा लेख पढ़ें।
गन्ने में जड़ बेधक की पहचान
गन्ने के जिन पौधों में जड़ बेधक लगा हुआ होता है। उनकी जड़ के ऊपरी पोरियाँ में छोटे-छोटे छिद्र दिखाई देते हैं, और पोरी के अंदर भाग पर बारूदे जैसा बीट भरा रहता है। रोग ग्रसित भाग लाल रंग का दिखाई पड़ता है। इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियां धीरे-धीरे पीली होकर सूखने लगती है। पौधे की ग्रोथ रुक जाती है। यह रोग आपकी गन्ने की फसल में किसी भी समय लग सकता है। लेकिन अबकी बार यह दिसंबर में भी इस रोग के काफी ज्यादा प्रकोप देखने को मिल रहा है। यह रोग आपकी गन्ने की पैदावार को घटा सकता हैं। क्योंकि इसमें जो कीट लगा रहता है। वह पौधे के अंदरूनी भाग को खाकर धीरे-धीरे खत्म कर देता है, और पौधा आगे ग्रोथ नहीं कर पाता।
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गन्ने में जड़ बेधक की रोकथाम
गाने में जड़ बेधक की रोकथाम के लिए आपको जड़ों में ही कीट नाशक डालना पड़ता है। क्योंकि खड़े गाने में स्प्रे करना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए इसमें किसान भाई नीचे दी गई इन कीटनाशकों का इस्तेमाल कर सकते हैं-
- इस रोग के नियंत्रण के लिए क्लोरपायरीफॉस 20% ई.सी 2 लीटर प्रति एकड़ और क्विनालफॉस 25 ई.सी 2 लीटर प्रति एकड़ को आपस में मिलाकर पानी के साथ जड़ों में डालें।
- दूसरा आप बाइफेंथ्रिन 10% ईसी 2 लीटर प्रति एकड़ और साथ में क्लोरपाइरीफोस 50%+साइपरमेथ्रिन 5% ईसी 2 लीटर प्रति एकड़ के हिसाब से भी पानी के साथ खेत में चला दे।
- इसके बाद आप कार्बोफ्यूरान 3% सीजी 12 से 15 किलोग्राम प्रति एकड़ का प्रयोग भी कर सकते हैं।
ऊपर दिए गए तरीकों का आप स्प्रे में इस्तेमाल न करें। इनको मिट्टी में जड़ों में ही प्रयोग करें। आप इनको खाद के साथ मिलकर भी प्रयोग कर सकते हैं। खाद के साथ प्रयोग करने के लिए किसान सावधानी बरतें हैं। क्योंकि यह गैस बनने वाली दवाइयां हैं। जो आपको नुकसान भी कर सकती हैं। इनका प्रयोग करते समय मास्क जरूर लगाएं।
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FAQ
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