गन्ना बुवाई करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:- गन्ना एक लंबे समय में पकने वाली फसल है। गन्ना की फसल पकने में 10 से 12 महीने का समय लेती है। इस फसल पर खर्च भी अधिक आता है। आजकल किसान गन्ने की बजाई अनेक विधियों से करते हैं। कुछ किसान भाई 4 से 5 फ़ीट पर बिजाई करते हैं। कुछ रिंग पिट विधि से, कुछ वर्टिकल विधि से तथा कुछ अपनी सामान्य विधि 20 से 30 इंच पर बिजाई करते हैं। किसान साथियों आप किसी भी विधि से बिजाई करें। लेकिन सामान्य और पुरानी विधि में सबसे कम खर्चे में गन्ना तैयार होता है। किसान साथियों गन्ने की बिजाई करते समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि आप कम खर्चे में अधिक पैदावार ले सकें और गन्ने जमाव भी अच्छे से हो। कुछ मुख्य बातें नीचे बताई गई है।
गन्ना बुवाई करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- जिस खेत में हम गन्ना बिजाई करते हैं। उसे खेत की हमें गहरी जुताई करनी चाहिए। ताकि हम जो गहरी मेढें बनाते हैं, वहां तक मिट्टी भुरभुरी बनी रहे।
- किसान साथियों गन्ना बिजाई से पहले हमें खेत में गोबर की खाद या फिर वर्मी कंपोस्ट पर्याप्त मात्रा में मिल लेना चाहिए। ताकि खेत में ऑर्गेनिक पदार्थ की पूर्ति बनी रहे।
- गन्ने की बिजाई करने में जल्दी न करें। गन्ना बिजाई के लिए 25 डिग्री से ऊपर का तापमान होना चाहिए। आमतौर पर 25 फरवरी के बाद ही गन्ने की बिजाई करें। जल्दी बिजाई करने पर गन्ने का जमाव लेट और कम होगा।
- हमें गन्ने की बिजाई हमेशा पलेवा करके ही करनी चाहिए। कुछ किसान गन्ने की बिजाई सूखे में कर देते हैं। उसमें कई बार जमाव में गड़बड़ी आ जाती है। लेकिन पलेवा करके अच्छा और बढ़िया जमाव होता है।
- गन्ने की बिजाई में हमें अच्छे बीज का चुनाव करना चाहिए। ऐसे खेत से बीज लें, जिसमें कोई रोग ना लगा हो और और गन्ना 8 से 9 महीने का होना चाहिए। जिस खेत की बिजाई अपने सबसे आखरी में की हो, उस खेत से बीज लें।
- गन्ने की हमेशा ऊपरी भाग की बिजाई करनी चाहिए और नीचे की चार से पांच परियों को आप गन्ना मील में बेच सकते हैं।
- गन्ने की बिजाई करते समय दो से तीन आंख की पोरी सबसे बेस्ट रहती है। इसका जमाव जल्दी और सबसे अच्छा आता है।
- गन्ना की बिजाई करते समय केमिकल फर्टिलाइजर्स जैसे डीएपी, यूरिया और पोटाश का पर्याप्त मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आपकी मिट्टी में दीमक की प्रॉब्लम है, तो आपको कीटनाशक भी अवश्य मिला लेना चाहिए।
- बिजाई से पहले बीज उपचार फफूंदी नाशक और कीटनाशक से अवश्य करें। ताकि गन्ने को किट रोगों और फंगस रोगों से बचाया जा सके।
- जिस खेत में पिछले वर्ष रेड रॉट या अन्य रोग की समस्या देखी गई हो। उसे खेत की मिट्टी का शोधन अवश्य करें। मिट्टी शोधन आप ट्राइकोडर्मा पाउडर और पीएसईउदोमिनास पाउडर से कर सकते हैं। हो सके तो ऐसे खेत में आप गन्ने की बिजाई न करें।
अगर आप ऊपर दी गई बातों का ध्यान रखते हैं। तो आप अपनी गन्ने की फसल से निश्चित ही अधिक पैदावार ले सकते हैं। आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी। कृपया कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और इसे आगे अन्य किसानों तक अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!
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